6th Sanskrit

Bihar Board Class 6th Sanskrit Solutions Chapter 1 प्रार्थना

Bihar Board Class 6th Sanskrit Solutions Chapter 1 प्रार्थना

Bihar Board Class 6th Sanskrit प्रार्थना Text Book Questions and Answers

Summary

  • त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
  • त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
  • त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
  • त्वमेव सर्वं मम् देव-देव।।

अर्थ-हे सर्व श्रेष्ठ देवता ! तुम ही माता हो, तुम ही पिता हो, तुम ही बन्धु (परिवार) हो, तुम ही मित्र हो । तुम ही विद्या हो, तुम ही धन हो, तुम ही मेरा सब कुछ हो।

  • नमो नगेन्द्राय हिमालयाय,
  • नमो विशालाय च सागराय।
  • नदीगणेभ्यः सुख साधनभ्यो,
  • देशाय तस्मै मम् भारताय।।

अर्थ – पर्वत-राज हिमालय को प्रणाम है। विशाल सागर को प्रणाम है। नदी समूहों और सुख साधन से परिपूर्ण मेरा देश है, इसलिए मैं भारत को प्रणाम करता हूँ।

शब्दार्था:-त्वमेव – तुम ही (आप ही। च – और। बन्धुः – मित्र (परिवार)। सखा- मित्र। द्रविणम् – धन। सर्वम् – सब कुछ। मम- मेरा । नमो (नमः) – नमस्कार (प्रणाम)। नगेन्द्राय – पर्वतराज को। विशालाय – विशाल (बड़ा)। नदीगणेभ्यः – नदी समूहों से युक्त। सुख-साधनेभ्यः – सुख के साधन से परिपूर्ण। सागराय – सागर को। देशाय – देश को। तस्मै – आपको (तुमको)। भारताय – भारत को।

व्याकरण- त्वम् + एव । तुलना करें-अहमेव, त्वमपि = तुम भी (त्वम् + अपि); अहमस्मि (अहम् + अस्मि) मैं हूँ। बन्धुः + च = बन्धुश्च । नमः-नमस्कार । इसके (नम:) प्रयोग चतुर्थी विभक्ति लगती है जैसेभारतय नमः, सागराय नमः, देवाय नमः, देवेभ्य: नमः। तस्मै नमः = उसे नमस्कार । पर्वतराजाय हिमालयाय नमः, मुनये नमः।

अभ्यासः

मौखिकः

प्रश्न 1. इन शब्दों के अर्थ बताएँद्रविणम्, सखा, विशालाय, नगेन्द्राय, मम्।
उत्तर-
द्रविणम्-धन, सखा-मित्र, विशालाय -विशाल को, नगेन्द्रायपर्वतराज को,मम-मेरा।

प्रश्न 2. “बन्धुश्च” के समान निम्नलिखित शब्दों को जोड़कर बोलें।
हरि: च = हरिश्च। लोकः + च = लोकश्च। पुनः + च = पुनश्च। अज:+चरति = अजश्चरति।

प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का चतुर्थी एकवचन में रूप बताएँसागर, विशाल, देश, पुत्र, हिमालय।
उत्तर-
सागर-सागराय, विशाल विशालाय, देश-देशाय, पुत्र-पुत्राय, हिमालय-हिमालयाय।।

प्रश्न 4. द्वितीय पद्य का पाठ करें।
उत्तर-
नमो नगेन्द्राय ………………….. मम भारताय ।। तक पाठ्य पुस्तक से कर लें।

प्रश्न 5. ‘नम:’ शब्द से युक्त पाँच वाक्य बोलें।
उत्तर-
शिवाय नमः, गणेशाय नमः, देवाय नमः, भारताय नमः, हिमालयाय नमः ।

लिखित

प्रश्न 6. इन वाक्यों में रिक्त स्थानों को सही शब्दों से भरें-

(क) नमो ………… च सागराय।
उत्तर-
विशालाय

(ख) ……….. तस्मै ………. भारताय।
उत्तर-
देशाय, मम्

(ग) …………. सर्व मम ……….।
उत्तर-
त्वमेव, देव-देव

(घ) त्वमेव …………. द्रविणं त्वमेवा
उत्तर-
विद्या

(ङ) मदी ………. सुखसाधनेभ्यः
उत्तर-
गणेभ्यः

प्रश्न 7. संस्कृत में अनुवाद करें –

  1. तुम्हीं मेरे पिता हो (असि)।
  2. मैं ही पुत्र हूँ (अस्मि )
  3. विशाल सागर को नमस्कार।
  4. भारत देश को नमस्कार ।
  5. भारत मेरा सबकुछ है (अस्ति)।

उत्तर-

  1. त्वमेव मम पिता असि।
  2. अहमेत पुत्रः अस्मि।
  3. विशालाय सागराय नमः।
  4. भारताय देशाय नमः।
  5. भारतः मम् सर्वं अस्ति।

प्रश्न 8. इन शब्दों से वाक्य बनाएँद्रविणम्, तस्मै, मम, नदीगणेभ्यः, सखा
उत्तर-

द्रविणम् – त्वमेव, द्रविणं असि।
तस्मै-तस्मै नमः।
मम् – मम् भारत: विशालः अस्ति।
नदीगणेभ्यः – नदीगणेभ्यः नमः।
सखा – रमेशः मम् सखा अस्ति।

प्रश्न 9. भारत की विशेषताओं पर पाँच वाक्य हिन्दी में लिखें।
उत्तर-

  1. मेरा भारत विशाल है।
  2. हिमालय भारत के उत्तर में है।
  3. भारत की भूमि उपजाऊ है।
  4. भारत में अनेक पवित्र नदियाँ बहती हैं।
  5. भारत में हिन्दू-मुसलमान-सिख-ईसाई मिलजुकर निवास करते हैं।

प्रश्न 10. अपने स्मरण से कोई श्लोक लिखें जो इस पाठ से भिन्न हो।
उत्तर-

मंगलं भगवान विष्णुः मंगलं गरूऽध्वजः।
मंगलं पुण्डरीकाक्षः मगलाय तनोहिरः।।

प्रश्न 11. निम्नलिखित का सुमेल करें –

  1. नग+इन्द्रः – (क) भारतम्
  2. हिम+आलय – (ख) रामश्च
  3. भरतः – (ग) नगेन्द्रः ।
  4. सगरः – (घ) हिमालयः
  5. राम:+च – (ङ) सागरः

उत्तर-

  1. नग+इन्द्रः – (ग) नगेन्द्र:
  2. हिम+आलय – (घ) हिमालयः
  3. भरतः – (क) भारतम्
  4. सगरः – (ङ) सागरः
  5. राम:+च – (ख) रामश्च

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