Bihar board history chapter 10 class 11th
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मूल निवासियों का विस्थापन
(DISPLACING/INDIGENOUS PEOPLES)
• सत्रहवीं शताब्दी के बाद स्पेन और पुर्तगाल के अमेरिकी साम्राज्य का विस्तार रुक गया।
तब तक फ्रांस-हालैंड और इंग्लैंड आदि देशों ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार
करना और अमेरिका, अफ्रीका तथा एशिया में अपने उपनिवेश बसाना आरंभ कर दिया था।
• दक्षिणी एशिया में व्यापारिक कंपनियों ने अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित की। उन्होंने स्थानीय
शासकों को हराकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया ।
• दक्षिणी अफ्रीका को छोड़कर शेष पूरे अफ्रीका में यूरोपीय लोग समुद्र तटों पर ही व्यापार
करते रहे। 19वीं सदी के अंतिम चरण में ही वे अफ्रीका के भीतरी भागों में जाने का साहस
कर सके । बाद में कुछ यूरोपीय देशों ने अपने उपनिवेशों के रूप में अफ्रीका का बँटवारा।
करने का समझौता किया ।
17वीं शताब्दी में यूरोपीय व्यापारी उत्तरी अमेरिका के उत्तरी तट पर पहुँचे । ये लोग मछली
और रोएँदार खाल के व्यापार के लिए आए थे। इस काम में कुशल स्थानीय लोगों ने उनकी
सहायता की।
•उत्तरी अमेरिका महाद्वीप उत्तरध्रुवीय वृत्त से लेकर कर्क रेखा तक फैला हुआ है । दूसरी
ओर इसका विस्तार प्रशांत महासागर से अटलांटिक महासागर तक है।
• उत्तरी अमेरिका के सबसे पहले निवासी 30,000 साल पहले बेरिंग स्टेट्स के आर-पार फैले
भूमि सेतु के मार्ग के द्वारा एशिया से आए थे। लगभग 10,000 साल पहले वे आगे दक्षिण
की ओर बढ़े।
•उत्तरी अमेरिका के लोग नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों मे समूह बनाकर रहते थे।
वे मछली और मांस खाते थे और सब्जियाँ तथा मक्का उगाते थे।
• व्यापारी के रूप में आने वाले यूरोपीय लोगों के पीछे-पीछे अमेरिका में बसने के लिए भी
यूरोपीय आए । इनमें से कई लोग धार्मिक उत्पीड़न के शिकार थे।
•थॉमस जेफर्सन (संयुक्त राज्य अमेरिका का तीसरा राष्ट्रपति) अमेरिका को यूरोपीय लोगों
से आबाद छोटे-छोटे खेतों वाला एक देश बनाना चाहता था। वहाँ के मल निवासी उसके
इस दृष्टिकोण को समझने में असमर्थ रहे ।
•कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका 18वीं शताब्दी के अंत में अस्तित्व में आए थे। उस
समय उनके पास अपने वर्तमान क्षेत्रफल का एक छोटा-सा भाग ही था ।
• यूरोपीय आबादकारों ने उत्तरी अमेरिका में बड़े पैमाने पर भूमियाँ साफ करके खेती करनी
शुरू कर दी । उन्होंने मूल निवासियों को वहाँ से खदेड़ दिया ।
•उत्तरी अमेरिका (कैलिफोर्निया) में सोना होने का पता चलने पर बड़ी संख्या में यूरोपीय
लोग वहाँ जा पहुँचे । इसे गोल्ड रश (Gold Rush) कहते हैं।
•गोल्ड रश के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा में रेलवे का निर्माण हुआ और
बड़े-बड़े औद्योगिक नगर अस्तित्व में आए ।
•अमेरिका के दक्षिणी प्रदेश की गर्म जलवायु को यूरोपीय लोग सहन नहीं कर पाये । अतः
वहाँ अफ्रीका से खरीद कर लाये गए दासों से खेती का काम लिया गया ।
•दास प्रथा विरोधी समूहों के विरोध के कारण दासों के व्यापार पर रोक लग गई । परंतु
जो अफ्रीकी दास संयुक्त राज्य अमेरिका में थे वे और उनके बच्चे दास ही बने रहे।
•ऑस्ट्रेलिया में मानव निवास का इतिहास काफी लंबा है। आरंभिक मनुष्य या आदिमानव
जिन्हें ‘ऐयारिजिनीज’ कहते हैं, ऑस्टेलिया में लगभग 40,000 साल पहले आने शुरू हुए थे।
•ऑस्टेलिया में बढ़ी संख्या में ब्रिटिश कैदियों को निर्वासित किया गया । कारावास की अवधि
पूरी होने पर वे स्थायी रूप से ऑस्ट्रेलिया में बस गए।
•ब्रिटिशों ने ऑस्ट्रेलिया में मूल निवासियों के प्रति वही नीति अपनाई जो अमेरिका के मूल
निवासियों के प्रति अपनाई गई थी अर्थात् उन्हें उनकी भूमियों से खदेड़ दिया गया और
नागरिक अधिकारों से वंचित रखा गया ।
•अब ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की परंपराओं तथा इतिहास को फिर से जीवित करने का
प्रयास किया जा रहा है।
1. उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों ने अपना इतिहास लिखना कब आरम्भ किया ?
(क) 1840
(ख) 1860
(ग) 1740
(घ) 1960
2.निम्नलिखित में किसके लिए सेटलर शब्द का प्रयोग नहीं हुआ ?
(क) डच
(ख) पुर्तगाली
(ग) ब्रिटिश
(घ) यूरोपीय
3.कनाडा का एक महत्वपूर्ण उद्योग क्या है ?
(क) मत्स्य उद्योग
(ख) फर्न उद्योग
(ग) लौह उद्योग
(घ) टीन उद्योग
4.किसी स्थान का बाशिंदा कौन है ?
(क) जहाँ उसे वोट देने का अधिकार हो
(ख) जहाँ से उसे जीविका मिले
(ग) जहाँ उसके माता-पिता रहते हों
(घ) जहाँ वह पैदा हुआ हो उत्तर-(घ)
5.चिरोकी उत्तरी अमेरिका एक्ट कब बना?
(क) हवाई जहाज
(ख) जीप
(ग) काक
(घ) बाल कटाई
6. यूरोपीय उत्तरी अमेरिका से क्या खरीदना चाहते थे?
(क) गेहूँ
(ख) सुअर
(ग) मछली और रोएदार खाल
(घ) मक्खन
7. कनाडा इन्डियन्स एक्ट कब बना?
(क) 1691
(ख) 1791
(ग) 1876
(घ) 1991
8. संयुक्त राज्य अमेरिका की कौन-सी सरहद (फ्रंटियर) खिसकती रहती थी ?
(क) पूर्वी
(ख) पश्चिमी
(ग) उत्तरी
(घ) दक्षिणी
9. प्रेयरी चरागाह कहाँ था ?
(क) उत्तरी अमेरिका में
(ख) दक्षिणी अमेरिका में
(ग) आस्ट्रेलिया में
(घ) इंगलैंड में
10. उत्तरी अमेरिका के आबादकार (सेटलर) कहाँ से दास खरीदते थे?
(क) दक्षिणी अमेरिका से
(ख) अफ्रीका से
(ग) मुबंगाल में
(घ) दक्षिणी एशिया से उत्तर-( ख )
11. कनाडाई राज्यों के महासंघ का निर्माण कब हुआ?
(क)1667
(ख) 1767
(ग) 1867
(घ) 1967
12. नश्तत्वशास्त्र का विकास कहाँ हुआ था?
(क) इंग्लैंड में
(ख) जर्मनी में
(ग) फ्रांस में
(घ) पोलैंड में
13. जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स ने अमेरिकी फ्रटियर किस रूप में देखा है ?
(क) पूँजीवादी यूरोपिया
(ख) समाजवादी यूरोपिया
(ग) जमाखोर
(घ) दानी
14. सिडनी कहां स्थित है ?
(क) उत्तरी अमेरिका में
(ख) दक्षिण अमेरिका में
(ग) पुर्तगाल में
(घ) आस्ट्रेलिया में
15. आस्ट्रेलिया के मूल निवासी कहाँ से आये थे?
(क) न्यूगिनी
(ख) तस्मानिया
(ग) सिडनी
(घ) न्यू साउथवेल्स
16. आस्ट्रेलिया को किस यूरोपीय देश ने अपना उपनिवेश बनाया?
(क) फ्रांस
(ख) पुर्तगाल
(ग) इंगलैंड
(घ) स्पेन
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. सेटलर’ (आबादकर) शब्द से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-‘सटलर’ शब्द से अभिप्राय किसी स्थान पर बाहर से आकर बसे लोगों से है।
इस शब्द का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में डचों के लिए, आयरलैंड, न्यूजीलैंड तथा ऑस्टेलिया में
ब्रिटिश लोगों के लिए और अमेरिका में यूरोपीय लोगों के लिए किया जाता है।
प्रल 2 दक्षिण अफ्रीका तथा अमेरिका में यूरोप उपनिवेशों को राजभाषा कौन-सी थी?
उत्तर-कनाडा को छोड़कर इन सभी उपनिवेशों को राजभाषा अंग्रेजी थी। कनाडा में
अँग्रेजी के साथ- साथ फ्रांँसीसी भी एक राजभाषा थी।
प्रश्न 3. ‘नेटिव’ (मूल निवासी) शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-‘नेटिव’ शब्द उस व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जो अपने वर्तमान निवास
स्थान पर ही पैदा हुआ हो। 20वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में यह शब्द यूरोपीय लोगों
द्वारा अपने उपनिवेशों के मूल निवासियों के लिए किया जाता था।
प्रश्न 4. ‘अमेरिका की पूर्व संध्या’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-अमेरिका की पूर्व संध्या से अभिप्राय उस समय से है जब यूरोपीय लोग अमेरिका
में आए और उन्होंने इस महादीप को अमेरिका का नाम दिया ।
प्रश्न 5. उत्तरी अमेरिका के आरंभिक निवासियों की जीवन शैली की कोई तीन
विशेषताएं बताएं।
उत्तर-(i) उत्तरी अमेरिका के आरंभिक निवासी नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में
समूह बना कर रहते थे।
(ii) वे मछली और मांस खाते थे और सब्जियाँ तथा मक्का उगाते थे ।
(ii) वे प्रायः मांस की तलाश में लंबी यात्राएँ करते थे । मुख्य रूप से उन्हें ‘वाइर्सेन’
अर्थात् उन जंगली भैंसों की तलाश रहती थी, जो घास के मैदानों में घूमते रहते थे।
प्रश्न 5. A. वेमपुम (Wampum) वेल्ट क्या थी?
उत्तर-वेमपुम बेल्ट रंगीन सीपियों को आपस में सिलकर बनाई जाती थी। किसी समझौते
के बाद अमेरिका के स्थानीय कबीलों के बीच इसका आदान-प्रदान होता था ।
प्रश्न 6. उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों की परंपरा की एक महत्वपूर्ण विशेषता
बताइए।
उत्तर- औपचारिक संबंध स्थापित करना, मित्रता करना तथा उपहारों का आदान-प्रदान करना।
प्रश्न 7. यूरोपीय लोगों को उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों पर किस बात ने अपनी
शर्ते थोपने में सक्षम बनाया ?
उत्तर-उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी शराब से परिचित नहीं थे। परंतु यूरोपियों ने उन्हें
शराब देकर शराब पीने का आदी बना दिया । शराब उनकी कमजोरी बन गई। उनकी इसकी
कमजोरी ने यूरोपीय लोगों को उन पर अपनी शर्ते थोपने में सक्षम बनाया ।
प्रश्न 8. पश्चिमी यूरोप के लोगों को अमेरिका के मूल निवासी असभ्य क्यों प्रतीत हुए?
उत्तर-अठारहवीं शताब्दी में पश्चिमी यूरोप के लोग ‘सभ्य’ मनुष्य की पहचान साक्षरता,
संगठित धर्म और शहरीपन के आधार पर करते थे। इसी दृष्टि से उन्हें अमेरिका के मूल निवासी
‘असभ्य’ प्रतीत हुए।
प्रश्न 9. विभिन उपहारों के आदान-प्रदान के प्रति उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों
तथा यूरोपीयों के दृष्टिकोण में क्या अंतर था ?
उत्तर-उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के साथ जिन चीजों का आदान-प्रदान
करते थे, वे उन्हें मैत्री में मिले उपहार मानते थे। दूसरी ओर अमीरी का सपना देखने वाले यूरोपीय
लोगों के लिए मछली और रोएँदार खालें मुनाफा कमाने के लिए बेची जाने वाली वस्तुएँ थीं।
प्रश्न 10. यूरोपीय लोगों ने अमेरिका में अपनी जमीनों पर मुख्य रूप से कौन-सी
फसलें उगाई और क्यों?
उत्तर- यूरोपीय लोगों ने अमेरिका में अपने खेतों पर धान और कपास आदि फसलें उगाईं।
इसका कारण यह था कि ये फसलें यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं। इसीलिए यूरोप में इन्हें
ऊँचे लाभ पर बेचा जा सकता था।
प्रश्न 11. यूरोपीय बागान मालिक लोग दक्षिण अमेरिका में दासों से काम क्यों लेना
चाहते थे? इस संबंध में उन्हें क्या समस्या आई ?
उत्तर-यूरोपीय लोगों के लिए अमेरिका के दक्षिणी प्रदेश की जलवायु काफी गर्म थी।
ऐसी जलवायु में उनके लिए घर से बाहर (खेतों पर अथवा बागानों में) काम कर पाना कठिन
था । इसलिए वे दासों से काम लेना चाहते थे।
प्रश्न 12. अमेरिका में यूरोपीय लोगों को अफ्रीका से दास क्यों खरीदने पड़े ? क्या
इन दासों को दासता से मुक्ति मिली ?
उत्तर-यूरोपीय लोगों को अपने खेतों पर काम करने के लिए दासों की जरूरत थी। परंतु
दक्षिणी अमेरिकी उपनिवेशों से दास बना कर लाए गए मूल निवासी बहुत बड़ी संख्या में मौत
का शिकार हो गए थे। इसीलिए बागान मालिकों को अफ्रीका से दास खरीदने पड़े। समय
बीतने पर दासों के व्यापार पर तो रोक लग गई । परंतु अफ्रीकी दासों को दासता से मुक्ति न
मिली । वे और उनके बच्चे दास ही बने रहे।
प्रश्न 13. संयुक्त राज्य अमेरिका में दास प्रथा का अंत किस प्रकार हुआ?
उत्तर-संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी राज्यों का अर्थतंत्र बागानों पर आधारित न होने
के कारण दास प्रथा पर आधारित नहीं था। अतः वहाँ दास प्रथा को समाप्त करने के पक्ष में
आवाज उठने लगी और उसे एक अमानवीय प्रथा बताया गया । 1861-65 में दास प्रथा के
समर्थक तथा उसके विरोधी राज्यों के बीच युद्ध हुआ। इसमें दासता विरोधियों की जीत हुई और
दास प्रथा समाप्त कर दी गई।
प्रश्न 14. दक्षिणी और उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों के बीच के फर्को (अंतर)
से संबंधित किसी भी बिंदु पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर–दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासियों के विपरीत उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी
बड़े पैमाने पर खेती नहीं करते थे। वे अपनी आवश्यकता से अधिक उत्पादन करते थे।
इसलिए वे दक्षिणी अमेरिका की तरह राज्य और साम्राज्य स्थापित न कर सके।
प्रश्न 15. अमेरिकियों के लिए ‘फ्रंटियर’ के क्या मायने (अर्थ) थे ? (T.B.Q.)
उत्तर-यूरोपियों द्वारा जीती गई भूमि तथा खरीदी गई भूमि के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका
का विस्तार होता रहता था । इससे अमेरिका की पश्चिमी सीमा खिसकती रहती थी। इसके साथ
मूल अमेरिकियों को भी पीछे हटना पड़ता था। वे राज्य की जिस सीमा तक पहुँच जाते थे उसे
‘फ्रांटियर’ कहा जाता है।
प्रश्न 16. कनाडा की ब्रिटिश सरकार के सामने फ्रांसीसियों के संबंध में क्या समस्या
थी? इसे किस प्रकार सुलझाया गया ?
उत्तर-कनाडा की ब्रिटिश सरकार के सामने एक समस्या थी, जो लंबे समय तक हल
नहीं हो पाई थी। 1763 में ब्रिटेन ने फ्रांस के साथ हुई लड़ाई में कनाडा को जीत लिया था।
वहाँ बसे फ्रांसीसी लगातार स्वायत्त राजनीतिक दर्जे की मांग कर रहे थे। अंतत: 1867 में कनाडा
को स्वायत्त राज्यों के एक महासंघ के रूप में संगठित करके इस समस्या को हल किया गया।
प्रश्न 17. चिरोकी कौन थे ? उनके साथ क्या अन्याय हो रहा था ?
उत्तर-चिरीकी संयुक्त राज्य अमेरिका के एक राज्य जार्जिया के मूल निवासी थे। वहाँ के
मूल निवासियों में चिरीकी ही ऐसे थे जिन्होंने अंग्रेजी सीखने और अंग्रेजों की जीवन-शैली समझने
का सबसे अधिक प्रयास किया था। उन पर राज्य के कानून तो लागू होते थे, परंतु उन्हें नागरिक
अधिकारों से वंचित होना पड़ता था।
प्रश्न 18. अमेरिका में मूल निवासियों से जमीनें प्राप्त करने वाले लोग किस आधार
पर अपने आप को उचित ठहराते थे?
उत्तर-मूल निवासियों से जमीनें प्राप्त करने वाले लोग इस आधार पर अपने आप को उचित
ठहराते थे कि मूल निवासी जमीन का अधिकतम प्रयोग करना नहीं जानते । इसलिए वह उनके
पास रहनी ही नहीं चाहिए। वे यह कह कर भी मूल निवासियों की आलोचना करते कि वे आलसी
हैं। इसलिए वे बाजार के लिए उत्पादन करने में अपने शिल्प-कौशल का प्रयोग नहीं करते हैं।
अंग्रेजी सीखने और ढंग के कपड़े पहनने में भी उनकी कोई रुचि नहीं है।
प्रश्न 19. उत्तरी अमेरिका के संदर्भ में ‘रिजर्वेशंस’ (आरक्षण) क्या थे?
उत्तर-उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों को छोटे-छोटे प्रदेशों में सीमित कर दिया गया।
था। यह प्रायः ऐसी जमीन होती थी जिनके साथ उनका पहले से कोई नाता नहीं होता था।
इन्हीं जमीनों को रिजर्वेशन अथवा आरक्षण कहा जाता था।
प्रश्न 20. अमेरिका के मूल निवासियों ने अपनी जमीनें संघर्ष करने के बाद ही छोड़ी थीं।
इसके पक्ष में उदाहरण दीजिए।
उत्तर-अमेरिका के मूल निवासियों ने वास्तव में अपनी जमीनों के लिए संघर्ष किया था।
इसके पक्ष में यह तर्क दिया जा सकता है कि संयुक्त राज्य की सेना को 1865 से 1890ई.
के बीच मूल निवासियों के विद्रोहों की एक पूरी श्रृंखला का दमन करना पड़ा था। इसी प्रकार
1869-1885 ई. के बीच कनाडा में मेटिसों (यूरोपीय मूल निवासियों के वंशज) के विद्रोह हुए थे।
प्रश्न 21. उत्तरी अमेरिका में 1840 के दशक में मानवशास्त्र विषय का आरंभ क्यों
हुआ?
उत्तर-1840 के दशक में उत्तरी अमेरिका में मानवशास्त्र विषय का आरंभ स्थानीय
‘आदिम’ समुदायों तथा यूरोप के ‘सभ्य’ समुदायों के बीच अंतर को जानने के लिए हुआ। कुछ
मानवशास्त्रियों ने यह स्थापित किया कि जिस प्रकार यूरोप में ‘आदिम’ लोग नहीं पाये जाते, उसी
प्रकार अमेरिका के मूल निवासी भी नहीं रहेंगे।
प्रश्न 22. ‘गोल्ड रश’ को किस बात ने जन्म दिया? यह क्या था ?
उत्तर-यूरोपीय लोगों को इस बात की आशा थी कि उत्तरी अमेरिका में धरती के नीचे
सोना है। 1840 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिन्ह मिले । इसने
‘गोल्ड रश’ को जन्म दिया । ‘गोल्ड रश’ उस आपाधापी का नाम है जिसमें हजारों की संख्या
में यूरोपीय लोग सोना पाने की आशा में अमेरिका जा पहुँचे ।
प्रश्न 23. अमेरिका महाद्वीप के लिए गोल्ड रश किस प्रकार वरदान सिद्ध हुआ?
उत्तर-गोल्ड रश को देखते हुए पूरे महाद्वीप में रेलवे-लाइनों का निर्माण किया गया ।
इसके लिए हजारों चीनी श्रमिकों की नियुक्ति हुई। 1870 में संयुक्त राज्य अमेरिका में तथा 1885
में कनाडा में रेलवे का काम पूरा हो गया । स्कॉटलैंड से आने वाले एक अप्रवासी एड्रिड कानेगी
ने कहा था, “पुराने राष्ट्र घोंघे की चाल से सरकते हैं । नया गणराज्य किसी एक्सप्रेस की गति
से दौड़ रहा है।”
प्रश्न 24, उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकास के कौन-से दो मुख्य उद्देश्य थे?
उत्तर-उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकास के निम्नलिखित उद्देश्य थे–
(i) विकसित रेलवे के साज-समान बनाना ताकि दूर-दूर के स्थानों को तीव्र परिवहन द्वारा
जोड़ा जा सके।
(ii) ऐसे यंत्रों का निर्माण करना जिनसे बड़े पैमाने पर खेती की जा सके।
प्रश्न 25. 1934 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक युगांतकारी कानून पारित हुआ।
यह क्या था?
उत्तर-यह कानून था 1934 का इंडियन रीऑर्गनाईजेशन एक्ट । इसके अनुसार रिजर्वोशंज
में मूल निवासियों का जमीन खरीदने और ऋण लेने का अधिकार दिया गया ।
प्रश्न 26. मूल निवासियों ने किस दस्तावेज द्वारा तथा किस शर्त पर सं. राज्य
अमेरिका की नागरिकता स्वीकार की?
उत्तर-मूल निवासियों ने 1954 में अपने द्वारा तैयार किए गए ‘डिक्लेरेशन ऑफ इंडियन
राइट्स’ नामक दस्तावेज द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता स्वीकार की। उनकी शर्त
यह थी कि उनके रिजर्वेशंज वापिस नहीं लिए जाएंगे और उनकी परंपराओं में हस्तक्षेप नहीं किया
जाएगा।
प्रश्न 27, ऑस्ट्रेलिया में ऐबॉरिजिनीज’ नामक आदिम कब आने शुरू हुए ? वहाँ
के मूल निवासियों का इस विषय में क्या कहना है ?
उत्तर-माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया में ‘ऐबॉरिजिनीज’ नामक आदिम मानव आज से
लगभग 40,000 साल पहले आने शुरू हुए। परंतु वहाँ के निवासी इसका विरोध करते हैं। उनकी
परंपराओं के अनुसार वे कहीं बाहर से नहीं आए थे, बल्कि आरंभ से ही वहीं रह रहे थे
प्रश्न 28. ऑस्ट्रेलिया के टॉरस स्ट्रेट टापूवासियों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए। इनके
लिए ‘ऐबॉरिजिनीज’ शब्द का प्रयोग क्यों नहीं होता ?
उत्तर-ऑस्ट्रेलिया के देसी लोगों का एक विशाल समूह उत्तर में रहता है। इन्हें टॉरस स्ट्रेट
टापूवासी कहते हैं। 2005 ई. में वे ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या का 2.4 प्रतिशत भाग थे।
इनके लिए ऐबॉरिजिनी शब्द प्रयोग नहीं होता क्योंकि यह माना जाता है कि वे कहीं और से आए
हैं और एक अलग नस्ल के हैं।
प्रश्न 29. ऑस्ट्रेलिया की अधिकतर जनसंख्या कहाँ बसी हुई है और क्यों ?
उत्तर-ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या बहुत ही विरल है । वहाँ की अधिकतर जनसंख्या समुद्रतट
के साथ-साथ बसी हुई है । इसका कारण यह है कि देश का भीतरी भाग शुष्क मरुभूमि है।
प्रश्न 30. ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के व्यवहार के प्रति ब्रिटिशों का क्या
दृष्टिकोण था ?
उत्तर-ब्रिटिश नाविक कैप्टन कुक और उसके चालक दल के आरंभिक ब्योरों में मूल
निवासियों के व्यवहार को मैत्रीपूर्ण बताया गया है। परंतु जब एक मूल निवासी ने हवाई में कुक
की हत्या कर दी तो ब्रिटिशों का दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल गया । अब उन्होंने यह सिद्ध करने
का प्रयास किया कि वहाँ के मूल निवासी व्यवहार में हिंसक हैं।
प्रश्न 31. इतिहास की किताबों में ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को शासित क्यों
नहीं किया गया था ?
उत्तर-यूरोपीय इतिहासकारों ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के प्रति भेदभाव की नीति
अपनाई । उन्होंने अपनी पुस्तकों में केवल ऑस्ट्रेलिया में आकर बसे यूरोपीयों की ही उपलब्धियों
का वर्णन किया और यह दिखाने का प्रयास किया कि वहाँ के मूल निवासियों की न तो कोई
परंपरा है और न ही कोई इतिहास । इसी कारण इतिहास की पुस्तकों में उनकी उपेक्षा की गई।
प्रश्न 32. लोगों की संस्कृति को समझाने में संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित चीजें
कितनी कामयाब रहती हैं ? किसी संग्रहालय को देखने के अपने अनुभव के आधार पर
सोदाहरण विचार करिए।
उत्तर-लोगों की संस्कृति को समझने में संग्रहालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहाँ
प्रदर्शित वस्तुओं के आधार पर भूली बिसरी अथवा उपेक्षित संस्कृतियों को भी फिर से जीवित
किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आदि संस्कृतियाँ इसके उदाहरण हैं।
प्रश्न 33. कैलिफोर्निया में चार लोगों के बीच 1880 में हुई किसी मुलाकात की
कल्पना करिए । ये चार लोग हैं : एक अफ्रीकी गुलाम, एक चीनी मजदूर, गोल्ड रश के
चक्कर में आया हुआ एक जर्मन और होपी कबीले का एक मूल निवासी । उनकी बातचीत
का वर्णन कीजिए।
उत्तर-नोटः यह प्रश्न कल्पना पर आधारित है । अतः परीक्षा की दृष्टि से इसका कोई
महत्व नहीं है।
प्रश्न 34. ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश आरंभिक आबादकार कौन थे ? उन्हें किस शर्त
पर ऑस्ट्रेलिया में स्वतंत्र जीवन जीने की अनुमति दी गई थी?
उत्तर ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश आभिक आबादकार ब्रिटिश कैदी थे जो इंग्लैंड से
निर्वासित होकर आए थे। उनके कारावास की अवधि पूरी होने पर उन्हें इस शर्त पर ऑस्ट्रेलिया
में ही स्वतंत्र जीवन जीने की अनुमति दे दी गई कि वे ब्रिटेन वापस नहीं लौटेंगे। अपने जीवनयापन
के लिए उन्होंने खेती के लिए ली गई जमीन से मूल निवासियों को निकाल बाहर किया ।
प्रश्न 35. ऑस्ट्रेलिया की गोरी सरकार ऑस्ट्रेलिया की भूमि को टेरा न्यूलियस’
(terranullius) क्यों कहती रहती है ?
उत्तर-टेरा न्यूलियस का अर्थ है-किसी की नहीं। सरकार का मानना था कि वहाँ की
भूमि किसी की नहीं। ऐसा वहाँ पर यूरोपियों द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण को औपचारिक
बनाने के लिए कहा जाता रहा है।
प्रश्न 36. ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय लोगों को न्याय दिलाने के लिए कौन-से दो
महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं ?
उत्तर-(i) इस बात को मान्यता देना कि मूल निवासियों का अपनी जमीन के साथ जोकि
उनके लिए पवित्र है मजबूत ऐतिहासिक संबंध रहा है।
(ii)’श्वेत’ तथा ‘अश्वेत’ लोगों को अलग-अलग रखने के प्रयास में बच्चों के साथ जो
अन्याय हुआ है, उसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए।
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. उपनिवेशीकरण को प्रेरित करने वाला मुख्य कारक कौन-सा था?
उपनिवेशीकरण की प्रकृति में पाई जाने वाली विविधताओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर–उपनिवेशीकरण को प्रेरित करने वाला प्रमुख कारक मुनाफा था । परंतु उपनिवेशीकरण
की प्रकृति में कुछ महत्वपूर्ण विविधताएँ थीं जिसके निम्नलिखित उदाहरण हैं-
(i) दक्षिण एशिया में व्यापारिक कंपनियों ने अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित की। उन्होंने
स्थानीय शासकों को हराकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने नयी प्रशासनिक व्यवस्था
स्थापित करने की बजाय पुरानी सुविकसित प्रशासकीय व्यवस्था को ही अपनाया और भूस्वामियों
से कर वसूला । बाद में उन्होंने अपने व्यापार को सुगम बनाने के लिए रेलवे का निर्माण किया,
खानें खुदवाई और बड़े-बड़े बागान स्थापित किए।
(ii) दक्षिणी अफ्रीका को छोड़कर शेष पूरे अफ्रीका में यूरोपीय लोग लंबे समय तक समुद्र
तटों पर ही व्यापार करते रहे। 19वीं सदी के आखिरी चरण में ही वे अफ्रीका के भीतरी भागों
में जाने का साहस कर सके । बाद में कुछ यूरोपीय देशों ने अपने उपनिवेशों के रूप में अफ्रीका
का बंँटवारा करने का समझौता कर लिया ।
प्रश्न 2. उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के विस्तार, भूमध्य तथा संसाधनों का संक्षिप्त वर्णन
कीजिए।
उत्तर-उत्तरी अमेरिका महाद्वीप उत्तर ध्रुवीय वृत्त से लेकर कर्क रेखा तक फैला हुआ है।
दूसरी ओर इसका विस्तार प्रशांत महासागर से अटलांटिक महासागर तक है। पथरीले पर्वतों की
श्रृंखला के पश्चिम में अरिजोना और नेवाडा की मरुभूमि है। थोड़ा और पश्चिम में सिएरा नेवाडा
पर्वत है। पूर्व में ग्रेट (विस्तृत) मैदानी प्रदेश, महान् (विस्तृत) झीलें, मिसीसिपी तथा ओहियो
और अप्लेशियन पर्वतों की घाटियाँ हैं। दक्षिण दिशा में मेक्सिको है। कनाडा का 40 प्रतिशत
प्रदेश वनों से ढंका है। कई क्षेत्रों में तेल, गैस और खनिज संसाधन पाए जाते हैं। इनके आधार
पर संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में कई बड़े उद्योग स्थापित हैं। आजकल कनाडा में गेहूं,
मक्का और फल बड़े पैमाने पर पैदा किए जाते हैं।
प्रश्न 3. यूरोपीय व्यापारी उत्तरी अमेरिका में सर्वप्रथम कब और कहां पहुंचे ? वहाँ
के स्थानीय लोगों के प्रति उनके व्यवहार तथा दृष्टिकोण की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-17वीं शताब्दी में यूरोपीय व्यापारी उत्तरी अमेरिका के उत्तरी तट पर पहुंचे। ये लोग
मछली और रोएँदार खाल के व्यापार के लिए आए थे । इस काम में कुशल स्थानीय लोगों ने
उनकी सहायता की । वे उनके मैत्रीपूर्ण व्यवहार से बहुत प्रसन्न हुए । स्थानीय उत्पादों के बदले
में यूरोपीय लोग वहाँ के लोगों को कंबल, लोहे के बर्तन, बंदूकें और शराब देते थे। इससे पहले
वहाँ के लोग शराब से परिचित नहीं थे। शीघ्र ही वे इसकी आदत का शिकार हो गए । यूरोपीय
लोगों के लिए उनकी यह आदत अच्छी बात सिद्ध हुई । इसने उन्हें व्यापार के लिए अपनी शर्तें
थोपने में सक्षम बनाया । यूरोपीय लोगों ने भी उन मूल निवासियों से तंबाकू की आदत ग्रहण की।
पश्चिमी यूरोप के लोग ‘सभ्य’ मनुष्य की पहचान साक्षरता, संगठित धर्म और शहरीपन
के आधार पर करते थे। इस दृष्टि से उन्हें अमेरिका के मूल निवासी ‘असभ्य’ प्रतीत हुए।
प्रश्न 4. उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के व्यवहार को देखकर दुःखी
क्यों होते थे?
उत्तर उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के साथ जिन चीजों का आदान-प्रदान
करते थे, वे उन्हें मैत्री में मिले उपहार मानते थे । दूसरी ओर अमीरी का सपना देखने वाले यूरोपीय
लोगों के लिए मछली और रोएँदार खाल मुनाफा कमाने के लिए बेची जाने वाली वस्तुएँ थीं।
इन बेची जाने वाली वस्तुओं के मूल्य इनकी पूर्ति के आधार पर हर साल बदलते रहते थे । मूल
निवासी इस बात को समझ नहीं सकते थे, क्योंकि उन्हें सुदूर यूरोप में स्थित ‘बाजार’ का जरा
भी बोध नहीं था। उनके लिए तो यह सब पहेली की तरह था कि यूरोपीय व्यापारी उनकी चीजों
के बदले में कभी तो बहुत सा सामान दे देते थे और कभी बहुत कम। वे यूरोपीय लोगों के लालच
को देखकर भी दुःखी होते थे । प्रचुर मात्रा में रोएँदार खाल प्राप्त करने के लिए उन्होंने सैकड़ों
ऊदबिलावों को मार डाला था। मूल निवासी इससे काफी विचलित थे। उन्हें डर था कि जानवर
उनसे इस विध्वंस का बदला लेंगे।
प्रश्न 5. यूरोपीय व्यापारियों के बाद यूरोपीय लोग अमेरिका बसने के लिए क्यों
आये? उन्होंने वहाँ के वनों के प्रति क्या नीति अपनाई?
उत्तर–व्यापारी के रूप में आने वाले यूरोपीय लोगों के पीछे-पीछे अमेरिका में ‘बसने के
लिए भी यूरोपीय आए । इनमें से अधिकतर लोग धार्मिक उत्पीड़न के शिकार थे । इन लोगों
में कैथेलिक प्रभुत्व वाले देशों में रहने वाले प्रोटेस्टेंट अथवा प्रोटेस्टेंटवाद को राजधर्म का दर्जा
देने वाले देशों के कैथोलिक सम्मिलित थे । जब तक उनके बसने के लिए वहाँ खाली जमीनें
थीं, कोई समस्या नहीं आई। परंतु धीरे-धीरे वे महाद्वीप के आंतरिक भागों में मूल निवासियों के
गाँवों की ओर बढ़ने लगे। उन्होंने अपने लोहे के औजारों द्वारा जंगलों को साफ किया ताकि खेती
की जा सके।
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों तथा यूरोपीय लोगों का वहाँ के वनों के प्रति
अलग-अलग दृष्टिकोण था । मूल निवासियों को वन ऐसे मार्ग जुटाते थे जो यूरोपीय लोगों की
पहुँच से बाहर थे । दूसरी ओर यूरोपीय लोगों की कल्पना में जंगलों के स्थान पर मक्के के खेत
उभरते थे । अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति जैफर्सन का सपना एक ऐसे देश का था जो छोटे-छोटे
खेतों वाले यूरोपीय लोगों से आबाद था । मूल निवासी उसके इस दृष्टिकोण को समझने में असमर्थ थे।
प्रश्न 6. कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका अपने वर्तमान क्षेत्रफल तक किस तरह पहुँचे?
उत्तर-कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका 18वीं शताब्दी के अंत में अस्तित्व में आए थे।
उस समय उनके पास अपने वर्तमान क्षेत्रफल का एक छोटा-सा भाग ही था । वर्तमान आकार
तक पहुंचने के लिए अगले सौ सालों में उन्होंने अपने नियंत्रण वाले प्रदेश में काफी वृद्धि की ।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने विस्तृत क्षेत्रों की खरीद की । उसने दक्षिण में फ्रांस (लुइसियाना परचेज)
और रूस (अलास्का) से जमीन खरीदी । उसने युद्ध में भी जमीन जीती । दक्षिण सं.रा. अमेरिका
का अधिकतर भाग मेक्सिको से ही जीता गया था। किसी ने यह बात नहीं सोची कि उन प्रदेशों
में रहने वाले मूल निवासियों की भी राय ली जाए । संयुक्त राज्य अमेरिका की पश्चिमी सीमा
खिसकती रहती थी । जैसे-जैसे सीमा खिसकती, वहाँ के निवासियों को भी पीछे खिसकने के
लिए बाध्य कर दिया जाता था ।
प्रश्न 7. 19वीं शताब्दी में अमेरिका के भूदृश्य में होने वाले परिवर्तनों का वर्णन
कीजिए । ये परिवर्तन क्यों हुए ?
उत्तर-19वीं सदी में अमेरिका के भूदृश्य में अत्यधिक परिवर्तन आए।
कारण-जमीन के प्रति यूरोपीय लोगों का रुख मूल निवासियों से अलग था। ब्रिटेन और
फ्राँस से आए कुछ प्रवासी ऐसे थे जो अपने पिता का बड़ा पुत्र न होने के कारण पिता की संपत्ति
के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे। अत: वे अमेरिका में जमीन के स्वामी बनना चाहते थे।
बद में जर्मनी, स्वीडन और इटली जैसे देशों से ऐसे अप्रवासी आ गए जिनको जमीनें बड़े किसानों
हाथ में चली गई थीं। वे ऐसी जमीन चाहते थे, जिसे अपना कह सकें। पोलैंड से आए लोगों
को प्रेयरी (prairie) चरागाहों में काम करना अच्छा लगता था, जो उन्हें अपने देश के स्टेपीज
(पान के मैदानों) की याद दिलाती थीं । अमेरिका में बहुत कम मूल्य पर बड़ी संपत्तियाँ खरीद
पाना आसान था।
परिवर्तन-यूरोपीय लोगों ने खरीदी गई जमीन की सफाई की और खेती का विकास किया।
उन्होंने घान और कपास आदि फसलें उगाई । ये फसलें यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं।
इसीलिए यूरोप में उन्हें ऊँचे लाभ पर बेचा जा सकता था। अपने विस्तृत खेतों को जंगली जानवरों
से बचाने के लिए उन्होंने शिकार द्वारा उनका सफाया कर दिया। 1873 में कंटीले तारों की खोज
के बाद खेत पूरी तरह सुरक्षित हो गए।
प्रश्न 8. संयुक्त राज्य अमेरिका में दास प्रथा के प्रचलन तथा समाप्ति पर टिप्पणी
लिखिए।
उत्तर-संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणी प्रदेश की जलवायु यूरोपीय लोगों के लिए काफी
गर्म थी । इसलिए उनके लिए वहाँ घर से बाहर काम कर पाना कठिन था । अतः वे दासों से
काम लेना चाहते थे। परन्तु दक्षिण अमेरिकी उपनिवेशों में दास बनाए गए मूल निवासी बहुत
बड़ी संख्या में मौत का शिकार हो गए थे। इसीलिए बागान मालिकों ने अफ्रीका से दास खरीदे।
समय बीतने पर दास प्रथा विरोधी समूहों के विरोध के कारण दासों के व्यापार पर रोक लग गई।
परंतु जो अफ्रीकी दास संयुक्त राज्य अमेरिका में थे, वे और उनके बच्चे दास ही बने रहे।
दास प्रथा की समाप्ति-संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी राज्यों का अर्थतंत्र बागानों पर
आधारित न होने के कारण दास-प्रथा पर आधारित नहीं था । अत: वहाँ दास प्रथा को समाप्त
करने के पक्ष में आवाज उठने लगी और उसे एक अमानवीय प्रथा बनाया गया । 1861-65 में
दास प्रथा के समर्थक तथा विरोधी राज्यों के बीच युद्ध हुआ। इसमें दासता के विरोधियों की
जीत हुई और दास प्रथा समाप्त कर दी गई।
प्रश्न 9. ऑस्ट्रेलिया में यूरोपीय लोगों के आगमन के प्रति वहाँ के मूल निवासियों
की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर-ऑस्ट्रेलिया की खोज 1770 ई. में अंग्रेज नाविक कैप्टन कुक ने की थी। वहाँ के
मूल निवासियों ने कुक तथा उसके चालक दल का स्वागत किया । इसलिए ऑस्ट्रेलिया के मूल
निवासियों के साथ हुई भेंट को लेकर कैप्टन कुक और उसके चालक दल के आभिक ब्यारे
मूल निवासियों के मैत्रीपूर्ण व्यवहार से भरे पड़े हैं। परन्तु बाद में एक मूल निवासी ने हवाई में
कुक की हत्या कर दी। इस कारण ब्रिटिशों का उनके प्रति दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल गया।
अब उन्होंने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि वहाँ के मूल निवासी व्यवहार में हिंसक हैं।
यूरोपीय लोगों के आगमन को सभी मूल निवासियों ने खतरा नहीं माना । इसका कारण
यह था कि उनमें दूर की सोच की कमी थी। वे यह अनुमान नहीं लगा पार कि 19वीं और
20वीं सदी के बीच कीटाणुओं के प्रभाव से अपनी जमीनें छिन जाने से तथा आवादकारों के साथ
होने वाली लड़ाइयों में लगभग 90 प्रतिशत मूल निवासियों को अपने प्राण गंवाने पड़ेंगे।
प्रश्न 10. ऑस्ट्रेलिया में मानव निवास के इतिहास का वर्णन करते हुए वहाँ के मूल
निवासियों के समुदायों की जानकारी दीजिए।
उत्तर-ऑस्ट्रेलिया में मानव निषास का इतिहास काफी संया है। आरंभिक मनुष्य या
आदिमानव जिन्हें ‘ऐबॉरिजिनौज’ कहते हैं ऑस्ट्रेलिया में लगभग 40,000 साल पहले आने शुरू
हर थे । वे न्यूगिनी से आए थे जो ऑस्ट्रेलिया के साथ एक भूमि सेतु द्वारा जुड़ा हुआ था।
इसके विपरीत मूल निवासियों को अपनी परंपराओं के अनुसार वे ऑस्ट्रेलिया में बाहर से नहीं आये
थे। बल्कि आरंभ से ही वहीं रह रहे थे।
मूल निवासियों के समुदाय-18वीं सदी के अतिम चरण में ऑस्ट्रेलिया में मूल निवासियों
के लगभग 350 से 750 तक समुदाय रहते थे। इनमें से प्रत्येक समुदाय की अपनी भाषा थी।
देसी लोगों का एक अन्य विशाल समूह उत्तर में रहता है । 2005 ई. में वे ऑस्ट्रेलिया की कुल
जनसंख्या का 2.4 प्रतिशत भाग थे। इन्हें टॉरस स्ट्रेट टापूवासी कहते हैं। इनके लिए ‘ऐबॉरिजिनी
शब्द प्रयोग नहीं होता क्योंकि यह माना जाता है कि वे कहीं और से आए हैं और एक अलग
नस्ल के हैं।
प्रश्न 11. मानव अधिकारों ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को न्याय दिलाने का
मार्ग किस सीमा तक प्रशस्त किया है ?
उत्तर-1970 के दशक से संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की बैठकों
में मानवाधिकारों पर बल दिया जाने लगा। इससे ऑस्ट्रेलियाई जनता को यह आभास हुआ कि
संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड के विपरीत ऑस्ट्रेलिया में यूरोपीय लोगों द्वारा किए
गए भूमि अधिग्रहण को औपचारिक बनाने के लिए मूल निवासियों के साथ कोई समझौता नहीं
किया गया है। सरकार सदा से ऑस्ट्रेलिया की जमीन को टेरा न्यूलियस (terranullius) कहती
आई थी। इसका अर्थ था, “जो किसी की नहीं है।” इसके अतिरिक्त वहाँ यूरोपवासियों द्वारा
अपने आदिवासी रिश्तेदारों से जबरदस्ती छीने गए मिश्रित रक्त वाले बच्चों का भी एक लंबा और
यंत्रणापूर्ण इतिहास था ।
अंततः दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए-
(i) इस बात को मान्यता देना कि मूल निवासियों का जमीन के साथ, जोकि उनके लिए
पवित्र है, मजबूत ऐतिहासिक संबंध रहा है । अतः इसका आदर किया जाना चाहिए ।
(i) श्वेत’ तथा ‘अश्वेत’ लोगों को अलग-अलग रखने के प्रयास में बच्चों के साथ जो
अन्याय हुआ है, उसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए।
प्रश्न 1. उत्तरी अमेरिका में मानव के आगमन तथा उपनिवेशीकरण से पूर्व उनकी
जीवन-शैली की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
‘उत्तर- मानव का आगमन-उत्तरी अमेरिका के सबसे पहले निवासी 30,000 साल पहले
बेरिंग स्टेट्स के आर-पार फैले भूमि-सेतु के मार्ग से एशिया से आए थे। लगभग 10,000 साल
पहले वे आगे दक्षिण की ओर बढ़े ।अमेरिका में मिलने वाली सबसे पुरानी मानव कृति-एक तीर
की नोक है जो 11,000 साल पुरानी है। लगभग 5000 साल पहले जलवायु में स्थिरता आयी
और उत्तरी अमेरिका की जनसंख्या बढ़ने लगी।
जीवन-शैली-यहाँ के लोग नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में समूह बनाकर रहते थे।
वे मछली और मांस खाते थे और सब्जियों तथा मक्का उगाते थे। वे प्राय: मांस की तलाश में
लंबी यात्राएँ करते थे। मुख्य रूप से उन्हें ‘बाइसन’ अर्थात् उन जंगली भैंसों की तलाश रहती
थी,जो घास के मैदानों में घूमते रहते थे। परंतु वे उतने ही जानवर मारते थे, जितने उन्हें भोजन
के लिए आवश्यक होते थे ।
ये लोग लोभी नहीं थे। वे बड़े पैमाने पर खेती नहीं करते थे। न ही वे अपनी आवश्यकता
से अधिक उत्पादन करते थे। इसलिए वे केन्द्रीय तथा दक्षिणी अमेरिकी की तरह राज्य और
साम्राज्य स्थापित न कर सके। उन्हें भूमि पर नियंत्रण की कोई चिंता नहीं थी क्योंकि वे उससे
मिलने वाले भोजन और आश्रय से ही संतुष्ट रहते थे। इसलिए भूमि को लेकर कबीलों के बीच
बहुत कम ही झगड़े होते थे। औपचारिक संबंध स्थापित करना, मित्रता करना तथा उपहारों का
अदान-प्रदान करना उनकी परंपरा थी।
उत्तरी अमेरिका में अनेक भाषाएँ बोली जाती धों। लोगों का विश्वास था कि समय की
गति चक्रीय है। प्रत्येक कबीले के पास अपनी उत्पत्ति और इतिहास के बारे में ब्योरे थे, जो
पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलते रहते थे। वे कुशल कारीगर थे और खुबसुरत कपड़े बुनते थे। उन्हें भूदृश्या
तथा जलवायु की भी पूरी जानकारी थी।
प्रश्न 2. आप उन्नीसवीं सदी के संयुक्त राज्य अमेरिका में अंग्रेजी के उपयोग
के अतिरिक्त अंग्रेजों के आर्थिक और सामाजिक जीवन की कौन-सी विशेषताएं देखते
हैं ?
उत्तर-यूरोपीय लोगों (मुख्यतः अंग्रेजों) के संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बसने तथा
अपना विस्तार करने के कारण राज्य में अंग्रेजी भाषा का प्रचलन काफी बढ़ गया । इसके अतिरिक्त
वहाँ बसे अंग्रेजों के आर्थिक और सामाजिक जीवन की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित धी-
(i) जमीन के प्रति यूरोपीय लोगों का विचार मूल निवासियों से अलग था। ब्रिटेन और
फ्रांँस से आए कुछ प्रवासी ऐसे थे जो अपने पिता का बड़ा पुत्र न होने के कारण पिता की संपत्ति
के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे। अत: वे अमेरिका में भूमि के स्वामी बनना चाहते थे।
(ii) जर्मनी, स्वीडन और इटली जैसे देशों से ऐसे अप्रवासी आए जिनकी जमीनें बड़े
किसानों के हाथों में चली गई थी। वे ऐसी जमीन चाहते थे जिसे वे अपना कह सके।
(iii) पोलैंड से आए लोगों को प्रेयरी चरागाहों में काम करना अच्छा लगता था, जो उन्हें
अपने देश के स्टेपीज की याद दिलाती थी।
(iv) अमेरिका में बहुत कम कीमत पर बड़ी संपत्तियाँ खरीद पाना आसान था। अत: अंग्रेजों
ने बड़े-बड़े भूखंड खरीद लिए । उन्होंने जमीन की सफाई की और खेती का विकास किया ।
उन्होंने मुख्य रूप से कपास और धान जैसी फसलें उगाई। इसका कारण यह था कि ये फसलें
यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थी। इसीलिए वहाँ उन्हें अचे मुनाफे पर बेचा जा सकता था।
(v) अपने विस्तृत खेतों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उन्होंने शिकार द्वारा उनका
सफाया कर दिया। 1873 में कंटीले तारों की खोज के बाद खेत पूरी तरह सुरक्षित हो गए।
(vi) अंग्रेजों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी बस्तियों के विस्तार के लिए खरीदी गई
जमीन से वहाँ के मूल निवासियों को हय दिया। उनके साथ अपनी जमीनें बेच देने की संधियाँ
की गई और उन्हें जमीन की बहुत कम कीमतें दी गई। ऐसे उदाहरण भी मिलते हैं कि अमेरिकियों
(संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले अंग्रेज) ने धोखे से उनसे अधिक भूमि हथिया ली या पैसा
देने के मामले में हेराफेरी की।
(vii) उच्च अधिकारी भी मूल निवासियों की बेदखली को गलत नहीं मानते थे। जॉर्जिया
इसका उदाहरण है । जार्जिया संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राज्य है । यहाँ के अधिकारियों
का तर्क था कि वहाँ के चिरोको कबीले पर राज्य के कानून तो लागू होते हैं, परंतु वे नागरिक
अधिकारों का उपयोग भी कर सकते हैं।
प्रश्न 3. संयुक्त राज्य अमेरिका के मूल निवासियों की अपनी जमीनों से बेदखली की
समस्या की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए। चिरोकी कबीले का विशेष रूप से उल्लेख
कीजिए।
उत्तर-संयुक्त राज्य अमेरिका में यूरोपियों ने आपी बस्तियों के विस्तार के लिए खरीदी
गई जमीन से वहाँ के मूल निवासियों को हय दिया। उनके साथ अपनी जमीनें बेच देने की संधियाँ
की गई और उन्हें जमीन को बहुत कम कीमतें दी गई। ऐसे उदाहरण भी मिलते है कि अमेरिकियों
ने धोखे से उनसे अधिक भूमि हथिया ली या फिर पैसा देने के मामले में हेराफेरी की।
चिरोकियों के प्रति अन्याय-उच्च अधिकारी भी मूल निवासियों की बेदखली को गलत
नहीं मानते थे । जॉर्जिया इसका उदाहरण है। जॉर्जिया संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राज्य है।
यहाँ के अधिकारियों का तर्क था कि वहाँ के चिरोकी कबीले पर राज्य के कानून तो लागू होते
हैं, परंतु वे नागरिक अधिकारों का उपभोग नहीं कर सकते ।
1832 में संयुक्त राज्य के मुख्य न्यायाधीश, जॉन मार्शल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया।
उन्होंने कहा कि चिरोकी कबीला “एक विशिष्ट समुदाय” है और उसके स्वत्वाधिकार वाले क्षेत्र
में जॉर्जिया का कानून लागू नहीं होता । वे कुछ मामलों में संप्रभुसत्ता संपन्न हैं । परंतु संयुक्त
राज्य के राष्ट्रपति; एड्रिड जैकसन ने मुख्य न्यायाधीश की इस बात को मानने से इन्कार कर दिया
और सेना के बल पर चिरोकियों को अपनी जमीन से मार भगाया । इनकी संख्या लगभग 15000
थी। उनमें से एक चौथाई अपने ‘आंसुओं की राह’ (Trail of Tears) के सफर में ही मर-खप
गए । अर्थात् अपनी जमीन खो देने के दुःख ने ही उनके प्राण ले लिए ।
मूल निवासियों की जमीनें प्राप्त करने वाले लोग इस आधार पर अपने को उचित ठहराते
थे कि मूल निवासी जमीन का अधिकतम प्रयोग करना नहीं जानते। इसलिए वह उनके पास रहनी
ही नहीं चाहिए । वे यह कहकर भी मूल निवासियों की आलोचना करते थे कि वे आलसी हैं।
इसलिए वे बाजार के लिए उत्पादन करने में अपने शिल्प-कौशल का प्रयोग नहीं करते हैं। अंग्रेजी
सीखने और ‘ढंग के कपड़े पहनने में भी उनकी कोई रुचि नहीं है। कुल मिलाकर उनका कहना
था कि वे ‘मर-खप जाने’ के ही अधिकारी हैं। खेती के लिए जमीन प्राप्त करने के लिए प्रेयरीज
को साफ किया गया और जंगली भैंसों को मार डाला गया । एक फ्रांसीसी आगंतुक ने लिखा,
“आदिम जानवरों के साथ-साथ आदिम मनुष्य भी लुप्त हो जाएगा।”
मूल निवासियों के रिजर्वेशंज-इसी बीच मूल निवासियों को पश्चिम की ओर खदेड़ दिया
गया था। उन्हें ‘स्थायी रूप से अपनी भूमि तो दे दी गई थी, परंतु उनकी जमीन में सीसा, सोना
या तेल जैसे खनिज होने का पता चलने पर उन्हें वहाँ से भी खदेड दिया जाता था। प्रायः कई-कई
समूहों को मूलतः किसी एक समूह के नियंत्रण वाली जमीन में ही साझा करने के लिए बाध्य
किया जाता था जिससे उनके बीच झगड़े हो जाते थे । मूल निवासी छोटे-छोटे प्रदेशों में ही
सीमित कर दिए गए थे जिन्हें ‘रिजर्वेशंज’ (आरक्षण) कहा जाता था। ये प्रायः ऐसी जमीन होती
थी जिसके साथ उनका पहले से कोई नाता नहीं होता था । ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपनी जमीनें
बिना किसी संघर्ष के ही छोड़ दी हों । संयुक्त राज्य की सेना को 1865 से 1890 के बीच मूल
निवासियों के विद्रोहों की एक लंबी श्रृंखला का दमन करना पड़ा था। कनाडा में 1869 से 1885
के बीच मेटिसों (यूरोपीय मूल निवासियों के वंशज) के सशस्त्र विद्रोह हुए थे। परंतु इन लड़ाईयों
के बाद उन्होंने हार मान ली थी।
प्रश्न 4. ‘गोल्ड रश’ से क्या अभिप्राय है ? इसने संयुक्त राज्य अमेरिका में रेलवे
के निर्माण, उद्योगों के विकास तथा खेती के विस्तार में किस प्रकार सहायता पहुँचाई?
अथवा, गोल्ड रश की अमेरिका के आर्थिक तथा राजनीतिक विस्तार में क्या भूमिका रही?
उत्तर-यूरोपीय लोगों को इस बात की आशा थी कि उत्तरी अमेरिका में धरती के नीचे
सोना है। 1840 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिन्ह मिले । इसने
गोल्ड रश को जन्म दिया । गोल्ड रश उस आपाधापी का नाम है जिसमें हजारों की संख्या में
यूरोपीय लोग सोना पाने की आशा में अमेरिका जा पहुंँचे।
रेलवे का निर्माण-गोल्ड रश को देखते हुए पूरे महाद्वीप में रेलवे लाइनों का निर्माण किया
गया। इसके लिए हजारों चीनी श्रमिकों की नियुक्ति की गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में रेलवे का
काम 1870 में और कनाडा की रेलवे का काम 1885 में पूरा हुआ। स्काटलैंड से आने वाले
एक अप्रवासी एंड्रिड कानेगी ने कहा था-“पुराने राष्ट्र घोंघे की चाल से सरकते हैं । नया गणराज्य
किसी एक्सप्रेस की गति से दौड़ रहा है।”
उद्योगों का विकास-गोल्ड रश ने केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में ही नहीं अपितु पूरे
उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकास में सहायता पहुँचाई । उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकसित
होने के दो मुख्य उद्देश्य थे।
(i) विकसित रेलवे का साज-सामान बनाना ताकि दूर-दूर के स्थानों को तीव्र परिवहन
द्वारा जोड़ा जा सके।
(ii) ऐसे यंत्रों का उत्पादन करना जिनसे बड़े पैमाने पर खेती की जा सके।
सं.रा. अ. और कनाडा दोनों जगहों पर औद्योगिक नगरों का विकास हुआ और कारखानों
की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। 1860 में सं. रा. अ. का अर्थतंत्र अविकसित अवस्था में था।
परंतु 1890 तक वह संसार की अग्रणी औद्योगिक शक्ति बन चुका था ।
खेती का विस्तार-बड़े पैमाने की खेती का भी विस्तार हुआ। बड़े-बड़े इलाके साफ किए
गए और उन्हें खेतों में बदल दिया गया। 1890 तक जंगली भैंसों का लगभग पूरी तरह सफाया
कर दिया गया । इस प्रकार शिकार वाली जीवनचर्या भी समाप्त हो गई। 1892 में संयुक्त
राजनीतिक विस्तार राज्य अमेरिका का महाद्वीपीय विस्तार पूरा हो गया । तब तक प्रशांत महासागर
और अटलांटिक महासागर के बीच का क्षेत्र विभिन्न राज्यों में विभाजित किया जा चुका था।
अब कोई ‘फ्रंटियर’ नहीं रहा था जो कई दशकों तक यूरोपीय आबादकारों को पश्चिम की ओर
खींचता रहा था । अब संयुक्त राज्य अमेरिका हवाई और फिलिपींस में अपने उपनिवेश बसा रहा
था । इस प्रकार वह एक साम्राज्यवादी शक्ति बन चुका था ।
प्रश्न 5. संयुक्त राज्य अमेरिका में मूल निवासियों के अधिकारों एवं हितों के लिए
क्या किया गया? अब उनकी क्या स्थिति है ?
उत्तर-1920 के दशक तक संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के मूल निवासियों की
भलाई के लिए कुछ नहीं किया गया था । उन्हें न तो स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएँ प्राप्त थीं और
न ही शिक्षा संबंधी।
1934 का ‘इंडियन रिआर्गनाइजेशन एक्ट’-अंतत: गोरे अमेरिकियों के मन में उन मूल
निवासियों के प्रति सहानुभूति जागी, जिन्हें अपनी संस्कृति का पालन करने से रोका गया था और
जिन्हें नागरिकता के लाभों से भी वंचित रखा गया था। इस बात ने संयुक्त राज्य अमेरिका में
एक युगांतकारी कानून को जन्म दिया। यह कानून था-1934 का इंडियन रीऑर्गनाईजेशन एक्ट।
इसके अनुसार रिजर्वेशंस में मूल निवासियों को जमीन खरीदने और ऋण लेने का अधिकार दिया गया।
1950 तथा 1960 के दशकों में सरकारी नीति-1950 और 1960 के दशकों में संयुक्त
राज्य और कनाडा की सरकारों ने मूल निवासियों के लिए किए गए प्रावधानों को समाप्त करने
पर विचार किया । उन्हें आशा थी कि इससे वे ‘मुख्य धारा में शामिल होंगे, अर्थात् वे यूरोपीय
संस्कृति को अपना लेंगे। परंतु मूल निवासी ऐसा नहीं चाहते थे। 1954 में अनेक मूल निवासियों
ने अपने द्वारा तैयार किए गए ‘डिक्लेरेशन आफ इंडियन राइट्स’ में इस शर्त के साथ सं.रा. अ.
की नागरिकता स्वीकार की कि उनके रिजर्वेशंस वापस नहीं लिए जाएंगे और उनकी परंपराओं
में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा । कुछ ऐसी ही चीजें कनाडा में भी हुई।
1969 में सरकारी नीति-1969 में सरकार ने घोषणा की कि वह “आदिवासी अधिकारों
को मान्यता नहीं देगी।”मूल निवासियों ने इसका डटकर विरोध किया। उन्होंने जोरदार प्रदर्शन
किए तथा धरने दिए । 1982 में एक संवैधानिक धारा के अनुसार मूल निवासियों के वर्तमान
आदिवासी अधिकारों तथा समझौता-आधारित अधिकारों को स्वीकृति मिलने पर ही इस समस्या
का समाधान हो सका । परंतु इन अधिकारों की बारीकियों के बारे में अभी भी बहुत से निर्णय
बाकी हैं। भले ही अब दोनों देशों के मूल निवासियों की संख्या 18वीं शताब्दी की तुलना में बहुत
कम हो गई है तो भी उन्होंने अपने सांस्कृतिक अधिकारों की जबरदस्त दावेदारी की है।
प्रश्न 6. ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया में किस प्रकार अपने कैदियों को स्थायी रूप से बसा
दिया ? यूरोपीय बस्ती के रूप में ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक विकास पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश आरंभिक आबादकार इंग्लैंड के कैदी थे जो वहाँ निर्वासित
होकर आए थे। उनके कारावास की अवधि पूरी होने पर ब्रिटेन वापस न लौटने की शर्त पर
उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ही स्वतंत्र जीवन जीने की अनुमति दे दी गई । अपने जीवनयापन के लिए उन्होंने
खेती के लिए ली गई जमीन से मूल निवासियों को निकाल बाहर किया ।
ऑस्ट्रेलिया का आर्थिक विकास-यूरोपीय बस्ती के रूप में ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक
विकास में अमेरिका जैसी विविधता नहीं थी । वहाँ एक लंबे समय के बाद ही भेड़ों के विशाल
फार्मों, खानों, मदिरा बनाने के लिए अंगूर के बागों और गेहूँ की खेती का विकास हो सका जिसमें
काफी श्रम लगा । ये ऑस्ट्रेलिया की संपन्नता का आधार बने । जब राज्यों को आपस में मिलाया
गया और 1911 में ऑस्ट्रेलिया की एक नई राजधारी बनाने का निर्णय लिया गया, तब इस
राजधानी का नाम ‘वूलव्हीटगोल्ड’ (Woolwheat gold) रखने का सुझाव दिया गया था । परंतु
अंत में उसका नाम कैनबरा रखा गया जो एक स्थानीय शब्द कैमबरा (kamberra) से बना
है जिसका अर्थ है ‘सभा-स्थल’ ।
ऑस्ट्रेलिया के कुछ मूल निवासियों को खेतों में काम पर लगाया गया था। वे दासों जैसी
कठोर परिस्थितियों में काम करते थे। बाद में चीनी अप्रवासियों ने सस्ता श्रम जुटाया; जैसे कि
कैलिफोर्निया में हुआ था । परंतु गैर-गोरों पर बढ़ती हुई निर्भरता से उत्पन्न घबराहट के कारण
चीनी अप्रवासियों को प्रतिबंधित कर दिया गया । 1974 तक लोगों के मन में यह भय घर कर
गया था कि दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के ‘काले’ लोग बड़ी संख्या में ऑस्ट्रेलिया
आ सकते हैं । अतः ‘गैर-गोरों’ को बाहर रखने के लिए सरकार ने एक विशेष नीति अपनाई।
प्रश्न 7. ‘दि ग्रेट ऑस्ट्रेलियन साइलेंस’ क्या थी? इसने ऑस्ट्रेलिया के मूल
निवासियों की संस्कृति तथा परंपराओं को पुनर्जीवित करने में कैसे सहायता पहुँचाई ?
उत्तर-1968 में एक मानवशास्त्री डब्ल्यू. ई. एच. स्टैनर के एक व्याख्यान से लोगों में
बिजली की तरंग सी दौड़ गई । व्याख्यान का शीर्षक था-‘दि ग्रेट ऑस्ट्रेलियन साइलेंस’ (महान्
ऑस्ट्रेलियाई चुप्पी) । यह चुप्पी इतिहासकारों की मूल निवासियों के बारे में चुप्पी थी। उन्होंने
ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के इतिहास तथा संस्कृति के प्रति पूरी तरह चुप्पी गाथ ली थी।
1970 के दशक में उत्तरी अमेरिका की तरह यहाँ भी मूल निवासियों को एक नए रूप में समझने
की चाहत उत्पन्न हो गई । उन्हें विशिष्ट संस्कृतियों वाले समुदायों तथा प्रकृति एवं जलवायु
समझने में सहायक विशिष्ट पद्धतियों का रूप माना गया । अब उन्हें ऐसे समुदायों के रूप में
समझा जाना था, जिनके पास अपनी कथाओं, कपड़ासाजी, चित्रकारी तथा हस्तशिल्प के कौशल
का विशाल भंडार था । उनका यह भंडार सराहना; सम्मान तथा अभिलेखन के योग्य था । इन
सबकी तह में एक जरूरी प्रश्न भी था । यह प्रश्न आगे चलकर हेनरी रेनॉल्डस ने अपनी
प्रभावशाली पुस्तक, ‘व्हाइ वरंट वी टोल्ड ?’ में सामने रखा । इस पुस्तक में ऑस्ट्रेलियाई इतिहास
लेखन की उस प्रथा की भर्त्सना की गई थी, जिसमें वहाँ के इतिहास का आरंभ कैप्टन कुक की
खोज से माना जाता था ।
ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संस्कृतियों का अध्ययन-तब से मूल निवासियों की
संस्कृतियों का अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालयों में विशेष विभागों की स्थापना की गई है।
आर्ट गैलरीज में देसी कलाओं की गैलरीज शामिल की गई हैं। संग्रहालयों में देसी संस्कृति को
समझाने वाले कल्पनाशील तरीके से बनाए गए कमरों को स्थान दिया गया है। अब मूल निवासियों
ने स्वयं भी अपने जीवन-इतिहास को लिखना आरंभ कर दिया है । यह सब एक अद्भुत प्रयास
है। यह प्रयास समय रहते शुरू हो गया है। यदि मूल निवासियों की संस्कृतियों की अनदेखी
होती रहती तो इस समय तक उनका बहुत कुछ भुला दिया गया होता । 1974 से ऑस्ट्रेलिया की
राजकीय नीति बहुसंस्कृतिवादी रही है। इस नीति के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की
संस्कृतियों और यूरोप तथा एशिया के अप्रवासियों की संस्कृतियों को समान आदर दिया गया है।
‘नयी दुनिया’ के देशों को यूरोपवासियों द्वारा दिए गए नाम
‘अमेरिका’- यह नाम पहली बार अमेरिगो वेसपुकी (1451-1512) का यात्रा-वृत्तांत
छपने के बाद प्रयोग में आया ।
‘कनाडा- कनाटा से निकला शब्द (1535 में खोजी जाक कार्टियर को मिली जानकारी
के अनुसार, यूरों-इरोक्यूइम की भाषा में कनाटा का अर्थ था, ‘गाँव’)
“ऑस्ट्रेलिया’- महान् दक्षिणी महासागर में स्थित भूमि के लिए सोलहवीं सदी में प्रयुक्त
नाम ।
‘न्यूजीलैंड’- हॉलैंड के तासमान द्वारा दिया गया नाम, जिसने सबसे पहले 1642 में इन
टापुओं को देखा था । डच भाषा में ‘समुद्र’ को ‘जी’ कहते हैं।