8TH SST

class 8th history notes | स्वतंत्रता के बाद

class 8th history notes | स्वतंत्रता के बाद

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स्वतंत्रता के बाद
विभाजित भारत का जन्म
पाठ का सारांश-15 अगस्त, 1947 को, दो सदियों के संघर्ष के बाद भारत आजाद हुआ। पर आजाद भारत के सामने कई समस्याएँ थीं। 1 करोड़ों शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आने को बाध्य हुए थे। इनके रहने और काम देने की व्यवस्था करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। लगभग 500 से अधिक देशी रियासतों के विलय की समस्या भी चुनौती के रूप में सामने खड़ी थी। इन सबों के साथ-साथ देश को एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था भी प्रदान करनी थी जो सबके लिए उपयोगी एवं उनकी उम्मीदों के अनुरूप हो । हमारे देश में कई समुदाय, जाति, भिन्न भाषा-भाषी समूह के लोगों को एक राष्ट्र के रूप में संगठित करने की समस्या थी । देश का आर्थिक विकास भी एक बड़ी समस्या थी। उस समय देश की आबादी लगभग 34.5 करोड़ थी। अन्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कृषिक विकास की जरूरत थी। क्योंकि कृषि पर उस समय लगभग 90% जनता निर्भर थी। मॉनसून पर निर्भर कृषि के लिए सिंचाई की भी व्यवस्था करनी थी। शहर में रहने वाले औद्योगिक मजदूरों की स्थिति भी दयनीय थी। उनके और उनके बच्चों का शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधा भी नहीं थी। अतः कृषि के साथ-साथ औद्योगिक विकास की भी आवश्यकता थी ताकि रोजगार की प्राप्ति के साथ-साथ लोगों का जीवन स्तर उठ सके। साथ ही देश में साम्प्रदायिकता के माहौल को खत्म कर देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाना थ।
नए संविधान का निर्माण:- एक संविधान सभा का गठन किया गया जिसके लगभग 300 प्रतिनिधि देश भर से चुनकर आए थे। दिसम्बर, 1946 से नवम्बर, 1949 तक गंभीर विचार-विमर्श के बाद भारत का संविधान लिखा गया। 26 जनवरी, 1950 को इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया। हमारे देश ने केन्द्र को तो शक्तिशाली बनाया पर ऐसी व्यवस्था भी की, कि केन्द्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति न बने और सब मिलकर देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता को मजबूत और सक्षम बनाएँ। हिन्दी को राजभाषा बनाया गया। पर, दक्षिण भाषा-भाषी एवं अन्य भाषा-भाषियों की सुविधा के लिए अदालतों सहित अन्य सेवाओं में अंग्रेजी को कामकाज की भाषा के रूप में अपनाया गया। संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेदकर थे। संविधान निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार भी दिये गये और मौलिक कर्तव्य भी बताए गए।

राज्यों का पुनर्गठन किया गया:—देश में दंगों और विभाजन के बाद की स्थिति को देखते हुए पहले तो नेहरू और पटेल ने भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया। पर आंध्र प्रदेश में उग्र आंदोलन हुआ तो वहाँ फैली अराजकता के कारण । अक्टूबर, 1953 को आंध्रप्रदेश के रूप में एक नए राज्य का गठन हुआ। फिर तो ‘राज्य पुनर्गठन आयोग’ का गठित कर आखिर भाषा-बहुलता के आधार पर ही राज्यों का गठन हुआ। आखिरी राज्य बिहार को काटकर झारखंड बना जो देश का 28वाँ राज्य है।

विकास की यात्रा:-  देश को राजनीतिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए इसे आर्थिक रूप से कृषि और उद्योग के क्षेत्र में सुदृढ़ करना था। अतः इसके लिए 1950 में योजना आयोग का गठन किया गया। योजना आयोग ने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी करने का सफल प्रयास किया ।

लोकतांत्रिक सशक्तिकरण:- आजादी के बाद देश में लोकतंत्र को विभिन्न राजनीतिक दलों ने मिलकर सशक्त बनाया । कई समस्याओं के बावजूद भारत ने सफलतापूर्वक आर्थिक विकास, राज्यों का पुनर्गठन, भाषायी विवादों का निपटारा और साम्प्रदायिक शक्तियों पर नियंत्रण किया।

गुटनिरपेक्षता की नीति:-भारत में किसी भी विदेशी गुट या शक्ति केन्द्र की तरफ झुकने से इन्कार कर गुटनिरपेक्षता की नीति को अपनाया और अपनी स्वतंत्रता बरकरार रखी।

नई राजनीतिक व्यवस्था का जन्म गठबंधन एवं मोर्चे की राजनीतिक:- -1989 के बाद से देश की जनता ने केन्द्र में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं दिया। तब से देश में गठबंधन की सरकार बनना शुरू होने से, नयी राजनीतिक व्यवस्था का जन्म हुआ। इससे क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी।

गणतंत्र के साठ वर्षों के बाद:-  स्वतंत्रता के बाद से हमारा देश आज तक संसदीय लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है। यह हमारे देश के लिए एक महान उपलब्धि है। पूरा विश्व इसके लिए हमारी सराहना करता है। कई अलगाववादी आन्दोलनों के बाद भी देश को एकता व अखंडता को कोई नुकसान नहीं पहुँचा । अब तक भारत में सफलतापूर्वक लोकसभा के 14 आम चुनाव एवं सैंकड़ों विधान सभा एवं स्थानीय निकायों के चुनाव हो चुके । आज हमारा देश, विश्व में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो अपनी गरिमा बना चुका है।

क्या आपके भी सपनों का भारत ऐसा हो सकता है:-  आशा की जानी चाहिए कि आने वाले कुछ वर्षों के बाद भारत में शहरों एवं गाँवों का फासला मिट जाए। यहाँ के नागरिकों को तमाम मूलभूत सुविधाओं के साथ एक ईमानदार एवं पारदर्शी सरकार मिले जो भ्रष्टाचार से पूर्णत: मुक्त हो और यहाँ किसी का शोषण न हो। तब, हमारा देश सही अर्थों में समृद्ध हो जाएगा।
अभ्यास
आइए फिर से याद करें-
1. सही विकल्पों को चुनें :
(i)”वर्षों पहले हमने भविष्य को प्रतिज्ञा दी थी,” किसके भाषण का अंश है ?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) जवाहरलाल नेहरू
(ग) राजेन्द्र प्रसाद
(घ) वल्लभ भई पटेल
(ii)आजादी के समय भारत के पास कौन-सी समस्या नहीं थी?
(क) देशी रियासतों के विलय (ख) शरणार्थी की समस्या
(ग) पुनर्वास की समस्या
(घ) नेतृत्व की समस्या
(iii) इनमें से कौन सही नहीं है ?
(क) आजादी के समय देश की आबादी लगभग 34.5 करोड़ थी।
(ख) भारत खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर था
(ग) 90 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर थी
(घ) भारत में उद्योग की कमी थी
(iv) विभाजन के समय सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
(क) धार्मिक उन्माद (ख) गरीबी (ग) जातिवाद (घ) बिजली
(v)भाषा के आधार पर सबसे पहले किस राज्य का गठन हुआ?
(क) उत्तर प्रदेश (ख) हिमाचल प्रदेश (ग) आंध्र प्रदेश (घ) तमिलनाडु
(vi) “अगर हिन्दी उनपर थोपी गई तो बहुत सारे लोग भारत से अलग हो    जाएँगे” किसने कहा?
(क) राजगोपालाचारी (ख) सरदार पटेल (ग) राधाकृष्णन                    (घ) कृष्णमाचारी
(vii) ‘सम्पूर्ण क्रांति’ का नारा किसने दिया?
(क) जयप्रकाश नारायण
(ख) विनोबा भावे
(ग) महात्मा गाँधी
(घ) अन्ना हजारे
(viii) भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किसने किया ?
(क) जवाहरलाल नेहरू
(ख) बल्लभ भाई पटेल
(ग) उपरोक्त दोनों
(घ) किसी ने नहीं
(ix) पोखरण-1 का परीक्षण किसके प्रधानमंत्रित्व काल में हुआ?
(क) जवाहरलाल नेहरू
(ख) इंदिरा गाँधी
(ग) मोरराजी देसाई
(घ) अटल बिहारी वाजपेयी
(x)संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में किसने हस्ताक्षर किया?
(क) जवाहरलाल नेहरू
(ख) राजेन्द्र प्रसाद
(ग) महात्मा गांधी
(घ) वल्लभ भाई पटेल
उत्तर-(i) (ख), (ii) (घ), (iii) (ख), (iv) (क), (v) (ग), (vi) (घ), (vii)
(क), (viii) (ग), (ix) (ख), (x) (क)।
आइए विचार करें-
(i) आजादी के समय भारतीय कृषि किस पर निर्भर थी?
उत्तर-आजादी के समय भारतीय कृषि मौनसून (वर्षा) पर निर्भर थी। कृषि पर उस समय 90% जनता निर्भर थी। सिंचाई की व्यवस्था विकसित नहीं थी। वर्षा नहीं होने से किसानों को तो अकाल का सामना करना ही पड़ता था, कृषकों पर निर्भर अन्य पेशा के लोग जैसे नाई, बढ़ई, लोहार एवं कारीगर वर्ग भी संकट में आ जाते थे।
(ii) आजादी के समय सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
उत्तर-आजादी के साथ-साथ देश का विभाजन भी हुआ था। भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या लगभग 1 करोड़ शरणार्थियों की थी जिन्हें दंगों के कारण पाकिस्तान से भारत आने पर बाध्य होना पड़ा था। इनके रहने और इनको काम देने की व्यवस्था करना भारतीय सरकार की सबसे बड़ी समस्या थी।
(iii) हिन्दी भाषा का विरोध किसने किया?
उत्तर-संविधान सभा में भाषा के मुद्दे पर लम्बी बहस हुई। अधिकांश लोग अंग्रेजी की जगह हिन्दी को अपनाना चाहते थे। लेकिन गैर हिन्दीभाषियों ने इसका विरोध किया। टी. टी. कृष्णाचारी ने दक्षिण के लोगों की ओर से चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन पर हिन्दी थोपी गई तो बहुत सारे लोग भारत से अलग हो जाएंगे।
(iv) भाषायी आधार पर बनने वाले पांच राज्यों के नाम बताएं।
उत्तर-भाषायी आधार पर बनने वाले पांच राज्यों के नाम इस प्रकार हैं—आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा ।
(v) योजना आयोग का गठन कब किया गया?
उत्तर-योजना आयोग का गठन सन् 1950 ई. में किया गया ।
आइए करके देखें-
(i) हमारे संविधान में देश की एकता एवं अखण्डता का भरपूर ख्याल रखा गया है। इस विषय पर वर्ग में सहपाठियों के साथ चर्चा करें।
उत्तर-हमारे संविधान में केन्द्र और राज्य सरकार के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन किया गया है ताकि केन्द्र और राज्य के बीच टकराव न हो। हमारी संविधान सभा ने केन्द्र को बहुत शक्तिशाली बनाया है ताकि केन्द्र की एकता, सुरक्षा और अखंडता को सुरक्षित रख सके केन्द्र सरकार को कराधान, संचार, रक्षा और विदेश नीति की जिम्मेदारी दी गई।
(ii) आज हमारे देश की स्थिति क्या है ? हम कहाँ तक सफल रहे हैं ? इस सम्बन्ध में अपने विचार से सहपाठियों को अवगत कराएं।
उत्तर—आज हमारा देश एक सशक्त लोकतांत्रिक देश के रूप में विश्व परिदृश्य में अपनी उपस्थिति करा चुका है। अब हमारी अर्थव्यवस्था भी काफी मजबूत हो गयी है। कृषि, उद्योग, व्यवसाय के क्षेत्र में हमारे देश ने बहुत तरक्की कर ली है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी हमारे देश ने काफी विकास कर लिया है। आर्थिक क्षेत्र में हमारा देश अब आत्मनिर्भर है। हम एक लोकतांत्रिक देश के रूप में अत्यन्त सफल रहे हैं।

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