8 math

BIHAR BOARD CLASS 8TH MATH | ज्यामितीय आकृतियों की समझ

BIHAR BOARD CLASS 8TH MATH | ज्यामितीय आकृतियों की समझ

                        ज्यामितीय आकृतियों की समझ
रेखाखंडों से बनी विभिन्न आकृतियों को ज्यामितीय आकृति कहते हैं।
बहुभुज–रेखाखंडों की सहायता से बनी सरल एवं बंद आकृतियाँ बहुभुज कहलाती हैं।
आकृतियों को बनाने में जितने रेखाखंडों का इस्तेमाल होता है। वे उस बहुभुज की भुजाएँ होती
हैं। बहुभुज का नामकरण हम उसकी भुजा या उसके शीर्षों पर करते हैं।
    इस प्रकार आठ भुजाओं वाले बहुभुज को अष्टभुज, नौ भुजाओं वाले बहुभुज को नवभुज
कहते हैं।
विकर्ण– बहुभुज में उसके किसी दो शीर्षों को मिलाने वाला रेखाखंड उस बहुभुज का
विकर्ण कहलाता है।
ऊपर बने बहुभुजों में शीर्षों तथा विकर्णों के नाम लिखें-
आकृति-1                शीर्ष                    AB, BC, CD, AD
(चतुर्भुज)                विकर्ण                  AC, BD
आकृति-2                 शीर्ष                   AB, BC, CD, DC, EA
(पंचभुज)                विकर्ण                  EB, EC, AD, BD, AC
आकृति-3                 शीर्ष                   AB,BC, DC, ED, EF, FA
(षट्भुज)                 विकर्ण                 EA, EC, DF, DB, AC, BF
बहुभुज का अभ्यंतर एवं बर्हिभाग–किसी की बहुभुज के अंदर का भाग अभ्यंतर तथा
बाहर का भाग बर्हिभाग कहलाता है।
बहुभुज के प्रकार–
अवतल बहुभुज–जब किसी बहुभुज का कोई विकर्ण उस त्रिभुज के किसी दो ऐसे शीर्षों
को मिलाती है जिसके बहुभुज के एक नए भाग का निर्माण हो जो बहुभुज के बाहर हो, तो ऐसे
बहुभुज अवतल बहुभुज कहलाते हैं।
जैसे-
उत्तल बहुभुज–जिस बहुभुज के विकों को मिलाने से किसी नए भाग का निर्माण नहीं
होता है वे उत्तल बहुभुज कहलाते हैं।
जैसे-
सम बहुभुज–जब बहुभुज में सभी भुजाएँ एवं सभी अंत:कोण समान माप के होते हैं तो
वह समबहुभुज कहलाता है।
जैसे—वर्ग, आयत आदि।
विषम बहुभुज–जब किसी बहुभुज में सभी भुजाएँ तथा कोण समान नहीं होते तो वह
विषम बहुभुज कहलाता है।
बहुभुज के अंत:कोणों की मापों का योग–त्रिभुज के तीनों अंत:कोणों का योग 180°
होता है।
बहुभुज की भुजाओं की संख्या ज्ञात करने पर हम उसके सभी अंत:कोणों का योग ज्ञात कर
सकते हैं।
      n भुजाओं वाले बहुभुज के अंत:कोणों का योग = 2 (n–2)x 90°
उदाहरण–एक पंचभुज के पाँच बाह्य कोणों में से चार कोण क्रमश: 75°,55°, 80° एवं
60° है। उसका पाँचवा बाह्य कोण ज्ञात कीजिए।
हल : पंचभुज के बाह्य कोणों की मापों का योग 360° होता है।
पंचभुज के चार कोण = 75° + 55° + 80° + 60° = 270°
.:          पाँचवा कोण = 360°–270° = 90°
                                      प्रश्नावली-3.1
1. सरल एवं बंद आकृति क्या होती है ? उदाहरण देते हुए उसके प्रमुख गुणों को
समझाइए।
उत्तर-सरल एवं बंद आकृतियाँ वैसी होती हैं जो किसी क्षेत्रफल का निर्माण भी करती हैं
तथा कहीं पर एक-दूसरे को काटती नहीं हैं।
जैसे-
गुण–(i) यह एक बंद क्षेत्रफल का निर्माण करती हैं।
       (ii) ये रेखाएँ कहीं पर भी एक-दूसरे को कहीं भी नहीं काटती ।
2. निम्न आकृतियों में से पहचान करें की कौन-सी सरल हैं, कौन-सी बंद हैं पर सरल
नहीं हैं, कौन-सी खुली हैं, कौन-सी उत्तल एवं कौन-सी अवतल आकृति हैं ?
उत्तर–
3. नीचे दिए गए बहुभुज के नाम लिखिए तथा उसके सभी संभावित विकर्णे खींचिए :
विकर्णों की संख्या कितनी है ?
उत्तर–
विकर्ण की संख्या =5
4. नीचे के चित्र में कुछ कारें खड़ी हैं। बीच में चौकोर आकार का मैदान है। बताइए
कि कितनी कार बहुभुज के अभ्यंतर भाग में हैं ? कितनी बहिर्भाग में हैं ?
उत्तर–चौकोर आकार के मैदान में अभ्यंतर के 5 कारे हैं तथा बर्हिभाग में 3 कारें हैं।
5. नीचे के दो कॉलम में से एक में बहुभुज का नाम तथा दूसरे में उसकी भुजाओं की
संख्याएँ दी गई हैं, बहुभुज के नाम को उनकी भुजाओं की संख्या से मिलान कीजिए।
उत्तर–
       (a) त्रिभुज                           7
       (b) पंचभुज                          9
       (c) सप्तभुज                         3
       (d) नवभुज                           6
       (e) षट्भुज                           5
        उत्तर-(a)3,(b)5,(c)7,(d)9,(e)6।
6. एक बहुभुज के अन्तःकोणों के मापों का योग 540° है उसमें कितनी भुजाएँ हैं?
बताइए?
उत्तर–बहुभुज के अन्त:कोणों के मापों का योग = 540°
  .:                                    भुजाओं की सं० = 540/9 = 6
7. एक समबहुभुज की आठ भुजाएंँ हैं, उसके प्रत्येक बाह्यकोणों की माप ज्ञात कीजिए।
प्रत्येक अंतःकोण कितने माप का होगा?
उत्तर–समबहुभुज की भुजाएँ = 8
             बाह्य कोणों की सं० = 2 (x–2)x90° =2 (8–2)x90°
                                        =2x6x90° = 12×90° = 1080°
एक बाह्यकोण की सं० = 1080/8 = 135°
किसी भी बहुभुज के सभी अंत:कोणों की माप = 360° = 8
भुजाओं की संख्या = 8
.:  एक अंतकोण की माप = 360/8 = 45°
चतुर्भुज–चार रेखाखंडों से बनी आकृति को चतुर्भुज कहते हैं।
जैसे—वर्ग, आयत आदि इनके कोणे का कुल योग सदैव 360° होता है।
चतुर्भुजों के विभिन्न प्रकार होते हैं–
(i) समलंब चतुर्भुजः–जब किसी चतुर्भुज में सम्मुख भुजाओं के दो युग्मों में से
एक युग्म आपस में समानांतर हैं अर्थात् उसके कोण की माप 90° हो तो ऐसा चतुर्भुज समलंब
चतुर्भुज कहलाता है।
(ii) समांतर चतुर्भुज—ऐसा चतुर्भुज जिसमें आमने-सामने की भुजाएँ समांतर हों तो ऐसा
चतुर्भुज समांतर चतुर्भुज कहलाता है। समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण तथा सम्मुख भुजाएँ आपस में बराबर होते हैं।
(iii) समचतुर्भुज–ऐसा चतुर्भुज जिसकी सभी भुजाएँ आपस में बराबर होती हैं तथा सभी
कोण 90° के होते हैं। वर्ग भी एक समचतुर्भुज है।
(iv) आयत–ऐसा चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक अन्तःकोण
समकोण हो, आयत कहलाता है। आयत के सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं, विकर्ण समान लम्बाई के होते हैं तथा एक-दूसरे के समद्विभाजक होते हैं।
(v) वर्ग–ऐसा चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक अंत:कोण समकोण
हो, वर्ग कहलाता है। वर्ग की चारों भुजाएँ समान होती हैं, प्रत्येक कोण समकोण होता है। विकर्ण
समान लम्बाई के होते हैं तथा एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
                                        प्रश्नावली-3.2
1. समलंब क ख ग घ में कोण क = 100° तथा कोण ख = 110° हैं तब शेष दोनों कोणों
की माप क्या होगी ?
उत्तर– समलंब चतुर्भुज में सम्मुख कोणों का योग = 180°
.:       ∠क+∠ग = 180°
         100° + ∠ग  = 180°
                     ∠ग  = 180 – 100
                      ∠ग = 80°
इसी प्रकार,
             ∠ख+∠घ = 180°
         110° +∠घ  = 180°
                     ∠घ = 180°-110°
                     ∠घ = 70°
2. एक समांतर चतुर्भुज की आसन्न भुजाएँ 3:2 के अनुपात में हैं यदि पहली आसन्न
 भुजा 6 सेमी हो तब उस समांतर चतुर्भुज की परिमिति क्या होगी?
उत्तर- समांतर चतुर्भुज की आसन्न भुजाएँ आपस में समान होती हैं।
.:  AB = DC
    AD = BC
माना 3x = 6
          x= 3/6 =2
अब प्रश्नानुसार,
आसन्न भुजाएँ 3:2 के अनुपात में हैं।
पहली भुजा यानि 3x = 6
तो दूसरी भुजा = 2x = 2 × 2 = 4 cm.
समांतर चतुर्भुज की परिमिति = 2 (ल० + चौ०) = 2 (6+4) = 2×10 = 2 cm.
3. समांतर चतुर्भुज का एक कोण 120° है, तो उसके बाकी तीनों कोणों की माप क्या होगी?
उत्तर- समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण आपस में बराबर होते हैं।
.:      ∠A=∠C= 120°
  अब चतुर्भुज के गुणों से,
∠A+∠B+∠C+∠D=360°
120°+∠B+ 120° +∠D = 360°
∠B+ ∠D = 360-(120° + 120°)
∠B+∠D= 360-240°
∠B+∠D = 120°
       x+x= 120°            ∠B = ∠D (सम्मुख कोण)
        2x = 120°
           x= 120°/2
           x= 60°
∠B=∠D= 60°
4. एक समचतुर्भुज के विकर्णों की लम्बाई 6 मीटर एवं 8 मीटर है तो उसके प्रत्येक भुजा
की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
उत्तर-समचतुर्भुज ABCD में विकर्ण AC = 8 cm.
                                                  BD=6cm.
विकर्ण AC तथा BD एक दूसरे को O पर
समद्विभाजित करते हैं।
जब ∆ AOD में, AO=4,OD=3
ph-18,19
 समचतुर्भुज में सभी भुजाएँ समान होती हैं।
.:  AB=BC=DC= AD = 5 cm.
5. एक आयत और समांतर चतुर्भुज में क्या समानता और क्या अंतर हैं ? लिखिए।
उत्तर–आयत तथा समांतर चतुर्भुज में समान्ताएँ-
(i) आयत तथा समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं।
(ii) आयत तथा समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
आयत तथा समांतर चतुर्भुज में अंतर-
(i) आयत के विकर्ण आपस में समान होते हैं लेकिन समांतर चतुर्भुज की विकर्णों की लम्बाई
आपस में समान नहीं होती।
(ii) आयत का प्रत्येक कोण समकोण होता है। लेकिन समांतर चतुर्भुज में यह आवश्यक
नहीं होता है।
(iii) आयत के विकर्ण समान लम्बाई के होते हैं लेकिन समांतर चतुर्भुज में नहीं।
                                           ◆◆◆

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *