bihar board class 12th geography | प्राथमिक क्रियाएँ
bihar board class 12th geography | प्राथमिक क्रियाएँ
प्राथमिक क्रियाएँ
[Primary Activities ]
पाठ के कुछ तथ्य
● स्केन्डेनेविया के चलवासी पशुपालकों को कहते हैं-सामी (लैप्स)
●अधिक ऊन देने वाली नस्ल की भेड़ों को कहते-मेरिनो
●वह महाद्वीप जिसमें 1500 ई० तक लोगों की जीविका का साधन आखेट व संग्रहण संबंधी
क्रियाकलाप थे।-आस्ट्रेलिया
●उच्च पर्वतीय क्षेत्र जैसे हिमालय तथा एन्डीज पर्वतों में कौन से पशु पाले जाते है ?-
याक-हिमालय में लामा-एन्डीज में
● ऋतुओं के अनुसार पशुओं के साथ पशुपालकों के स्थान परिवर्तन को कहते हैं-ऋतुप्रवास
●हिमाचली क्षेत्रों (कांगड़ा और कुल्लू की घाटी) में पाए जाने वाले चलवासी पशुपालकों को
कहते हैं-गुज्जर-बक्करवाल गद्दी, भोटिया
● कीनिया और तंजानिया के चलवासी पशुपालकों को कहते हैं-मसाई
●विश्व में चलवासी पशुचारण का सबसे विस्तृत क्षेत्र -उपसहारा का सवाना क्षेत्र
●दक्षिणी अमेरिका में व्यापारिक पशुचारण का एक विशाल क्षेत्र -पंपास घासभूमियाँ
●मानव द्वारा सर्वप्रथम पृथ्वी की सतह को हटाकर खनन द्वारा खनिज प्राप्त करने का समय-
लगभग वर्ष ई० पू०
●विश्व में ताँबे के खनन तथा प्रयोग होने की अनुमानित तिथि-लगभग 5000 वर्ष पूर्व
●खनिज अयस्क जिससे एल्युमिनियम धातु प्राप्त होती है-बॉक्साइट
●वह खनिज जिसे विश्व में औद्योगिक क्रान्ति का आधार माना जाता है -कोयला
●संसार में सबसे अधिक बॉक्साइड उत्पादन करने वाले देश -सूरीनाम व आस्ट्रेलिया
●वह देश जो विश्व में सबसे अधिक खनिज तेल का उत्पादक है -सउदी अरब
एन. सी. ई. आर. टी. पाठ्यपुस्तक एवं कुछ अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Question)|
प्रश्न 1. विस्तृत पैमाने पर डेयरी कृषि का विकास यातायात के साधनों के साधनों एवं
प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सका है ?
(Large scale dairy farming is the result of the development of
transportation and refrigeration.)
उत्तर-डेयरी कृषि एक श्रम स्थान उद्योग है। इनमें वर्ष में कोई भी समय खाली नहीं होता।
यह मुख्य रूप से नगरीय तथा औद्योगिक केन्द्रों के समीप की जाती है। यहाँ पर ताजा दूध के
लिए बाजार समीप होता है तथा दुग्ध उत्पाद के लिए उपयुक्त बाजार मिलता है। परिवहन, शीतलन पाश्च्युरीकृत तथा अन्य संरक्षित रखने की प्रक्रिया के विकास ने विभिन्न दुग्ध उत्पाद के भंडारण की सुविधा बढ़ा दी है। इसलिये यह उद्योग अधिक विकसित होता चला गया है।
प्रश्न 2. स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए।
(Future of shifting cultivation is bleak. Discuss.)
उत्तर-स्थानान्तरण कृषि कई आदिवासियों द्वारा विस्तृत रूप से ऊष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में
विशेषकर अफ्रीका, दक्षिणी और मध्यवर्ती अमेरिका तथा दक्षिण पूर्व एशिया में की जाती है।
स्थानान्तरी कृषि का भविष्य अब उज्जवल नहीं है क्योंकि जिन देशों में यह की जाती है
अब उन देशों का प्रारूप बदलता जा रहा है। इस कृषि का स्थान स्थायी कृषि लेती जा रही है।
स्थायी कृषि में खाद्यान्न तथा अन्य फसलें उत्पन्न की जा रही हैं। इन देशों में वनों का क्षेत्र भी
कम होता जा रहा है। इसलिये स्थानान्तरी कृषि का भविष्य अन्धकारमय है।
प्रश्न 3. बाजारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?
(Market gardening is practised near urban areas, Why ?)
उत्तर-बाजार तथा उद्यान कृषि जिनमें सब्जी फल और फूलों की फसलें नगरीय बाजार के
लिए होती है। खेत छोटे तथा वहाँ पर स्थित होते है जहाँ यातायात के साधन नगरीय केन्द्रों को
भेजते हैं। जहाँ अधिक आय वाले उपभोक्ता होते हैं। यह कृषि इसीलिये नगरीय क्षेत्र के समीप
की जाती है।
प्रश्न 4. मछली पकड़ने एवं कृषि करने का कार्य क्रमश : तटीय एवं मैदानी भागों के
निवासी ही क्यों करते हैं ? वे कौन से भौतिक एवं सामाजिक कारक हैं, जो विभिन्न प्रदेशों
में प्राथमिक क्रियाओं के प्रकार को निर्धारित करते हैं ?
(Why inhabitants of coastal and plain regions are engaged in fishing and agriculture respectively? What are the physical and social factors which affect the type of primary activities in different regions ?)
उत्तर-तटीय क्षेत्र के निवासी मत्स्य क्रियाओं में संलग्न होते है क्योंकि समुद्र ही एक प्राकृतिक
संसाधन उपलब्ध है। तटीय क्षेत्रों में अन्य कार्य गौण रहते हैं केवल मत्स्य क्रियायें ही संभव है।
मैदानी क्षेत्र में भी वहाँ के निवासी कृषि कार्यों में लगे होते हैं। समतल मैदान होने के कारण
कृषि ही संभव है। मृदा उपजाऊ होने से कृषि में फसलें उगाई जाती है। यही उन क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधन है।
प्रश्न 5. मानव क्रियाकलापों के चार प्रमुख वर्गों के नाम बताइए।
(Name the four broad categories of human activities.)
उत्तर-मानव क्रियाकलापों को मुख्य चार वर्गों में बाँटा जा सकता है।
(i) प्राथमिक व्यवसाय (Primary Occupation) (ii) द्वितीयक व्यवसाय (Secondery
Occupation) (iii) तृतीयक व्यवसाय (Tertiary Occupation) (iv) चतुर्थक व्यवसाय
(Quaternary Occupation)
प्रश्न 6. कृषि क्रान्ति ने लोगों के जीवन में कैसे परिवर्तन किया?
(How did Agricultural Revolution changes the lives of people ?)
उत्तर-कृषि में आई क्रान्ति से मानव सभ्यता के स्थायी चरण की शुरुआत हुई । कृषि क्रान्ति
ने लोगों के जीवन को बहुत प्रभावित किया। इसके कारण निम्नलिखित हैं-
(i) कृषि एवं दूसरी मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक दस्तकारी के कार्यों में वृद्धि
हुई। इसके साथ ही मानव द्वारा सौन्दर्य बोध का विकास हुआ।
(ii) अब मानव के पास अन्य कार्यों जैसे चिन्तन, मनन आदि के लिए काफी समय मिलने लगा।
(iii) कृषि अथवा दस्तकारी उत्पादों के व्यापार के कारण नए परिवहन मार्ग खुले । इससे
लोगों में संपर्क बढ़े।
प्रश्न 7. कृषि क्रान्ति की नींव डालने वाले चार प्रमुख घटक कौन से थे ?
(Name the four factors which triggered off Agricultural Revolution.)
उत्तर-कृषि क्रांति की नींव डालने वाले चार प्रमुख घटक निम्नलिखित थे-
(i) भोजन पकाने के लिए आग का उपयोग । (ii) पशुपालन । (iii) फसलों की खेती।
(iv) स्थायी बस्तियों में निवास ।
लघु उत्तरीय प्रश्न (ShortAnswer Type Question)
प्रश्न 1. औद्योगिक क्रांति और सूचना क्रांति में अन्तर बतायें।
उत्तर-औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) औद्योगिक क्रांति से हमारा अभिप्राय
उन महत्वपूर्ण आविष्कारों से है जिन्होंने इंग्लैंड में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में तकनीक और संगठन में अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए । ये परिवर्तन इतनी तेज गति से हुए और इतने प्रशावशाली सिद्ध हुए कि इन्हें क्रांति का नाम दे दिया गया। जेम्स वाट के भाप के इंजन के आविष्कार ने औद्योगिक आधार पर क्रान्ति ला दी। भाप के इंजन ने वस्त्र उद्योग की मशीन को चलाने, कातने व बुनने में सहायता दी। पहले इन कारखानों शक्ति बलि का स्रोत पशु या बहता हुआ जल था। इस क्रांति का प्रभाव शिक्षा व स्वास्थ्य तथा व्यापार पर भी पड़ा।
सूचना के क्षेत्र में क्रांति (Information Revolution)-औद्योगिक क्रांति के कारण
सूचना भेजने और प्राप्त करने का महत्त्व बढ़ गया। आगे आने वाले वर्षों में पश्चिम के देशों
में ज्ञान के प्रसार ने महत्त्वपूर्ण स्थान ले लिया। अत: बीसवीं सदी की शुरुआत से सूचना के क्षेत्र में क्रांति आई। इस क्रांति के कारण व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक आधार पर अधिकाधिक वृद्धि हुई। संचार के साधनों द्वारा सूचना प्रसार में सरलता हुई।
प्रश्न 2. आखेट व संग्रहण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
(Write Short note on hunting and gathering.)
उत्तर-कुछ प्रदेशों में लोग सादा जीवन बिताते हैं। ऐसे लोग प्रकृति पर पूरी तरह निर्भर रहते
हैं। वे अपने भोजन के लिए पौधों से विभिन्न प्रकार के फल, जड़ें और पत्तियाँ इकट्ठी करते
हैं। ये इन पदार्थों की खोज में इधर से उधर घूमते रहते हैं। पशु-पक्षियों के आखेट (शिकार)
तथा झीलों और नदियों में मछली पकड़कर ये लोग संग्रहण से प्राप्त अपनी भोजन की कमी को ही पूरा नहीं करते, अपितु इन्हें इनसे अतिरिक्त पौष्टिकता भी मिल जाती है। ये लोग शिकार के लिए साधारण हथियारों, जैसे भाले, धनुष-बाण आदि का प्रयोग करते हैं। मछली पकड़ने के लिए जाल तथा अन्य तरीके उपयोग में लाते हैं। ऐसी जनजातियों को अपने प्राकृतिक आवास की पूरी जानकारी होती है। इनकी सभी आवश्यकताएँ स्थानीय पर्यावरण से पूरी होती हैं, अत: प्रत्येक समुदाय को अपने जीवन निर्वाह के लिए एक बहुत बड़े क्षेत्र की जरूरत पड़ती है।
अफ्रीका के पिग्मी तथा मलेशिया के समांग लोग उष्ण कटिबंधीय वनों में रहते हैं। अफ्रीका
के बुशमैन और आस्ट्रेलिया के आदिम लोग उष्ण कटिबंधीय मरुस्थालों में रहते हैं। इनुइट और
लैप्स उत्तर ध्रुवीय प्रदेशों में रहते हैं। मानचित्र में ‘संग्रहण व आखेट’ का विश्व वितरण दर्शाया
गया है-
प्रश्न 3. खनन किसे कहते हैं ? खनन के दो प्रकारों के नाम बताएँ । प्रत्येक की एक-एक विशेषता लिखिए।
(What is mining ? Name the two types of mining with one characteristic of cach.)
उत्तर-खनन वह आर्थिक क्रिया है जो भू-गर्भ से मूल्यवान खनिजों को निकालने में आती
है। खनन की दो विधियाँ हैं-
(i) खुली खान (Opencost mining) यह खनन प्रक्रिया अपेक्षाकृत आसान और सस्ती
है। इस विधि से धरातल की मिट्टी हटाकर खनिज की परतों को खोदा जाता है।
(ii) खनिकूप (Shaft mining)-ये खानें काफी गहरी होती है। इन खानों में लिफ्ट मशीन,
ईंधन मशीन तथा शुद्ध हवा जाने की व्यवस्था होती है। इन खानों में आग, गैस, बाढ़ का खतरा
बना रहता है। कोलार सोने की खान 2.5 कि.मी. गहरी है।
प्रश्न 4. तांबे के कोई चार प्रमुख उपयोग लिखिए । संसार के दो अग्रणी ताँबा उत्पादक
देशों के नाम बताए।
उत्तर-ताँवे के चार प्रमुख उपयोग-(i) ताँबा विद्युत का अच्छा सुचालक है। अत: इसका
उपयोग विद्युत उद्योग में सबसे अधिक होता है।
(ii) ताँवे को पीटकर इसके पत्तर बनाए जा सकते हैं। यह आद्यातवर्धनीय है। इस धातु में
जंग नहीं लगता अत: इसका क्षरण नहीं होता।
(iii) ताँबे का प्रयोग मिश्र धातु में होता है जैसे पीतल, कांसा आदि । जस्ते के साथ मिलाने
पर पीतल तथा टिन के साथ मिलाने पर कांसा बनाते हैं।
(iv) ताँबे को ढालकर इसके सिक्के बनाए जाते हैं।
(v) ताँबे के बर्तन, मूर्तियाँ तथा ताम्रपात्र प्राचीन काल से ही ताँबे के प्रयोग के साक्षी हैं।
प्रश्न 5. सतही खनन तथा भूमिगत खनन में अन्तर बताइए।
(Distinguish between open cost mine and shaft mine.)
उत्तर- सतही खनन (Open cost mining)
1. इस प्रकार के खनन को खुले गर्त वाली खान से उत्खनन करना अथवा खदान से खनिज
खोदना कहा जाता है।
2. खनन का यह प्रकार बहुत सरल होता है तथा खनिजों का निष्कासन सस्ता होता है।
3. इस समय विश्व में सभी प्रकार के खनिजों के खनन की कुल खानों में 90% सतही
खानें हैं।
4. अत्यधिक खनिजों के लिए 99% खानों से सतही खनन होता है।
5. सतही खनन में अयस्कों के जमीन में पाए जाने के ढंग तथा उनकी प्रकृति के आधार
पर खनन विधि अपनाई जाती है। जैसे खुली खान अथवा खुले गर्त वाली खान ।
भूमिगत खनन (Shaft mining)
1. इस प्रकार का खनन कार्य सतही खनन विधि की तुलना में अधिक कठिन तथा जोखिम
भरा होता है।
2. इस प्रकार की विधि में खनन प्रक्रिया गहरी ऊर्ध्वाकार खानों से अथवा तिरछे खनिकूप
बनाकर की जाती है।
3. गृहरी भूमिगत सुरंगें बनाई जाती हैं जो एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।
4. खोदे गए खनिजों को लिफ्ट द्वारा ऊपर लाया जाता है।
5. इस प्रकार के खनन में खनिजो की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध किए जाते हैं। गहरी
खानों में हवा के लिए पंखों तथा प्रकाश आदि का प्रबन्ध होता है।
प्रश्न 6. चलवासी पशुचारण की प्रमुख विशेषतायें तथा इससे संबंधित क्षेत्रों का वर्णन
कीजिए।
(Describe the main features of pastoral nomadism and the areas associated with it.)
उत्तर-विशेषताएँ : (i) चलवासी पशु चारक विभिन्न समुदायों में विभाजित होते हैं। प्रत्येक
समुदाय एक सुस्पष्ट सीमा में विचरण करता है।
(ii) इन्हें अपने क्षेत्र के मौसम के अनुसार चारे तथा जल आपूर्ति की जानकारी होती है।
(iii) इस प्रक्रिया में पशु पूर्णतः प्राकृतिक वनस्पति पर ही निर्भर करते हैं।
(iv) चलवासी पशुचारक गाय, भैंस, घोड़े, भेड़-बकरी पालते हैं।
(v) इन लोगों का जीवन पूर्णत : पशुओं पर ही निर्भर करता है।
(vi) हिमालय क्षेत्र के चलवासी गुज्जर-बकरवाल, गद्दी व भोटिया भेड़, बकरी व यार्क
पालते हैं।
चलवासी पशुचारण के तीन प्रमुख क्षेत्र निम्न हैं :
1. यह क्षेत्र 5° प० अक्षांश के मध्य उत्तरी अफ्रीका. के सहारा मरुस्थल से पूर्वी अफ्रीका
के तटीय भाग, सऊदी अरब, इराक, ईरान, अफगानिस्तान होता हुआ मंगोलिया तक फैला है।
2. यूरेशिया में टुण्ड्रा।
3. दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका तथा मालागासी के पश्चिमी भाग ।
प्रश्न 7.खनन क्रिया को भौतिक और आर्थिक कारक किस प्रकार प्रभावित करते हैं ?
चार उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
(How do physical and economic factors influence mining activity ?
xplain with four examples.)
उत्तर-खनन प्रक्रिया को भौतिक कारक और आर्थिक कारक निम्न रूप से प्रभावित करते हैं-
भौतिक कारक (Physical factors)-
(i) खनिज अयस्क का आकार-खनिज क्षेत्र का विस्तार जितना विस्तृत होगा खनिज का
निष्कासन आर्थिक दृष्टि से उतना ही लाभकारी होगा।
(ii) खजिन की सतह से नीचे गहराई-खनिज क्रिया, खनिज की गहराई पर भी निर्भर
करती है। अधिक गहराई में पाए जाने वाले खनिज आर्थिक दृष्टि से अधिक लाभकारी नहीं होते।
(iii) खनिज की गुणवत्ता-खनिज का अंश जितना अधिक होगा उतनी ही उस खनिज की
गुणवत्ता अधिक होगी। उतना ही खनिज लाभकारी होगा।
आर्थिक कारक (Economic factors)
(i) खनिजों के प्रयोग हेतु उपलब्ध प्रौद्योगिकी-खनिजों का विकास तभी संभव है जब
उसके प्रयोग की जानकारी हो जब तक उसके निष्कासन की प्रौद्योगिकी नहीं होगी, खनन कार्य संभव नहीं है।
(ii) धातु की समुचित माँग का भी प्रभाव खनिज अयस्कों के खनन पर होता है।
(iii) श्रमिकों की पर्याप्त आपूर्ति भी खनन कार्य को प्रभावित करती है। पर्याप्त श्रमिकों की
संख्या होने पर ही खनन कार्य किया जा सकता है।
(iv) पूँजी की मात्रा-खनन के लिए पर्याप्त पूँजी होना आवश्यक है जिससे खानों में
सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। मशीनों आदि का प्रबन्ध किया जा सके।
प्रश्न 8. जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना का क्या अर्थ है ? संसार में पाए जाने वाले
व्यावसायिक संरचना के चार प्रमुख वर्गों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
(What is the meaning the occupational structure of the population ?
Explain with suitable examples the four major groups occupational structure.)
उत्तर-व्यावसायिक संरचना का अर्थ है किसी देश की विशिष्ट आर्थिक क्रियाओं में
जनसंख्या का आनुपातिक वितरण । संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व की जनसंख्या को निम्नलिखित
आर्थिक क्रियाओं में विभाजित किया है-
1. कृषि, 2. आखेट, 3. वानिकी, 4. मत्स्य, 5.खनन, 6. विनिर्माण, 7. वाणिज्य आदि । इनको
चार समूहों में विभक्त किया जा सकता है-
1. प्राथमिक व्यवसाय (Primary Occupation)-इसके अन्तर्गत कृषि, वानिकी, मत्स्य
आदि सम्मिलित हैं।
2. द्वितीयक अथवा गौण व्यवसाय (Secondary Occupation)-इसके अन्तर्गत विनिर्माण
उद्योग आदि आते हैं।
3. तृतीयक उद्योग (Tertiary Occupation)-इसके अन्तर्गत यातायात, संचार आदि
सेवाएँ आती हैं।
4.चतुर्थक व्यवसाय (Quartemary Occupation)-इसके अन्तर्गत बौद्धिक व्यवसाय,
अनुसंधान, शिक्षा, सूचना आदि आते हैं।
विकसित देशों में द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थक व्यवसाय अधिक पाए जाते हैं जबकि
विकासशील देशों में प्राथमिक व्यवसाय अधिक पाये जाते हैं
प्रश्न 9. व्यापारिक पशुपालन किसे कहते हैं ? उसकी चार विशेषतायें लिखें।
(What is commercial livestock rearing ? Write four characteristics of it.)
उत्तर-बड़े-बड़े फार्मों पर धन कमाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से पशुओं का पालन-पोषण
करना व्यापारिक पशुपालन कहलाता है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. यह एक बड़े पैमाने पर चारे की फसलों की सहायता से घास के मैदानों में स्थायी रूप
से पशुपालन है।
2. यह पशुपालन कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बड़े-बड़े फार्मों पर किया जाता है।
3. यह पशुपालन शीतोष्ण घास के मैदानों में प्रचलित है जहाँ सम जलवायु पाई जाती है।
4. यह प्राय : विकसित देशों जैसे आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, आदि देशों में प्रचलित है।
प्रश्न 10. लौह खनिज तथा अलौह खनिज में क्या अंतर है?
(Distinguish between ferrous minerals and non-ferrous minerals.)
उत्तर-
लौह खनिज (Ferrous Minerals)
1. वे खनिज जिनमें लोहे का अंश होता है इस वर्ग में आते हैं।
2. इन खनिजों में इस्पात तैयार किया जाता है।
3. लौह अयस्क, मैगनीज तथा बॉक्साइट लौह खनिज के उदाहरण हैं।
अलौह खनिज (Non ferrous minerals)
1. वे खनिज जिनमें लोहे का अंश नहीं होता। अलौह खनिज कहलाते हैं।
2. यह दिन-प्रतिदिन के जीवन में बहुत उपयोगी होते हैं।
3. सोना, चाँदी, ताँबा, कोयला, तेल, नमक, अलौह खनिज के उदाहरण है।
प्रश्न 11. ऋतु प्रवास का क्या अर्थ है ? चलवासी पशु चारण की चार विशेषतायें
बताइए।
(What is the meaning of trans humance ? State four characteristics of
pastoral Nomadism.)
उत्तर-लोगों का अपने पशुओं के साथ ऋतु परिवर्तन के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान
की ओर प्रवास करना ऋतु प्रवास कहलाता है।
चलवासी पशुचारण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) चलवासी पशुचारक विभिन्न समुदायों में विभाजित होते हैं। प्रत्येक समुदाय एक सुस्पष्ट
सीमा में विचरण करता है।
(ii) इन्हें अपने क्षेत्र में मौसम के अनुसार चारे तथा जल आपूर्ति की पूर्ण जानकारी होती है।
(iii) इस प्रक्रिया में पशु पूर्णतः प्राकृतिक वनस्पति पर ही निर्भर करते हैं।
(iv) चलवासी पशुचारक अलग-अलग जलवायु वाले क्षेत्रों में गाय, बैल, भेड़, बकरी, याक
आदि पालते हैं।
(v) ये लोग पूर्णतः पशु तथा पशु उत्पाद पर निर्भर करते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Question)
प्रश्न 1.रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बतलाइए एवं भिन्न-भिन्न देशों में उगाई जाने
वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बतलाइए।
(Discuss the important characteristic features of plantation agriculture.
Name a few important plantation crops from different countries.)
उत्तर-1. यह कृषि बड़े-बड़े आकार के फार्मों पर की जाती है।
2. इसका अधिकतर भाग निर्यात कर दिया जाता है।
3. इस कृषि में वैज्ञानिक विधियों मशीनों उर्वरक तथा अधिक पूँजी का प्रयोग होता है।
4. इसमें कुशल श्रमिक काम करते हैं। ये श्रमिक स्थानीय होते हैं कुछ प्रदेशों में दास श्रमिक
भी काम करते हैं।
5. रोपण कृषि के वागात विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में अधिक भूमि प्राप्त होने के कारण
लगाये जाते हैं।
देश उत्पादन
ब्राजील कहवा
चीन, भारत चाय
मलाया रबर
प्रश्न 2. चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन में अंतर कीजिए।
(Differentiate between Nomadic Herding and Commercial Livestock
Rearing.)
उत्तर-
चलवासी पशुचारण(Nomadic Grazing)
(i) चलवासी पशुचारण पुरानी दुनिया तक ही सीमित है। इसके मुख्य क्षेत्र सहारा, पूर्वी
अफ्रीका का तटीय भाग, दक्षिण-पश्चिमी तथा मध्य एशिया, यूरोशिया में टुंड्रा तथा
दक्षिणी पश्चिमी अफ्रीका एवं मालागासी का पश्चिमी भाग है।
(ii) चलवासी पशुचारक चारे तथा जल की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान तक
घूमते रहते हैं।
(iii) पशु प्राकृतिक रूप से जन्म लेते हैं तथा बड़े होते हैं और उनकी विशेष देखभाल नहीं
की जाती।
(iv) चलवासी पशुपालक एक ही समय पर विभिन्न प्रकार के पशु रखते हैं।
(v) चलवासी पशुपालन एक जीवन निर्वाह आर्थिक पद्धति है जिसमें स्थानीय खपत के
लिए भोजन, वस्त्र, आवास तथा जीवन की अन्य सुविधाएँ जुटाई जाती हैं।
(vi) चलवासी पशुपालन पद्धति में चारे की फसलें नहीं उगाई जाती और पशुओं को
पूर्णत : प्राकृतिक रूप से उगने वाली घास पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
व्यापारिक पशुपालन (Commercial Livestock rearing)
(i) व्यापारिक पशुपालन मुख्यतः नई दुनिया में प्रचलित है। इसके मुख्य क्षेत्र उत्तरी
अमेरिका के प्रेयरी, मध्य अमेरिका का लागोस, दक्षिणी अमेरिका के पम्पास,
दक्षिणी अफ्रीका के वेल्ड, आस्ट्रेलिया के डाउंस तथा न्यूजीलैंड के घास स्थल हैं।
(ii) व्यापारिक पशुपालन एक निश्चित स्थान पर बाड़ों में किया जाता है और उनके
चारे की व्यवस्था स्थानीय रूप से की जाती है।
(iii) पशुओं को वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार पाला जाता है और उनकी विशेष देखभाल
की जाती है।
(iv) व्यापारिक पशुपालक उसी विशेष पशु को पालता है जिसके लिए क्षेत्र अति
अनुकूल होता है।
(v) व्यापारिक पशुपालन में दूध, मांस, ऊन, खालों आदि का उत्पादन होता है जिनका
अन्य क्षेत्रों के साथ व्यापार किया जाता है।
(vi) व्यापारिक पशुपालन में प्राकृतिक घास की होने की अवस्था में चारे की फसलें
उगाकर पूर्ति की जाती है।
प्रश्न 3. संसार के लौह अयस्क तथा उत्पादक देशों के नाम बताइए।
(Mention the names of the iron producing countries.)
उत्तर-विश्व में लौह अयस्क के अनुमानित भंडार 6464.8 करोड़ मीट्रिक टन हैं। विश्व
में रूस में सबसे अधिक लौह भंडार हैं। भारत में विश्व का केवल 20% लौह भंडार है।
प्रमुख उत्पादक देश-यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, स्वीडन, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन,
इंग्लैंड, लाइबेरिया तथा दक्षिण अफ्रीका प्रमुख देश हैं । इसके अतिरिक्त चीन, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, भारत तथा रूस है।
प्रश्न 4. औद्योगिक क्रान्ति के धनात्मक तथा ऋणात्मक प्रभावों का वर्णन करें।
(Discuss the positive and negative impacts of industrial revolution.)
उत्तर-औद्योगिकी क्रांति से तात्पर्य उन तीव्र परिवर्तनों से है जो इंग्लैंड में लगभग 1750
ई० में आरंभ हुए। ये परिवर्तन इतने प्रभावशाली थे कि उन्हें क्रांति का नाम दिया गया। अब
हाथ के स्थान पर कार्य मशीनों से होने लगा। बड़े-बड़े कारखानों में मशीनों का प्रयोग होने लगा जिसके फलस्वरूप उत्पादन की दर और मात्रा दोनों में वृद्धि होने लगी। औद्योगिक क्रांति के परिणाम वास्तव में धनात्मक मक व ऋणात्मक दोनों प्रकार के थे।
औद्योगिक क्रांति के धनात्मक प्रभाव (Positive Impacts of Industrial Revolution):
(i) कृषि पर प्रभाव (Effects on Farming)-औद्योगिक क्रांति के कारण कच्चे माल के
रूप में कपास, पटसन और गन्ने आदि की माँग दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली गई। इस मांग को पूरा करने के लिए कृषि की उपज बढ़ाना जरूरी हो गया। अत: किसानों और जमींदारों ने कृषि करने के नये तरीके अपनाने शुरू किए । जमीन जोतने, फसल बोने, फसल काटने तथा अनाज से भूसा अलग करने के लिए मशीनों का प्रयोग होने लगा। नई-नई फसलें बोई जाने लगीं। सिंचाई के साधनों का विकास हुआ ।
(ii) यातायात पर प्रभाव (Effects on Transport)-औद्योगिक क्रांति के कारण कच्चे
माल तथा तैयार माल को लाने ले जाने के लिए यातायात के साधनों की बड़ी आवश्यकता थी।
ऐसी स्थिति में यातायात के क्षेत्र में नए-नए आविष्कारों का होना स्वाभाविक था। नए आविष्कारों के कारण ही पत्थर की रोड़ी से पक्की सड़कें बनवाई गई। जल मार्गों के लिए अनेक नई-नई नहरें खुदवाई गई जिनमें छोटे छोटे जहाज चलाना संभव हो गया, बाद में भाप इंजन के आविष्कार से लोहे उद्योगों की स्थापना हुई तथा समुद्री जहाज काफी मात्रा में बनाए गए। इस प्रकार यातायात तथा परिवहन के साधन में बड़ी उन्नति हुई।
(iii) संचार पर प्रभाव (Effects on Communication)-औद्योगिकरण के कारण संचार
के साधनों में काफी सुधार हुआ है। व्यापार, वाणिज्य और उद्योगों में वृद्धि हो जाने के कारण
मनुष्य का जीवन व्यस्त हो गया। वह अब अपने समाचारों को शीघ्र भेजना चाहता था और शीघ्र ही प्राप्त करना चाहता था। इसी कारण आगे चलकर तार, टेलीफोन और वायरलेस का आविष्कार हुआ।
(iv) व्यापार पर प्रभाव (Effects on Trade) औद्योगीकरण के कारण चीजों का उत्पादन
बढ़ गया। यातायात तथा संचार के साधनों से भी बहुत उन्नति हुई । इसलिए व्यापार का विस्तार हुआ।
(v) औद्योगीकरण के कारण शिक्षा की आवश्यकता (Need of Education)-औद्योगीकरण
के कारण शिक्षा की बड़ी आवश्यकता अनुभव हुई। मशीनों का ठीक-ठीक प्रयोग व उनकी
मरम्मत बिना तकनीकी (ज्ञान) के संभव नहीं थी। विदेशों से वस्तुओं का क्रय-विक्रय विदेशी
भाषा सीखे बिना नहीं हो सकता था। कृषि, यातायात तथा संचार के साधनों में नए-नए आविष्कार अच्छी शिक्षा के बिना असंभव थे।
औद्योगिक क्रांति के ऋणात्मक प्रभाव (Negative Impact of Industrial Revolution)
(i) औद्योगिक क्रांति का एशिया के देशों पर प्रभाव (Impact of Industrial Revolution
on Asian Countries) औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप उत्पादन की दर और मात्रा दोनों में
वृद्धि हुई। तैयार माल की बढ़ती हुई माँग को सीमित कच्चे माल द्वारा पूरा करना असंभव था।
अतः यूरोप के देशों ने एशिया के देशों को अपना उपनिवेश बनाया, जहाँ औद्योगिक क्रांति नहीं
हुई थी। इन देशों को उपनिवेशों से दो लाभ हुए : एक तो इन उपनिवेशों में तैयार माल बड़ी
सरलता से बिक जाता था।, दूसरा उद्योगों के लिए कच्चा माल बड़ी मात्रा में मिल सकता था।
(ii) faf aftalfita ayit a ante piud (Conflict among different industrial
countries of world)-वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए अधिक से अधिक कच्चा माल प्राप्त करने की होड़ ने विभिन्न यूरोपीय तथा औद्योगिक देशों में आपसी प्रतिस्पर्धा तथा संघर्ष को जन्म दिया।
(iii) सैन्यवाद और शस्त्रीकरण (Militarisation and Armament)-साम्राज्यवादी देशों
की आपसी प्रतिस्पर्धा ने घातक अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सैन्यवाद व शस्त्रकरण के फलस्वरूप, प्रथम तथा द्वितीय विश्व युद्ध के लिए परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई।
प्रश्न 5. संसार के प्रमुख तेल क्षेत्र कहाँ पाए जाते हैं।
(Where are the oil fields of world located ?)
उत्तर-संसार के कुछ क्षेत्र ही तेल संसाधन में समृद्ध हैं । इराक, सउदी अरव, कुवैत, ईरान,
संयुक्त अरब अमीरात, कतर तथा बहरीन पश्चिमी एशिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों में हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका, वेनेजुएला, मैक्सिको, रूस, जार्जिया, अर्मेनिया, अजरबैजान, उत्तरी सागर (यू. के., नार्वे, डेनमार्क, जर्मनी तथा नीदरलैंड के साझे में) तथा चीन और भारत में तेल के विस्तृत क्षेत्र पाए जाते हैं। सउदी अरब खनिज तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है । इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका तथा रूस का स्थान है।
प्रश्न 6.खनन आज भी एक प्रमुख मानव क्रियाकलाप के रूप में क्यों जारी है तथा
इसमें विगत वर्षों में किस प्रकार के परिवर्तन आए हैं ? समझाइए।
(Explain why mining still continues to be an important human activity
and what kind of changes it has under gone over the years.)
उत्तर-खनन वह आर्थिक क्रिया है जो भूगर्भ से व्यावसायिक स्तर पर लाभदायक खनिज
पदार्थों की खुदाई या निष्कर्षण से सम्बन्धित होती है। खनन आज एक महत्वपूर्ण मानव व्यवसाय के रूप में स्थापित है। औद्योगिक क्रांति के पश्चात् जब उत्पादन की दर और मात्रा में वृद्धि हुई तब खनिजों के उपयोग में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई । खनन आज भी बहुत बड़े पैमाने पर जारी है।
इसके प्रमुख कारक हैं :
1. विश्व स्तर पर समय के साथ खनिजों के प्रयोग में वृद्धि ।
2.खनिजों के बढ़ते उपयोग ने खनन क्रिया-कलाप को विकसित किया।
3. अनेक विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था का मूल आधार खनिज तथा उनका निर्यात है।
4. आधुनिक युग में धात्विक खनिज जैसे लोहा, मैगनीज आदि माँग में वृद्धि हुई।
5. कोयला पेट्रोलियम आदि का घरेलू उपयोग के कारण खनन क्रियाकलाप अभी भी पूर्ण
रूप से जारी है।
पिछले कुछ वर्षों में खनन क्रियाकलाप में परिवर्तन आए हैं:
1. प्रारम्भ में खनन कार्य कैदियों और दासों से कराया जाता था लेकिन अब यह कार्य
वेतनधारी श्रमिकों द्वारा किया जाता है।
2. मध्य युग में खनन क्रियाकलापों का तेजी से विकास हुआ। खनन कार्य एक अच्छा पेशा
मापा जाने लगा। इंग्लैंड तथा जर्मनी में खनिक संघ बनाए गए।
3. आधुनिक समय में खनन प्रौद्योगिकी में यंत्रीकरण के प्रवेश के कारण खनन क्रिया रोजगार
के अधिक अवसर प्रदान नहीं करती है । खनन के लिए शक्ति चालित उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इनके प्रयोग ने उत्पादक क्षमता को बढ़ा दिया है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Answer Type Question)
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-
(Choose the right answer from the four alternatives given below 🙂
प्रश्न 1. निम्न में से कौन-सी रोपण फसल नहीं है?
(क) कॉफी
(ख) गन्ना
(ग) गेहूँ
(घ) रबड़
प्रश्न 2. निम्न देशों में से किस देश में सहकारी कृषि का सफल परीक्षण किया गया है ?
(क) रूस
(ख) डेनमार्क
(ग) भारत
(घ) नीदरलैंड
प्रश्न 3. फूलों की कृषि कहलाती है-
(क) ट्रक फार्मिंग
(ख) कारखाना कृषि’
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) पुष्पोत्पादन
प्रश्न 4. निम्न में से कौन-सी कृषि के प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूहों
द्वारा किया गया?
(क) कोलखोज
(ख) अंगूरोत्पादन
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) रोपण कृषि
प्रश्न 5. निम्न प्रदेशों में से किसमें विस्तृत वाणिज्य अनाज की कृषि नहीं की जाती है ?
(क) अमेरिका एवं कनाडा के प्रेयरी क्षेत्र
(ख) अर्जेंटाइना के पंपास क्षेत्र
(ग) यूरोपीय स्टैपीज क्षेत्र
(घ) अमेजन बेसिन
प्रश्न 6. निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि की जाती है ?
(क) बाजारीय सब्जी कृषि
(ख) भूमध्यसागरीय कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) सहकारी कृषि
प्रश्न 7. निम्न कृषि के प्रकारों में से कौन-सा प्रकार कर्तन-दहन कृषि का प्रकार है ?
(क) विस्तृत जीवन निर्वाह कृषि
(ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि
(ग) विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि
(घ) मिश्रित कृषि
प्रश्न 8. निम्न में से कौन-सी एकल कृषि नहीं है ?
(क) डेरी कृषि
(ख) मिश्रित कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) वाणिज्य अनाज कृषि
प्रश्न 9. लिग्नाइट या भूरे कोयले में कार्बन का अंश कितने प्रतिशत होता है ?
(क) 70 से 90%
(ख) 45 से 70%
(ग) 90% से अधिक
(घ) 40%
प्रश्न 10. एन्थासाइट कोयले में कार्बन की मात्रा कितने प्रतिशत होती है ?
(क) 90% से अधिक
(ख) 80% से अधिक
(ग) 70 से 90%
(घ) 45 से 70%
प्रश्न 11. खनिज तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन-सा है ?
(क) अमेरिका
(ख) रूस
(ग) सउदी अरब
(घ) भारत
प्रश्न 12. विश्व के सबसे बड़े लौह भंडार कहाँ हैं ?
(क) अमेरिका
(ख) रूस
(ग) घाना
(घ) कनाडा
प्रश्न 13. प्राथमिका कार्यकलाप है-
(क) व्यापार
(ख) उद्योग
(ग) कृषि
(घ) सभी
प्रश्न 14.मानव का प्राचीनतम कार्यकलाप था-
(क) पशुपालन (ख) खनन (ग) आखेट एवं संग्रहण (घ) बुनाई
प्रश्न 15. अब तक खनिजों की खोज हो चुकी है लगभग-
(क) 100
(ख) 200
(ग) 2000
(घ), 20000
प्रश्न 16. चलवासी पशुचारण के कितने स्पष्ट क्षेत्र हैं ?
(क) पाँच
(ख) छ:
(ग) सात
(घ) आठ
उत्तर-
1. (ग) 2. (क) 3. (घ) 4. (घ) 5. (घ) 6.(ख) 7.(ख) 8.(क) 9.(ख) 10.(क)
11.(ग) 12.(ख) 13.(ग) 14.(ग) 15.(ग) 16.(ग)
भौगोलिक कुशलताएँ
1. संसार के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित दिखाइए:
(i) आर्कटिक इनुइट, आस्ट्रेलियाई पिनटुपी, दक्षिण भारत के पालियान एवं मध्य एशिया के
सेमांग के निवास क्षेत्र ।
(ii) लौह अयस्क उत्पादन के दो क्षेत्र एक यूरोप में दूसरा एशिया में।
(iii) चीन, यूक्रेन और सं. राज्य अमेरिका प्रत्येक में एक कोयला क्षेत्र ।
उत्तर-