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Bihar Board Class 6th Science Solutions Chapter 3 तन्तु से वस्त्र तक

Bihar Board Class 6th Science Solutions Chapter 3 तन्तु से वस्त्र तक

Bihar Board Class 6th Science तन्तु से वस्त्र तक Text Book Questions and Answers

Notes

अध्ययन समाग्री :

रोटी, कपड़ा और मकान ये तीन मानव के न्यूनतम आवश्यकताओं में से एक है। जिस तरह रोटी हमारे जीवन का आधार है ठीक उसी तरह जाड़ा, गर्मी, वर्षा आदि से कपड़ा मेरी रक्षा कर जीवन को आगे बढ़ाने का काम करता है। अलग-अलग मौसम में अलग-अलग तरह के वस्त्र धारण कर हम अपने शरीर की रक्षा करते हैं।

वस्त्र को बनाने के लिए जिन पदार्थों का प्रयोग किया जाता है उसे हम तन्तु कहते हैं। वैसे तन्तु जो पौधों एवं जन्तुओं से प्राप्त होते हैं उसे प्राकृतिक तन्तु कहते हैं। जैसे कपास, रेशम, ऊन आदि इसके अलावे केले के पत्ते एवं तने बांस से भी तन्तु प्राप्त किया जाता है। वे सभी तन्तु जो पौधे व जन्तु से न प्राप्त कर रासायनिक पदार्थों से बनाए जाते हैं उसे मानव निर्मित तन्तु कहते हैं। जैसे-पॉलिस्टर, नायलॉन, एक्रिलिक आदि।

वस्त्र के निर्माण में तन्तु से लेकर वस्त्र तक अनेक प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। जैसे- कताई, बुनाई, बंधाई आदि। रेशों से तागा बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते हैं। इस प्रक्रिया में, रूई के एक पुंज से रेशों को खींचकर ऐंठते हैं। ऐसा करने से रेशे आस-पास आ जाते हैं और तागा बन जाता है। कताई के लिए तकली तथा चरखा आदि जैसी युक्तियों का प्रयोग किया जाता है। कताई के बाद बुनाई तथा उसके बाद बंधाई प्रक्रिया के बाद वस्त्र का निर्माण होता है। वर्तमान में ये सभी प्रक्रिया अब मशीन से होती है।

तन्तुओं के प्रकार – तन्त दो प्रकार के होते हैं –
(1) प्राकृतिक तन्तु और
(2) संलिष्ट या मानव निर्मित तन्तु।

(1) प्राकृतिक तन्तु-वैसे तन्तु जो पौधे एवं जन्तु से प्राप्त होते हैं. उसे – प्राकृतिक तन्तु कहते हैं। जैसे- रेशम, ऊन, जट, सत आदि।

(2) संलिष्ट तन्तु या मानव निर्मित तन्तु-वैसे तन्तु जो पौधों एवं जन्तुओं से न प्राप्त कर रासायनिक पदार्थों से बनाए जाते हैं, उसे – मानव निर्मित तन्तु या संशलष्ट तन्तु कहते हैं। जैसे – पॉलिस्टर, नायलॉन, एक्रिलिक आदि।

कताई – तन्तुओं से तागा बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते हैं। कताई में तकली, चरखा, कताई मशीन आदि उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। तागे से वस्त्र बनाने की कई विधियाँ प्रचलित हैं। इनमें से दो प्रमुख विधियाँ बुनाई तथा बंधाई हैं।

अभ्यास एवं प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित तन्तुओं का प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक तन्तु – ऊन, रूई, रेशम तथा पटसन।
संगलिष्ट तन्तु – नायलॉन और पॉलिएस्टर।

प्रश्न 2. नीचे दिए गए कथन ‘सत्य’ हैं अथवा ‘असत्य’ उल्लेख कीजिए –
उत्तर:

(क) तन्तुओं से तागा बनता है। सत्य
(ख) कताई वस्त्र निर्माण की एक प्रक्रिया है। सत्य
(ग) जूट नारियल का बाहरी आवरण होता है। सत्य
(घ) रूई से बिनौले (बीज) हटाने की प्रक्रिया को ओटना कहते हैं। सत्य
(ड) तागों की बुनाई से वस्त्र का एक टुकड़ा बनता है। सत्य
(च) रेशम-तंतु किसी पादप के तने से प्राप्त होता है। असत्य
(छ) पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक तन्तु है। असत्य

प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) …………… और ……….. से पादप तन्तु प्राप्त किए जाते हैं।
(ख) …………….. और ……………… जातंव तन्तु हैं।
उत्तर:
(क) रूई, जूट
(ख) रेशम, ऊन।

प्रश्न 4. सही विकल्प को चुनिए –

(क) वैसे वस्त्र के तन्तु जो पौधों एवं जन्तुओं से प्राप्त होते हैं, कहलाते हैं –
(i) प्राकृतिक तंतु
(ii) मानव निर्मित तंतु
(iii) प्राकृतिक एवं मानव निर्मित तंतु
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) प्राकृतिक तंतु

(ख) मानव निर्मित तंतु हैं –
(i) पॉलिएस्टर
(ii) नायलॉन
(iii) एलक्रिलिक
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी

(ग) बिहार के निम्न जिले में जूट अधिक उगाया जाता है –
(i) कटिहार
(ii) मधेपुरा
(iii) सहरसा
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी

(घ) रेशों से धागा बनाने की प्रक्रिया कहलाती है –
(i) कताई
(ii) बुनाई
(iii) धुलाई
उत्तर: (i) कताई

(ङ) धागे से वस्त्र बनाने की विधियाँ है –
(i) बुनाई
(ii) बंधाई
(iii) बुनाई एवं बंधाई
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (iii) बुनाई एवं बंधाई

प्रश्न 5. रूई तथा जूट (पटसन) पादप के किन भागों से प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
रूई तथा जूट (पटसन) पादप के तने भाग से प्राप्त होता है।

प्रश्न 6. नारियल तन्तु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
नारियल तन्तु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम – चटाई और रस्सी ।

प्रश्न 7. तन्तुओं से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तन्तुओं से तागा निर्मित करने की प्रक्रिया इस प्रकार है। कपास के फूल पूरी तरह से तैयार हो जाने पर उजला रेशे गोलक के रूप में दिखने लगता है। कपास को हाथ से चुना जाता है। फिर बड़े-बड़े मशीनों की सहायता से कपास को बिनोले से अलग कर कपास को हाथों से ओटी जाती है। कपास को पटक-पटक कर धुलाई कर देते हैं। फिर वस्त्र बनाने से पहले सभी तन्तुओं को तागों में परिवर्तित कर लिया जाता है।

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