Bihar Board Class 6th Social Science History Solutions Chapter 1 हमारा अतीत
Bihar Board Class 6th Social Science History Solutions Chapter 1 हमारा अतीत
Bihar Board Class 6th Social Science हमारा अतीत Text Book Questions and Answers
Notes
पाठ का सारांश
- इतिहास के अध्ययन से प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति की जानकारी मिलती है।
- कृषि के विकास और मानव जीवन की स्थिरता की कहानी इतिहास में वर्णित है।
- भारत का अतीत एक प्रकार से केन्द्रीयकरण एवं विकेन्द्रीकरण की प्रवृत्तियों के बीच निरन्तर संघर्ष की कहानी है।
- भारतीय शासकों ने विदेशों में साम्राज्य फैलाने की कोशिश कभी नहीं की।
- भारत में अनेकता में एकता सदैव से वर्तमान है।
- सम्पूर्ण भारत पर शासन करने वाले राजा अपने को चक्रवर्ती की उपधि से विभूषित किया है।
- अशोक, समुद्रगुप्त आदि कई चक्रवर्ती सम्राट हुए ।
- सारनाथ में अशोक स्तंभ है ।
- इतिहास शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द हिस्टोरिया से हुई है, जिसका अर्थ है, जाँच पड़ताल द्वारा जानकारी प्राप्त करना ।
- भारत ने पूरे विश्व को शिक्षा साहित्य और गणित के क्षेत्र में मार्गदर्शन दिया है।
- यूनान के हेरोडोटस को इतिहास का जनक माना जाता है।
- कार्बन-14 पद्धति प्राचीन अवशेषों के काल निर्धारण की वैज्ञानिक पद्धति है।
अभ्यास
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न (क) इतिहास शब्द की उत्पत्ति किस शब्द से हुई?
(i) यूनानी
(ii) लैटिन
(iii) अंग्रेजी
(iv) हिन्दी
उत्तर- (ii) लैटिन
प्रश्न (ख) जिस काल का लिखिंत विवरण उपलब्ध होता है उसे क्या कहा जाता है ?
(i) प्रागैतिहासिक काल
(ii) ऐतिहासिक काल
(iii) प्राचीन काल
(iv) मध्य काल
उत्तर- (ii) ऐतिहासिक काल
प्रश्न (ग) अशोक ने अपने अभिलेख किस लिपि में खुदवाये ?
(i) देवनागरी
(ii) ब्राह्मी लिपि
(ii) फारसी लिपि
(iv) रोमन लिपि
उत्तर- (ii) ब्राह्मी लिपि
II. खाली स्थान को भरें-
- ……………… को इतिहास का जनक मानते हैं।
- प्राचीन वस्तुओं के तिथि निर्धारण को ………… कहते हैं।
- अशोक के अभिलेख ……………. में है।
- मेगास्थनीज एक …………………. था।
- सारनाथ में …………………. स्थित है।
उत्तर-
- हेरोडोटस को इतिहास का जनक मानते हैं।
- प्राचीन वस्तुओं के तिथि निर्धारण को कार्बन-पद्धति कहते हैं।
- अशोक के अभिलेख ब्राह्मी लिपि में है।
- मेगास्थनीज एक विजेता था।
- सारनाथ में अशोक स्तम्भ स्थित है।
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें –
प्रश्न (क) इतिहास किसे कहते हैं ?
उत्तर- अतीत की घटनाओं का क्रमबद्ध रूप से संकलित विवरण इतिहास कहलाता है।
प्रश्न (ख) अतीत को जानने में इतिहास किस तरह सहायक है ?
उत्तर- इतिहास का अर्थ है जाँच-पड़ताल । अतीत की घटनाओं का क्रमबद्ध तरीकों से संकलित करना इतिहास है। जब हम अतीत की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो “इतिहास’ ही बताता है कि किस समय की वस्तु है। जब मनुष्य को लिखना नहीं आता था उस समय की जानकारी भी हमें इतिहास से ही प्राप्त होती है। संस्कृति, सभ्यता कब, कहाँ और कैसे विकसित हुई. लोग कब खेती करना सीखे, कब चक्कों का आविष्कार किये, किस प्रकार व्यापार करते थे। नगरों और राज्यों की स्थापना कैसे हुई, सारी जानकारी जो अतीत में थी, इतिहास से ही प्राप्त होती है । कार्बन 14 (C14)जो वैज्ञानिक पद्धति है, इस माध्यम से जानकारी प्राप्त की जाती है कि वस्तु कितना पुराना है।
प्रश्न (ग) अनेकता में एकता से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- अनेकता का यहाँ तात्पर्य है कि भिन्न-भिन्न जाति, धर्म, भाषा, . वेश-भूषा तथा आचार-विचार के लोग एक देश या राज्य में हैं तो कहते हैं अनेकता और इन सारी अनेकताओं के बावजूद सब साथ-साथ हैं तो एकता है। अर्थात् मानव की अनेक प्रजातियों मिलकर एक विशिष्ट संस्कृति का निर्माण करें तो इसे अनेकता में एकता कहते हैं।
प्रश्न (घ) अशोक ने पूरे साम्राज्य में एकता स्थापित करने के लिए क्या किया?
उत्तर- अशोक ने अभिलेख बोल-चाल की भाषा एवं ब्राह्मी लिपि में खुदवाये, भिन्न-भिन्न धर्म और प्रजाति के लोगों से एक समान व्यवहार किया, अपने शासन काल में उच्च और निम्न वर्ग के लिए एक होन व्यवस्था. थी। के दो भाग हैं । इतिहास हमें बताता है कि भारत में सभ्यता और संस्कृति कब और कैसे, कहाँ विकसित हुई । मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधनों की खोज कैसे की, किस प्रकार गाँव, नगर और राज्यों की स्थापना हुई । अपनी समस्याओं के निदान के लिए नये-नये आविष्कार किस प्रकार किये । वर्तमान का बदलाव अतीत की ही देन है।
प्रश्न (ङ) अतीत के गौरव को कायम रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर- अतीत को ठीक से समझना बहुत जरूरी है। प्राचीन काल में लोगों ने प्रत्येक क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति और उपलब्धियाँ हासिल की। कितनी कठिनाइयों का सामना करते हुए सफलता प्राप्त की । हमें सुन्दर भविष्य के निर्माण में प्रेरणा मिलती है। हमें वर्तमान को सुखद बनाना, विकसित बनाना है तो अतीत को सही ढंग से समझना होगा। हमें अतीत के गौरव को कायम रखने के लिए अन्धविश्वास में, दुराग्रहों, जाति-प्रथा एवं सम्प्रदायवाद जैसी कुरीतियों को दूर करना होगा।