Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 1
Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 1
BSEB 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 1
प्रश्न 1. सर्जिकल स्ट्राइक 2 क्या है ?
उत्तर: कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को आतंकवादियों ने बम विस्फोट कर 40 भारतीय सैनिकों को मौत के घाट सुला दिया। इसके जवाब में भारतीय वायु सैनिकों ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में बम गिराकर उसके करीब 300 आतंकवादियों को मार डाला एवं उसके आतकंवादी ट्रेनिंग सेंटर को बर्बाद कर वापस आ गया। भारतीय सैनिकों द्वारा इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक 2 कहा गया है।
प्रश्न 2. ग्राम पंचायत के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर: ग्राम पंचायत के निम्नलिखित कार्य है-
- पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजना तथा वार्षिक बजट तैयार करना।
- प्राकृतिक विपदा में सहायता करने का कार्य।
- सार्वजनिक सम्पत्ति से अतिक्रमण हटाना और
- स्वैच्छिक श्रमिकों को संगठित करना और सामुदायिक कार्यों में स्वैच्छिक सहयोग करना।
प्रश्न 3. भाषा नीति क्या है ?
उत्तर: भाषा के चलते देश में किसी प्रकार की अड़चन या बलवा न होने देना भाषा नीति कहलाती है। भारत में 114 भाषाएँ बोली जाती हैं। हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी है। संविधान के अनुसार सरकारी काम काज की भाषा में अंग्रेजी के प्रयोग के निषेध के बावजूद गैर हिन्दी भाषी प्रदेशों की माँग के कारण अंग्रेजी का प्रयोग जारी है। तमिलनाडु में इसके लिए उग्र आंदोलन हुआ। इस विवाद को सरकार ने हिन्दी या अंग्रेजी भाषा के प्रयोग को मान्यता देकर सुलझाया।
प्रश्न 4. नगर निगम के क्या कार्य है ?
उत्तर: नगर निगम नागरिकों की स्थानीय आवश्यकता एवं सुख-सुविधा के लिए अनेक कार्य करता है। नगर निगम के कुछ कार्य निम्नलिखित हैं-
- नगर क्षेत्र की नालियों, पेशाबखाना, शौचालय आदि का निर्माण करना एवं उसकी देखभाल करना।
- कूड़ा-कर्कट तथा गंदगी की सफाई करना।
- पीने के पानी का प्रबंध करना।
- गलियों, पुलों एवं उद्यान की सफाई एवं निर्माण करना।
- मनोरंजन गृह का प्रबंध करना।
- आग बुझाने का प्रबंध।
- दुग्धशाला की स्थापना एवं प्रबंध करना।
- खतरनाक व्यापारों की रोकथाम, खतरनाक जानवरों तथा पागल कुत्तों को मारने का प्रबंध करना।
- विभिन्न कल्याण केन्द्रों जैसे मृत केन्द्र, शिशु केन्द्र, वृद्धाश्रम की स्थापना एवं देखभाल करना।
- जन्म-मृत्यु का पंजीकरण का प्रबंध करना।
- नगर की जनगणना करना।
- नये बाजारों का निर्माण करना।
- नगर में बस चलवाना।
- श्मशानों तथा कब्रिस्तानों की देखभाल करना।
- गृह उद्योग तथा सहकारी भंडारों की स्थापना करना आदि।
प्रश्न 5. पंचायती राज में सरपंच की शक्तियों की व्याख्या करें।
उत्तर: सरपंचं गाँव का मुखिया होता है उसे गाँव के मुखिया के रूप में गाँव की भलाई के लिए फैसले लेने होते हैं और ग्राम पंचायत के लिए जो कार्य ऊपर लिखे गए हैं उनमें सरपंच की अहम भूमिका होती है। इन सभी कार्यों को करने की उसकी जिम्मेवारी होती है और उसका दायित्व होता है की गाँव की भलाई के लिए वह हर सामाजिक कार्य करे जिससे जन-जन का भला होता हो। उसे सभी के सुख-दुःख में शामिल होना चाहिए व एक सच्चे सेवक की भांति कार्य करना चाहिए।
प्रश्न 6. पंचायती राजव्यवस्था से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: पंचायती राजव्यवस्था उस व्यवस्था को कहते हैं जिसके द्वारा गाँव के लोगों को अपने गाँवों का प्रशासन तथा विकास स्वयं अपनी इच्छा तथा आवश्यकतानुसार करने का अधिकार दिया गया है। गाँव के लोग अपने इस अधिकार का प्रयोग पंचायतों द्वारा करते हैं। इसलिए इसे पंचायती राज कहा जाता है। पंचायती राज एक त्रिस्तरीय (Three tier) ढाँचा है, जिसका निम्नतम स्तर ग्राम पंचायत का है और उच्चतम स्तर जिला परिषद् का और बीच वाला स्तर पंचायत समिति का। 73वें संविधान संशोधन के अनुसार जिन राज्यों की जनसंख्या 20 लाख से कम है। उन राज्यों में पंचायती राज की दो स्तरीय प्रणाली की व्यवस्था की गई है। पंचायती राज के प्रत्येक स्तर पर शक्तियों का वितरण किया गया है और प्रत्येक स्तर पर लोग प्रशासन को चलाने में भाग लेते हैं।
प्रश्न 7. न्यायिक पुनर्रावलोकन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: न्यायिक पुनर्रावलोकन उस प्रक्रिया को कहते है जिसके अन्तर्गत कार्यकारिणी के कार्यों की न्यायपालिका द्वारा पुर्नरीक्षा का प्रावधान हो। दूसरे शब्दों में न्यायिक पुनर्रावलोकन से तात्पर्य न्यायालय की उस शक्ति से है, जिस शक्ति के बल पर वह विधायिका द्वारा बनाये कानूनों कार्यपालिका द्वारा जारी किये गये आदेशों तथा प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों की जाँच करती है कि वह मूल ढांचे के अनुरूप है या नहीं। मूल ढाँचे के प्रतिकूल होने पर न्यायालय उसे घोषित करती है। न्यायिक पुनरावलोकन की उत्पति सामान्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका से मानी जाती है।
प्रश्न 8. भारत की राजनीति में जाति की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर: कहा जाता है कि सामुदायिक समाज की संरचना का आधार जाति है क्योंकि एक जाति के लोग ही स्वाभाविक समुदाय का निर्माण करते हैं। इन समुदायों के लोगों के समान हित होते हैं। दूसरे अन्य समुदाय के हितों से उनका हित भिन्न होता है। जाति हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। राजनीति में जाति के अनेक पहलू हो सकते हैं-
(i) निर्वाचन के वक्त पार्टी प्रत्याशी तय करते समय जातीय समीकरण का ध्यान जरूर रखती है। चुनाव क्षेत्र में जिस जाति विशेष की मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक होती है, पार्टियाँ उस जाति के हिसाब से प्रत्याशी तय करती हैं ताकि उन्हें चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट मिल जाए। सरकार गठन के समय भी जातीय समीकरण को ध्यान में रखा जाता है।
(ii) राजनीतिक पार्टियाँ जीत हासिल करने हेतु जातिगत भावना को भड़काने की कोशिश करती हैं। कुछ दल-विशेष की पहचान भी जातिगत भावना के आधार पर हो जाती है।
(iii) निर्वाचन के समय पार्टियाँ वोटरों के बीच साख बनाने हेतु अपना चेहरा स्वच्छ और जाति भावना से ऊपर बनाने की कोशिश करती हैं।
(iv) दलित और नीची जातियों का भी महत्त्व निर्वाचन के समय बढ़ जाता है। उच्च वर्ग या जाति के उम्मीदवार भी नीची जातियों के सम्मुख नम्र भावना से जाते हैं और उनके मत हासिल करने हेतु अनुनय-विनय करते हैं। इन अवसरों पर नीची जातियों में भी आत्म गौरव जागृत होता है और स्वाभिमान जगता है अर्थात् इन जातियों में राजनीतिक चेतना के सुअवसर प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 9. मौलिक अधिकार क्या है ?
उत्तर: मौलिक अधिकार उन आधारभूत आवश्यक तथा महत्वपूर्ण अधिकारों को कहा जाता है जिनके बिना देश के नागरिक अपने जीवन का विकास नहीं कर सकते। जो स्वतंत्रताएँ तथा अधि कार व्यक्ति तथा व्यक्तित्व का विकास करने के लिए समाज में आवश्यक समझे जाते हों, उन्हें मौलिक अधिकार कहा जाता है। भारतीय संविधान में सात प्रकार के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है परन्तु 44वें संशोधन के बाद 6 तरह के मौलिक अधिकार नागरिकों को प्राप्त हैं। ये अधिकार हैं-
- समानन्ना का अधिकार
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।
प्रश्न 10. बांग्लादेश के उदय के कारण बताइए।
उत्तर: अयूब खाँ के ‘बुनियादी लोकतंत्र’ के प्रति पाकिस्तानियों का मोहभंग हो चुका था। पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान की भौगोलिक दूरी के कारण दोनों भागों की संस्कृति में भी अंतर था। 1970 के चुनाव के बाद पाकिस्तान के सैनिक शासकों ने बंगालियों की न्यायोचित माँगों को ठुकरा दिया था। 1971 ई० में वहाँ गृह युद्ध शुरू हो गया था। लाखों शरणार्थी भारत आ गए। भारत ने मानवीय आधार पर उनको शरण दी। इसके विरोधस्वरूप 3 दिसम्बर, 1971 ई० को पाकिस्तान ने भारत के हवाई अड्डों पर आक्रमण कर दिया। भारतीय सेना ने बड़े वेग से जवाबी कार्यवाही की। पाकिस्तान युद्ध हार गया और उसका पूर्वी बंगाल का भाग स्वतंत्र होकर बांग्लादेश के रूप में उदित हुआ।
प्रश्न 11. ‘शिमला समझौते’ के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर: आधुनिक बांग्लादेश 1971 से पूर्व पाकिस्तान का एक भाग था। 1971 में वहाँ गृह युद्ध शुरू हो जाने के कारण लाखों की संख्या में शरणार्थी भारत आये। भारत ने मानवीय आधार पर उनको शरण दी। इसके विरोधस्वरूप पाकिस्तान ने 3 दिसंबर, 1971 को भारत के हवाई अड्डों पर धावा बोल दिया। भारतीय सेना ने बड़े वेग से जवाबी कार्यवाही की। पाकिस्तान युद्ध हार गया और उसका पूर्वी बंगाल का भाग स्वतंत्र होकर बांग्लादेश के रूप में उदित हुआ।
युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों को सामान्य बनाने के लिए 3 जुलाई, 1972 को दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच शिमला में एक समझौता हुआ। दोनों देशों ने यह करार किया कि भारत व पाकिस्तान के बीच डाक-तार सेवा फिर से चालू की जाएगी तथा आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में दोनों राष्ट्र एक-दूसरे की मदद करेंगे।
प्रश्न 12. शिमला समझौते के दो मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: शिमला समझौते के दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- नियंत्रण रेखा से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी की जाए अर्थात् जीता हुआ प्रदेश वापस किया जाए।
- भारत द्वारा बंदी बनाए गए एक लाख सैनिकों की रिहाई।
प्रश्न 13. कोलम्बो योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: 1962 ई० की सैनिक भिड़न्त के कुछ समय बाद ही सीमा विवाद के हल के लिए छ: अफ्रो-एशियाई देशों ने कोलम्बो योजना पेश की। इसमें तत्कालीन मौजूदा स्थिति को समझौते का आधार प्रदान करने पर बल दिया गया तथा चीन से कहा गया कि वह पश्चिमी क्षेत्र से अपनी सेना 20 किमी० पीछे हटा ले और इस क्षेत्र में दोनों देशों का नागरिक प्रशासन कायम हो। पूर्वी क्षेत्र में यथास्थिति का सुझाव दिया गया। चीन के इस योजना को मानने से इंकार किया यद्यपि भारत मानने को तैयार था।
प्रश्न 14. भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य मुद्दे क्या हैं ?
उत्तर: भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
- नदी जल विवाद,
- शरणार्थियों की समस्या,
- बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ,
- काँटेदार बाड़ का विवाद,
- चकमा शरणार्थियों की वापसी की समस्या।
प्रश्न 15. सार्क के सदस्य देशों के नाम बताइए।
उत्तर: सार्क देशों में भारत, मालदीव, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल एवं अफगानिस्तान सम्मिलित हैं। इनका मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में हैं।
प्रश्न 16. मार्शल योजना क्या थी ?
उत्तर: यह योजना अमेरिकी विदेश मंत्री के नाम पर ‘मार्शल योजना’ के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस योजना के फलस्वरूप बहुत कम समय में यूरोपीय देशों की आर्थिक स्थिति युद्ध पूर्व स्तर पर आ गई। आने वाले वर्षों में पश्चिम यूरोपीय देशों की व्यवस्था में बहुत तेजी से विकास हुआ।
प्रश्न 17. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यूरोपीय आर्थिक संघ (EEC)- यूरोपीय आर्थिक संघ शीत युद्ध के दौरान हुए सभी समुदायों में सबसे अधिक प्रभावशाली समुदाय था। इसे यूरोपीय सामान्य बाजार भी कहा जाता था। इसमें फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम तथा लक्जमबर्ग शामिल थे। इस संगठन का निर्माण यूरोपीय कोयला और स्टील समुदाय की प्रेरणा से हुआ। इस समुदाय में पहले पाँच वर्षों (1951-56) में इस्पात के उत्पादन में 50 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
यूरोपियन आर्थिक संघ के संस्थापक सदस्यों ने आपस में सभी प्रकार के सीमा कर तथा कोटा प्रणाली समाप्त करके मुक्त व्यापार अथवा खुली स्पर्धा का मार्ग प्रशस्त किया। 1961 ई० तक यूरोपियन आर्थिक संघ एक सफल संगठन बन गया। इसकी सफलता को देखते हुए 1973 ई० में ब्रिटेन भी इसमें शामिल हो गया।
प्रश्न 18. यूरोपीय संघ के झंडे का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: सोने के रंग के सितारों का घेरा यूरोप के लोगों की एकता और मेलमिलाप का प्रतीक है। इसमें 12 सितारें हैं क्योंकि बारह की संख्या को वहाँ पारंपरिक रूप से पूर्णता, समग्रता और एकता का प्रतीक माना जाता है।
प्रश्न 19. आसियान के झंडे का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: आसियान के प्रतीक-चिह्न में धान की दस बालियाँ दक्षिण-पूर्व एशिया के दस देशों को इंगित करती हैं जो आपस में मित्रता और एकता के धागे से बँधे हैं। वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है।
प्रश्न 20. 1978 ई० में चीन द्वारा मुक्त द्वार की नीति का परिचय दीजिए।
उत्तर: 1978 ई० के दिसंबर में देंग श्याओपेंग ने ‘ओपेन डोर’ (मुक्त द्वार ) की नीति चलायी। इसके बाद से चीन ने अद्भुत प्रगति की और अगले सालों में एक बड़ी आर्थिक-ताकत के रूप में उभरा। यह तस्वीर चीन में विकास की तेजी से बदलती प्रवृत्तियों का पता देती है।
प्रश्न 21. आसियान के 10 सदस्य देशों के नाम बताइए।
उत्तर:
- इंडोनेशिया,
- मलेशिया,
- फिलिपींस,
- सिंगापुर,
- थाइलैंड,
- दारुस्सलाम,
- वियतनाम,
- लाओस,
- म्यांमार,
- कंबोडिया।
प्रश्न 22. चीन में विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि लाने के लिए दो कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: चीन के द्वारा 1978 में खुले द्वार की नीति विशेषकर व्यापार में सहायक नए कानूनों को अपनाया। इससे विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special economic-zone=spz) के निर्माण में, विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
प्रश्न 23. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की सदस्यता की वकालत क्यों की?
उत्तर: चीन भारत का पड़ोसी एवं विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। यह देश अभी कुछ वर्ष पहले तक संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं था। भारत ने सदा चीन की सदस्यता की वकालत की। 1971 में साम्यवादी चीन की सदस्यता संयुक्त राष्ट्र में स्वीकार की गई। भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में चीन की सदस्यता की वकालत जिन कारणों से की गई, उनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-
- चीन विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत ने यह अनुभव किया कि ऐसे देश का विश्व मंच से बाहर रहना विश्व के लिए खतरा हो सकता है।
प्रश्न 24. लालडेंगा का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: लालडेंगा का जन्म 1937 ई० में हुआ। वह मिजो नेशनल फ्रंट के संस्थापक और सबसे ज्यादा ख्याति प्राप्त नेता थे। 1959 ई० में मिजोरम में पड़े भयंकर अकाल और उस समय की असम सरकार द्वारा उस समय के अकाल की समस्या के समाधान में विफल होने के कारण वे देश-विद्रोही बन गए।
प्रश्न 25. आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का सिखों एवं देश पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर: आनदंपुर साहिब प्रस्ताव का सिख जन-समुदाय पर बड़ा कम असर पड़ा। कुछ साल बाद जब 1980 ई० में अकाली दल की सरकार बर्खास्त हो गई तो अकाली दल ने पंजाब तथा पड़ोसी राज्यों के बीच पानी के बँटवारे के मुद्दे पर एक आंदोलन चलाया।
प्रश्न 26. 1990 ई० के दशक के मध्यवर्ती वर्षों में पंजाब में शांति किस तरह आ गई और इसके क्या अच्छे परिणाम दिखाई दिए ?
उत्तर: यद्यपि 1992 ई० में पंजाब राज्य में आम चुनाव हुए लेकिन गुस्से में आई जनता ने दिल से मतदान में पूरी तरह भाग नहीं लिया। केवल 22 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान का प्रयोग किया। यद्यपि उग्रवाद को सुरक्षाबलों ने अंततः दबा दिया लेकिन अनेक वर्षों तक पूरी जनता-हिंदू और सिख दोनों को ही कष्ट और यातनाएँ झेलनी पड़ी।
प्रश्न 27. चीन के साथ हुए युद्ध ने भारत के नेताओं पर आंतरिक क्षेत्रीय नीतियों के हिसाब से क्या उल्लेखनीय प्रभाव डाला ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर: चीन के साथ हुए युद्ध ने भारत के नेताओं को पूर्वोत्तर की डावांडोल स्थिति के प्रति सचेत किया। यह इलाका अत्यंत पिछड़ी दशा में था और अलग-थलग पड़ गया था। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिहाज से भी यह इलाका चुनौतीपूर्ण था।
प्रश्न 28. 1962 और 1965 ई० को युद्धों का भारतीय रक्षा व्यय पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: भारत ने अपने सीमित संसाधनों के साथ नियोजित विकास की शुरुआत की थी। पड़ोसी देशों के साथ संघर्ष के कारण पंचवर्षीय योजना पटरी से उतर गई। 1962 ई० के बाद भारत को अपने सीमित संसाधन खासतौर से रक्षा क्षेत्र में लगाने पड़े। भारत को अपने सैन्य ढाँचे का आधुनिकीकरण करना पड़ा। 1962 ई० में रक्षा-उत्पाद विभाग और 1965 में रक्षा आपूर्ति विभाग की स्थापना हुई।
प्रश्न 29. 1962 के बाद 1979 ई० तक भारत-चीन संबंध का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: भारत और चीन के बीच सबंधों को सामान्य होने में करीब दस साल लग गए। 1976 ई० में दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक सबंध बहाल हो सके।
प्रश्न 30. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 ई० अथवा पाक-बांग्लादेश और भारत युद्ध के तीन राजनैतिक प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
- भारतीय सेना के समक्ष 90,000 सैनिकों के साथ पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
- बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र के उदय के साथ भारतीय सेना ने अपनी तरफ से एकतरफा युद्ध-विराम घोषित कर दिया। बाद में, 3 जुलाई, 1972 को इंदिरा गाँधी और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला-समझौते पर हस्ताक्षर हुए और इससे अमन की बहाली हुई।
प्रश्न 31. विदेशी नीति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: आधुनिक समय में प्रत्येक राष्ट्र को दूसरे राष्ट्रों के साथ सम्पर्क स्थापित करने के लिए विदेश नीति निर्धारित करनी पड़ती है। संक्षेप में विदेश नीति से तात्पर्य उस नीति से है जो एक राज्य द्वारा अन्य राज्यों के प्रति अपनाई जाती है। वर्तमान युग में कोई भी स्वतंत्र देश संसार के अन्य देशों से अलग नहीं रह सकता। उसे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है। इस संबंध को स्थापित करने के लिए वह जिन नीतियों का प्रयोग करता है, उन नीतियों को उस राज्य की विदेश नीति कहते हैं।
प्रश्न 32. भारतीय विदेश नीति के वैचारिक मूलाधारों की चर्चा कीजिए।
उत्तर: भारत की विदेश नीति के वैचारिक मूलाधारों की चर्चा निम्न प्रकार की जा सकती है-
- भारत की विदेश नीति का उदय संसार में होने वाले राष्ट्रीय आंदोलनों के युग में हुआ था। अत: यह स्पष्ट है कि भारतीय विदेश नीति का जन्म एक विशेष पर्यावरण में हुआ था।
- हमारी विदेश नीति का उदय दूसरे विश्व युद्ध के बाद परस्पर निर्भरता वाले विश्व के दौर में हुआ था।
- भारत की विदेश नीति के मूलाधारों को उपनिवेशीकरण के विघटन की प्रक्रिया को भी एक कारक माना जा सकता है।
- भारत की विदेश नीति का जन्म उस समय हुआ था जबकि विश्व में सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक परिवर्तन हो रहे थे।
प्रश्न 33. विदेश नीति के चार अनिवार्य कारक बताइए।
उत्तर: किसी भी राष्ट्र की विदेश नीति निश्चित करने के लिए निम्नलिखित चार कारक अनिवार्य माने जाते हैं-
- राष्ट्रीय हित
- राज्य की राजनीतिक स्थिति
- पड़ोसी देशों से संबंध
- अंतर्राष्ट्रीय राजनैतिक वातावरण।
प्रश्न 34. विदेश नीति के लक्ष्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: विदेश नीति के मुख्यतः दो लक्ष्य होते हैं-
- राष्ट्रीय हित (National interests)- राष्ट्रीय हितों में आर्थिक क्षेत्र में राष्ट्रीय विकास, राजनीतिक क्षेत्र में राष्ट्रीय स्थिरता या स्वामित्व, रक्षा क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा आदि का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
- विश्व समस्याओं के प्रति दृष्टिकोण (Attitudes towards international problems)- इनमें प्रमुख रूप से विश्वशांति, राज्यों का सहअस्तित्व, राज्यों का आर्थिक विकास, मानव अश्किार आदि शामिल है।
प्रश्न 35. 1960 के दशक में किस संकट को ‘क्यूबा मिसाइल संकट’ के रूप में जाना गया ?
उत्तर: क्यूबा में सोवियत संघ द्वारा परमाणु हथियार तैनात करने की भनक अमरीकियों को तीन हफ्ते बाद लगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी और उनके सलाहकार ऐसा कुछ भी करने से हिचकिचा रहे थे जिससे दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध शुरू हो जाए। लेकिन वे इस बात को लेकर दृढ़ थे कि खुश्चेव क्यूबा से मिसाइलों और परमाणु हथियारों को हटा लें। कैनेडी ने आदेश दिया कि अमेरिकी जंगी बेड़ों को आगे करके क्यूबा की तरफ जाने वाले सोवियत जहाजों को रोका जाए।
प्रश्न 36. जवाहरलाल नेहरू कौन थे ? विश्व नेता के रूप में उनकी भूमिका संबंधी कुछ महत्त्वपूर्ण बिन्दु लिखिए।
उत्तर: जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) भारत के पहले प्रधानमंत्री (1947-64) थे। वे विश्व में शांति के महान दूत के रूप में विख्यात हैं। उन्होंने अफ्रीकी एशियाई एकता, अनौपनिवेशीकरण और निरस्त्रीकरण के प्रयास किए और विश्व-शांति के लिए शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की वकालत की।
प्रश्न 37. जोसेफ ब्रॉज टीटो कौन थे ? संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: जोसेफ ब्रॉज टीटो (1892-1980) यूगोस्लाविया के शासक (1940-80) रहे। वह दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी के खिलाफ लड़े थे। उन्होंने साम्यवादी, सोवियत संघ से दूरी बनाए रखी तथा यूगोस्लाविया में एकता कायम की वह गूट निरपेक्षता आंदोलन के समर्थक थे।
प्रश्न 38. भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए कारण बतावें।
उत्तर: जब 1945 में संयुक्त राष्ट्रसंघ बना था, उसमें 51 सदस्य थे अब उसकी संख्या 1992 हो गई। अतः सुरक्षा परिषद का विस्तार होना चाहिए। 1945 में उसमें 11 सदस्य थे, 1965 में यह संख्या 15 हो गई। अब संख्या बढ़नी चाहिए जिसमें जर्मनी, जापान, ब्राजील व भारत जैसे राज्यों को स्थायी स्थान मिलना चाहिए।
भारत के दावे के पक्ष में तीन बिन्दु प्रस्तुत किए जा सकते हैं-
- भारत विश्व का विशालतम लोकतंत्र है।
- भारत विश्व का सबसे बड़ा विकासशील देश है।
- भारत गुट निरपेक्ष आंदोलन का अगुआ रहा है।
प्रश्न 39. महाराष्ट्र में दलित पैंथर्स की स्थापना कैसे हुई ?
उत्तर: हमारे समाज में दलित समुदाय ने लम्बे समय तक क्रुरतापूर्ण जातिगत अन्याय भुगता है। 1970 के दशक में शिक्षित दलितों की पहली पीढ़ी ने अनेक मंचों से अपने हक की आवाज उठायी। दलित हितों के दावेदारी के इसी क्रम में महाराष्ट्र में 1972 में दलित युवाओं का एक संगठन दलित पैंथर्स की स्थापना हुई। आजादी के बाद के सालों में दलित समुदाय वाले मुख्यतः जाति आधारित असमानता और आर्थिक असमानता के खिलाफ लग रहे थे।
प्रश्न 40. ‘क्योटो प्रोटोकॉल’ क्या है ?
उत्तर: क्योटो प्रोटोकॉल एक अन्तर्राष्ट्रीय समझौता है। इसके अन्तर्गत औद्योगिक देशों के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और हाइड्रोफ्लोरो कार्बन जैसी कुछ गैसों के बारे में माना जाता है कि वैश्विक तापवृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रश्न 41. काँग्रेस सिंडिकेट का अर्थ बतलावें।
उत्तर: यह काँग्रेस के पुराने व वरिष्ठ नेताओं का गुट था जिसने इंदिरा गाँधी को सत्ता से वंचित करन हेतु उन्हें दल की प्राथमिक सदस्यता से वंचित कर दिया।
प्रश्न 42. दलाई लामा का भारत में शरण लेने का कारण स्पष्ट करें।
उत्तर: 1950 में चीन ने तिब्बत पर नियंत्रण कर लिया। तिब्बत के ज्यादातर लोगों ने चीनी कब्जे का विरोध किया। चीन ने भारत को आश्वासन दिया था कि तिब्बत को चीन के अन्य इलाके से कहीं ज्यादा स्वायत्तता दी जाएगी। किंतु ऐसा नहीं हुआ। तिब्बतियों को बहुत सारी यातनाओं को झेलना पड़ा। 1958 में चीनी आधिपत्य के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह हुआ। इस विद्रोह को चीनी सेनाओं ने दबा दिया। स्थिति बिगड़ते देखकर तिब्बत के पारंपरिक नेता दलाई लामा ने सीमा पारकर भारत में प्रवेश किया और 1959 में भारत से शरण माँगी। भारत ने दलाई लामा को शरण दे दी।
प्रश्न 43. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना कब हुई ? इसकी स्थापना के प्रमुख उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र एक ऐसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जिसकी स्थापना युद्धों को रोकने, आपसी शांति और प्रेम स्थापित करने तथा जन-कल्याण के कार्य करने के लिए की गई है। आजकल संसार के छोटे-बड़े लगभग 185 देश इसके सदस्य हैं। इस संस्था की विधिवत् स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई० को हुई थी। इस संस्था का मुख्य कार्यालय न्यूयार्क (New york) अमेरिका में है।
उद्देश्य (Aims)-
- अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखना।
- भिन्न-भिन्न राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाना।
- आपसी सहयोग द्वारा आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय ढंग की अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करना।
- ऊपर दिये गये हितों की पूर्ति के लिए भिन्न-भिन्न राष्ट्रों की कार्यवाही में तालमेल करना।
प्रश्न 44. नामदेव ढसाल कौन था ? उनके दलित पैंथर्स समर्थक (पक्षधर ) विचारों का उनकी एक मराठी कविता के आधार पर संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: नामदेव ढसाल मराठी के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने अनेक रचनाएँ लिखी जिनमें से कुछ बहुत प्रसिद्ध (गोलपीठ) अंधेरे में पदयात्रा और सूरजमुखी अशीशो वाला फकीर थी।
विचार (Thoughts)-
- नामदेव दलितों के प्रति सच्ची हमदर्दी रखते थे। वे यह मानते थे कि वह सदियों तक दूषित सामाजिक अथवा जाति प्रथा के कारण कष्ट उठाते रहे हैं।
- वे यह मानते थे कि अब अन्याय रूपी सामाजिक व्यवस्था के अंधकार का अंत और सामाजिक समानता और न्यायरूपी सूरज के उदय होने का समय आ गया है।
- नामदेव यह मानते थे कि दलित पैंथर्स लोग अपने हक और न्याय के लिए खुदं खड़े होंगे और समाज को बदलेंगे। वे प्रगति करके आकश को छू लेंगे। वह सूरजमुखी की भाँति प्रगति, न्याय और समानता की ओर अपना रुख करेंगे।
प्रश्न 45. महिला राष्ट्रीय आयोग का गठन कब हुआ? इसके अधीन कौन-कौन से उपायों को सम्मिलित किया जिनके द्वारा महिलाओं के अधिकारों की रक्षा हो।
उत्तर: महिलाओं के अधिकार और कानूनी अधिकारों की सुरक्षा के लिए 1990 ई० में संसद ने महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना के लिए कानून बनाया जो 31 जनवरी 1992 ई० को अस्तित्व में आया। इसके अन्तर्गत कानून की समीक्षा, अत्याचारों की विशिष्ट व्यक्तियों शिकायतों में हस्तक्षेप और जहाँ कहीं भी उपयुक्त और संभव हो महिलाओं के हितों की रक्षा के उपाय सम्मिलित हैं।
प्रश्न 46. शिक्षा और रोजगार में पुरुषों और महिलाओं की स्थिति का अंतर बताइए।
उत्तर: पुरुषों और महिलाओं की स्थिति में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अंतर है। स्त्री साक्षरता 2001 में 54.16 प्रतिशत थी जबकि पुरुषों की साक्षरता 75.85 प्रतिशत थी। शिक्षा के अभाव के कारण रोजगार, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सुविधाओं के उपयोग जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की सफलता सीमित है।
प्रश्न 47. बीसवीं सदी के कौन-से दशक को स्वायत्तता की माँग के दशक के रूप में देखा जा सकता है ? इसके कुछ मुख्य राजनीतिक प्रभाव दृष्टिगोचर हैं ? केवल उल्लेख कीजिए।
उत्तर: 1980 ई० के दशक को स्वायत्तता की माँग के दशक के रूप में भी देखा जा सकता है। इस दौर में देश के कई हिस्सों में स्वायत्तता की माँग उठी और इसने संवैधानिक हदों को भी पार किया। इन आंदोलनों में शामिल लोगों ने अपनी माँग के पक्ष में हथियार उठाए, सरकार ने उनको दबाने के लिए जवाबी कार्रवाई की और इस क्रम में राजनीतिक तथा चुनावी प्रक्रिया अवरुद्ध हुई।
प्रश्न 48. ‘क्षेत्रवाद एवं राष्ट्रीय सरकार’ विषय पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
1. क्षेत्रवाद ने राष्ट्र के लिए चिंता उत्पन्न की। राष्ट्रीय सरकार को कई बार हथियार उठाकर उन्हें कुचलने का प्रयास करने पड़े।
2. यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि स्वाययत्ता की माँग को लेकर चले अधिकतर संघर्ष लंबे समय तक जारी रहे और इन संघर्षों पर विराम लगाने के लिए केंद्र सरकार को सुलह की बातचीत का रास्ता अख्तियार करना पड़ा अथवा स्वायत्तता के आंदोलन की अगुवाई कर रहे समूहों से समझौते करने पड़े।
3. क्षेत्रवाद के समर्थक गुटों/नेताओं आदि एवं देश की सरकार के मध्य हुई बातचीत की एक लंबी प्रक्रिया के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो सका। बातचीत का लक्ष्य यह रखा गया कि विवाद के मुद्दों को संविधान के दायरे में रहकर निपटा लिया जाए। बहरहाल, समझौते तक पहुँचने की यह यात्रा बड़ी दुर्गम रही और इसमें जब-तब हिंसा के स्वर उभरे।
प्रश्न 49. 1991 में ‘नई विश्व व्यवस्था’ की शुरुआत कैसे हुई ?
उत्तर: नई विश्व व्यवस्था की शुरुआत (Beginning of New World Order)-
1. सोवियत संघ के अचानक विघटन से हर कोई आश्चर्यचकित रह गया। दो महाशक्तियों (अमेरिका तथा सोवियत संघ) में अब एक का वजूद तक न था जबकि दूसरा अपनी पूरी ताकत या कहें कि बढ़ी हुई ताकत के साथ कायम था। इस तरह जान पड़ता है कि अमेरिका के वर्चस्व (Hegemony) की शुरुआत 1991 में हुई जब तक ताकत के रूप में सोवियत संघ अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य से गायब हो गया। एक सीमा तक यह बात सही है लेकिन हमें इसके साथ-साथ दो और बातों का ध्यान रखना होगा।
2. पहली बात यह है कि अमेरकी वर्चस्व के कुछ पहलुओं का इतिहास 1991 तक सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं पीछे दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के समय 1945 तक जाता है।
3. दूसरी बात, अमेरिका ने 1991 से ही वर्चस्वकारी ताकत की तरह बर्ताव करना शुरू नहीं किया। दरअसल यह बात ही बहुत बाद में जाकर साफ हुई कि दुनिया वर्चस्व के दौर में जी रही है।
प्रश्न 50. इराक पर अमेरिकी आक्रमण के दो वास्तविक उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
(i) इराक के तेल भंडार पर अमेरिकी नियंत्रण बनाना। अमेरिका एक विकसित देश है यद्यपि उसके पास विश्व में लगभग तेल के 40 प्रतिशत संसाधन मौजूद हैं लेकिन यह तेल उत्पादक देशों को नियंत्रण में रखना चाहता है ताकि उसकी यातायात, सैन्य और अन्य संबंधित तेल आवश्यकताओं के साधन कभी भी किसी संकट का सामना न करे।
(ii) अमेरिका चाहता है कि इराक में उसकी मनपसंद सरकार कायम रहे ताकि कुवैत सहित अन्य खाड़ी और तेल उत्पादक देश उनके मित्र और सहयोगी बने रहे। अमेरिका अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए इराक सहित सभी देशों में अपनी मनपसंद सरकार कामय रखना चाहता है।
प्रश्न 51. वर्चस्व का अर्थ क्या होता है ? समझाइए।
उत्तर: वर्चस्व (Hegemony)- यह राजनीति की एक ऐसी कहानी है जो शक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है। किसी भी आम आदमी की तरह हर समूह भी ताकत पाना और कायम रखना चाहता है। हम रोजाना बात करते हैं कि फलाँ आदमी ताकतवर होता जा रहा है या ताकतवर बनने पर तुला हुआ है। विश्व राजनीति में भी विभिन्न देश या देशों के समूह ताकत पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं। यह ताकत सैन्य प्रभुत्व, आर्थिक-शक्ति, राजनीतिक रुतबे और सांस्कृतिक बढ़त के रूप में होती है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में ताकत का एक ही केंद्र हो तो इसे ‘वर्चस्व’ (Hegemony) शब्द के इस्तेमाल से वर्णित करना ज्यादा उचित होगा।
प्रश्न 52. एकधुवीय व्यवस्था का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: शीतयुद्ध के समय (1945-91) दो अलग-अलग गुटों में शामिल देशों के बीच शक्ति का बँटवारा था शीतयुद्ध के समय सं. रा. अमेरिका और सोवियत संघ इन दो अलग-अलग शक्ति-केद्रों के अगुआ थे। सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया में एकमात्र महाशक्ति अमेरिका बचा। जब अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था किसी एक महाशक्ति या कहें कि उद्धत महाशक्ति के दबदबे में हो तो बहुधा इसे ‘एकध्रुवीय’ व्यवस्था भी कहा जाता है। भौतिकी के शब्द ‘ध्रुव’ का यह एक तरह से भ्रामक प्रयोग है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में ताकत का एक ही केंद्र हो तो इसे ‘वर्चस्व’ (Hegemony) शब्द के इस्तेमाल से वर्णित करना ज्यादा उचित होगा।
प्रश्न 53. यूरोपीय संघ और आसियान के दो सामान्य उपयोगी निर्णयों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- यूरोपीय संघ और आसियान, दोनों ने ही अपने-अपने इलाके में चलने वाली ऐतिहासिक दुश्मनियों और कमजोरियों का क्षेत्रीय स्तर पर समाधान ढूँढा।
- साथ ही इन्होंने अपने-अपने इलाकों में अधिक शांतिपूर्ण और सहकारी क्षेत्रीय व्यवस्था विकसित करने की तथा इस क्षेत्र के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को समूह बनाने का दिशा में काम किया है।
प्रश्न 54. यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यूरापीय आर्थिक संघ (EEC)- यूरोपीय आर्थिक संघ शीत युद्ध के दौरान हुए सभी समुदायों में सबसे अधिक प्रभावशाली समुदाय था। इसे यूरोपीय सामान्य बाजार भी कहा जाता था। इसमें फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम तथा लक्जमबर्ग शामिल थे। इस संगठन का निर्माण यूरोपीय कोयला और स्टील समुदाय की प्रेरणा से हुआ। इस समुदाय में पहले पाँच वर्षों (1951-56) में इस्पात के उत्पादन में 50 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। यूरोपियन आर्थिक संघ.के संस्थापक सदस्यों ने आपस में सभी प्रकार के सीमा कर तथा कोटा प्रणाली समाप्त करके मुक्त व्यापार अथवा खुली स्पर्धा का मार्ग प्रशस्त किया। 1961 ई० तक यूरोपियन आर्थिक संघ एक सफल संगठन बन गया। इसकी सफलता को देखते हुए 1973 ई० में ब्रिटेन भी इसमें शामिल हो गया।
प्रश्न 55. आप कैसे कह सकते हैं कि आजाद हिन्दुस्तान के शुरुआती कुछ साल चुनौतियों से भरे हुए थे ?
उत्तर: भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था। आजाद हिन्दुस्तान के शुरुआती कुछ साल चुनौतियों से भरे थे।
- सबसे बड़ी चुनौती राष्ट्रीय एकता और अखंडता की थी। देश रियासतों का भारत संघ में शामिल करने का मसला तुरंत हल करना जरूरी था।
- आजादी मिलने के साथ-साथ देश का विभाजन भी हुआ। इस बँटवारे के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई : लोग विस्थापित हुए। उन्हें पुन: बसाना एक बड़ी चुनौती थी।
- देश विभाजन, विस्थापन आदि के कारण धर्म निरपेक्ष भारत की धारणा पर ही आँच आने लगी थी। संविधान में देश की धर्म निरपेक्ष (घोषित कर) इस चुनौती को हल कर लिया गया।
प्रश्न 56. आतंकवाद सुरक्षा के लिए परंपरागत खतरे की श्रेणी में आता है या अपरंपरागत खतरे की श्रेणी में ?
उत्तर:
1. आतंकवाद अपरंपरागत श्रेणी में आता है। आतंकवाद का आशय राजनीतिक खून-खराबे से है जो जान-बूझकर और बिना किसी मुरौव्वत के नागरिकों को अपना निशाना बनाता है। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद एक से ज्यादा देशों में व्याप्त है और उसके निशाने पर कई देशों के नागरिक हैं।
2. कोई राजनीतिक संदर्भ या स्थिति नापंसद हो तो आतंकवादी समूह उसे बल-प्रयोग अथवा बल-प्रयोग की धमकी देकर बदलना चाहते हैं। जनमानस को आतंकित करने के लिए नागरिकों को निशाना बनाया जाता है और आतंकवाद नागरिकों के असंतोष का इस्तेमाल राष्ट्रीय सरकारों अथवा संघर्षों में शामिल अन्य पक्ष के खिलाफ करता है।
3. आतंकवाद के चिर-परिचित उदाहरण हैं विमान-अपहरण अथवा भीड़ भरी जगहों जैसे रेलगाड़ी, होटल, बाजार या ऐसी ही अन्य जगहों पर बम लगाना। सन् 2001 ई० के 11 दिसंबर को आतंकवादियों ने अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला बोला। इस घटना के बाद से दूसरे मुल्क और वहाँ की सरकारें आतंकवाद पर ज्यादा ध्यान देने लगी है बहरहाल, आतंकवाद कोई नयी परिघटना नहीं है। गुजरे वक्त में आतंकवाद की अधिकांश घटनाएँ मध्यपूर्व, यूरोप, लातिनी अमेरिका और दक्षिण एशिया में हुई।
प्रश्न 57. भारत मानव अधिकारों का प्रबल समर्थक क्यों है? तीन कारण बताकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
I. मानव अधिकार ऐसे अधिकारों को कहते हैं जो कि प्रत्येक मनुष्य को पहचान देने के नाते अवश्य ही प्राप्त होने चाहिए।
II. भारत मानव अधिकारों का प्रबल समर्थक है। इसके तीन प्रमुख कारण अग्रलिखित हैं-
- भारत का यह मानना है कि आधुनिक युग में कोई भी स्वतंत्र व लोकतांत्रिक देश मानव अधिकारों के बिना न तो प्रगति कर सकता है और न ही उस देश में शांति स्थापित कर सकती है।
- मानव अधिकार ऐसे अधिकार हैं जो कि मानव की उन्नति व प्रगति के लिए अति आवश्यक व महत्त्वपूर्ण हैं।
- भारत विश्व शांति तथा मानवता के उत्थान में विश्वास रखता है। इसलिए वह मानव अधिकारों का प्रबल समर्थक है।
प्रश्न 58. प्रति वर्ष 10 दिसंबर को संपूर्ण विश्व में मानव अधिकार दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ?
उत्तर: 10 दिसंबर को संपूर्ण विश्व में “मानव अधिकार दिवस” के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 10 दिसंबर, 1948 ई० को “मानव अधिकारों का घोषणा-पत्र” (Charter of Human Rights) स्वीकार किया था। इस घोषणा-पत्र के द्वारा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की सरकारों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने नागरिकों का आदर करेंगी। मानव अधिकार वे अधिकार हैं जो कि सभी मनुष्यों को मानव होने के नाते मिलने ही चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक सामाजिक परिषद् ने 1946 ई० में मानव अधिकारों की समस्या के बारे में एक आयोग की नियुक्ति की। आयोग ने 1948 ई० में अपनी रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की महासभा को प्रदान की और संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 10 दिसंबर, 1948 ई० को मानव अधिकारों के घोषणा-पत्र को स्वीकृति दे दी जिसमें 20 मानव अधिकारों की एक सूची का वर्णन किया गया था। अतः प्रति वर्ष 10 दिसंबर को संपूर्ण विश्व में मानव अधिकार दिवस मनाकर प्रत्येक देश की सरकार को यह याद दिलाया जाता है कि वे अपने नागरिकों को उन्नति व विकास के लिए मानव अधिकार प्रदान करें।
प्रश्न 59. निरस्त्रीकरण शब्द को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: निरस्त्रीकरण का अर्थ है कि मानवता का संहार करने वाले अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण बंद हो व आणविक शस्त्रों पर प्रतिबंध लगे। विश्व के अनेक देशों ने अणुबम तथा हाइड्रोजन बम बना लिए हैं और कुछ बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय शांति को दिन-प्रतिदिन खतरा बढ़ रहा है। एक देश द्वारा बनाए गए संहारक शस्त्रों का उत्तर दूसरा देश अधिक विनाशक शस्त्रों का निर्माण करके देता है। भारत प्रारंभ से ही निरस्त्रीकरण के पक्ष में रहा है। इस दृष्टि से संसार में होने वाले किसी भी सम्मेलन का भारत ने स्वागत किया है। 1961 ई० में भारत ने अणुबम न बनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्रसंघ की साधारण सभा में रखा था’ जेनेवा में होने वाले निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंत में हम यह कह सकते हैं कि निरस्त्रीकरण में ही विश्व का कल्याण निहित है।
प्रश्न 60. जन आंदोलन की प्रकृति पर अतिलघु टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: जन आंदोलन वे आंदोलन होते हैं। जो प्रायः समाज के संदर्भ या श्रेणी के क्षेत्रीय अथवा स्थानीय हितों, माँगों और समस्याओं से प्रेरित होकर प्रायः लोकतांत्रिक तरीके से चलाए जाते हैं। उदाहरण के लिए 1973 ई० में चलाया गया ‘चिपको आंदोलन’ भारतीय किसान यूनियन द्वारा चलाया गया आंदोलन, दलित पैंथर्स आंदोलन, आंध्र प्रदेश ताड़ी विरोधी आंदोलन, समय-समय पर चलाए गए छात्र आंदोलन, नारी मुक्ति और सशक्तिकरण समर्थित आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन आदि जन आंदोलन के उदाहरण हैं।
प्रश्न 61. सुरक्षा परिषद् के क्या कार्य हैं ? अथवा, सुरक्षा परिषद् पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: सुरक्षा परिषद् (Security Council)- सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र की कार्यपालिका के समान है। इसके 15 सदस्य होते हैं। जिनमें 5 स्थायी सदस्य हैं-अमेरिका, इंगलैंड, फ्रांस, चीन और रूस। पहले सोवियत संघ इसका स्थायी सदस्य था परंतु जनवरी, 1992 में सोवियत संघ की समाप्ति के बाद यह स्थान रूसी गणराज्य को दे दिया गया है। इसके अन्य 10 सदस्य महासभा के द्वारा 2 वर्ष के लिए चुने जाते हैं।
भारत कई बार सुरक्षा परिषद् का सदस्य चुना जा चुका है। 1992 ई० में सुरक्षा परिषद् की एक विशेष बैठक हुई जिसमें इसके स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाये जाने पर जोर दिया गया और भारत का इसका स्थायी सदस्य बनाये जाने के विचार ने जोर पकड़ा। कुछ लोग स्थायी सदस्यता के प्रावधान को समाप्त करना चाहते हैं और सभी सदस्यों को समान समझे जाने पर जोर देते हैं। स्थायी सदस्य को किसी भी प्रस्ताव पर वीटो (Veto) का अधिकार है।
सुरक्षा परिषद् के कार्य निम्नलिखित हैं-
- यह विश्व में शांति स्थापित करने के लिए उत्तरदायी है और किसी भी मामले पर जो विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ हो, विचार कर सकती है।
- यह किसी भी देश द्वारा भेजी गई किसी भी शिकायत पर विचार करती है और मामले या झगड़े का निर्णय करती है।
- सुरक्षा परिषद् अपने प्रस्तावों या निर्णयों को लागू करवाने के लिए सैनिक कार्यवाही भी कर सकती है। इराक के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही का निर्णय सुरक्षा परिषद् ने लिया था।
प्रश्न 62. जूनागढ़ की भौगोलिक स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। सरदार पटेल ने इस राज्य को किस तरह से भारतीय संघ में मिलाने के लिए विवश किया ?
उत्तर: जूनागढ़ की भौगोलिक स्थिति (Geographical Situation of Junagarh)- जूनागढ़ गुजरात के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित एक देशी रजवाड़ा या राज्य था। इसमें मनसबदार, बाबरिया बाड़ तथा मंगरोल नामक जागीरें शामिल थीं। इसके साथ पाकिस्तान के बीच सागर था।
जूनागढ़ के शासक द्वारा पाकिस्तान में मिलाने का असफल प्रयास (Unsuccessful attempt Junagrah to Join Pakistan)- जूनागढ़ का नवाब महावत खान पाकिस्तान में शामिल होना चाहता था। सरदार पटेल जैसा दूरदर्शी ऐसा नहीं होने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें पता था यहाँ 80 प्रतिशत गैर-इस्लामी लोग हैं। उन्होंने इस राज्य में जनमत संग्रह कराने के लिए नवाब पर दबाव डाला। नवाब के आनाकानी करने पर सरदार पटेल ने जूनागढ़ की तीन जागीरों पर बलपूर्वक कब्जा करने के लिए आदेश दे दिया। जूनागढ़ का दरबार जो पहले से ही आर्थिक विफलता का सामना कर रहा था और बाद में भारतीय सरकार को आमंत्रित किया कि वह आकर जूनागढ़ के शासन की बागडोर को संभाले। दिसम्बर के माह में जनमत-संग्रह कराया गया और उसमें 99 प्रतिशत लोगों ने पाकिस्तान के स्थान पर भारत में सम्मिलित होने के लिए अपनी पसन्द को व्यक्त किया।
प्रश्न 63. निःशस्त्रीकरण को परिभाषित करें। नि:शस्त्रीकरण के मुद्दे पर भारत क्या भूमिका निभाता रहा है ?
उत्तर: निःशस्त्रीकरण का अर्थ है, विश्व शांति के लिए घातक हथियारों पर रोक लगाना। निःशस्त्रीकरण में भारत की भूमिका निम्नलिखित है-
(a) भारत ने घोषण की कि-
- भारत हथियारों की दौड़ से बाहर रहकर आवश्यक न्यूनतम परमाणु अवरोधक शक्ति बना रहेगा।
- भारत भविष्य में भूमिगत परमाणु विस्फोट नहीं करेगा।
- परमाणु हथियारों के संदर्भ में भारत ने स्वेच्छा से इनको पहले प्रयोग न करने के सिद्धांत को स्वीकार किया।
(b) भारत ने विश्व समुदाय के समक्ष ‘पहले प्रयोग न करने’ के समझौते को परमाणु हथियारों की समाप्ति की ओर एक कदम के रूप में सुझाया।
(c) भारत, संयुक्त राष्ट्र में निःशस्त्रीकरण के मुद्दे पर सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। यह जेनेवा निःशस्त्रीकरण आयोग का एक सदस्य था। डॉ० होमी जहाँगीर भाभा 1955 में संयुक्त राष्ट्र के परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए हुए प्रथम सम्मेलन के निर्वाचित अध्यक्ष थे। भारत ने 1957 में वियना में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी (आई० ए० ई० ए०) के गठन में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
(d) भारत ने 1988 में निःशस्त्रीकरण को समर्पित संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व को परमाणु हथियारों से मुक्त और अहिंसक विश्व व्यवस्था बनाने के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत की।
प्रश्न 64. संयुक्त राष्ट्र का महासचिव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र महासचिव (The Secretary General of United Nations)- संयुक्त राष्ट्र के कार्यों का संचालन करने के लिए एक सचिवालय है। इसके अध्यक्ष को महासचिव कहा जाता है। सर्वप्रथम नार्वे के त्रिगवेली प्रथम महासचिव बने थे। वर्तमान महासचिव काफी अन्नान हैं। ये दोबारा निर्वाचित हुए हैं। महासचिव के प्रमुख कार्य निम्नलिखित होते हैं-
- महासचिव सुरक्षा परिषद, आर्थिक तथा सामाजिक परिषद आदि की बैठकों को आमंत्रित करता है।
- संघ के विभिन अंगों के द्वारा लिये गये निर्णयों को लागू करता है।
- यदि विश्व में कहीं भी शांति को खतरा पैदा होता है तो उसकी सूचना सुरक्षा परिषद को देता है।
- सचिवालय के सारे कार्यों की रिपोर्ट महासभा को देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाना, अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का सर्वेक्षण, अंतराष्ट्रीय गोष्ठियों का आयोजन आदि।
प्रश्न 65. ‘द्वितीय विश्वयुद्ध के उपरान्त सोवियत संघ महाशक्ति के रूप में उभरा।’ तथ्य देकर प्रमाणित करें।
उत्तर:
- दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ महाशक्ति के रूप में उभरा। अमेरिका को छोड़ दें तो सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था शेष विश्व की तुलना में कहीं ज्यादा विकसित थीं।
- सोवियत संघ की संचार प्रणाली बहुत उन्नत थी। उसके पास विशाल ऊर्जा-संसाधन था जिसमें खनिज, तेल, लोहा, और इस्पात तथा मशीनरी उत्पाद शामिल हैं।
- सोवियत संघ के दूर-दराज के इलाके भी आवागमन की सुव्यवस्थित और विशाल प्रणाली के कारण आपस में जुड़े हुए थे।
- सोवियत संघ का घरेलू उपभोक्ता-उद्योग भी बहुत उन्नत था और पिन से लेकर कार तक सभी चीजों का उत्पादन वहाँ होता था। यद्यपि सोवियत संघ के उपभोक्ता उद्योग में बनने वाली वस्तुएँ गुणवत्ता के लिहाज से पश्चिमी देशों के स्तर की नहीं थीं।
- सोवियत संघ की सरकार ने अपने सभी नागरिकों के लिए न्यूनतम जीवन स्तर सुनिश्चित कर दिया था। सरकार बुनियादी जरूरत की चीजें मसलन स्वास्थ्य-सुविधा, शिक्षा बच्चों की देखभाल तथा लोक-कल्याण की अन्य चीजें रियायती दर पर मुहैया कराती थी। बेरोजगारी नहीं थी।
- मिल्कियत का प्रमख रूप राज्य का स्वामित्व था तथा भमि और अन्य उत्पादक संपदाओं पर स्वामित्व होने के अलावा नियंत्रण भी राज्य का ही था।
- हथियारों की होड़ में सोवियत संघ ने समय-समय पर संयुक्त राज्य अमेरिका को बराबर की टक्कर दी।
प्रश्न 66. अमेरिका द्वारा 2003 ई० में इराक पर किए गए आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर: इराक पर अमेरिकी आक्रमण (2003) (American’s attack on Iraq)-
1. 2003 ई० के 19 मार्च को अमेरिका ने ‘ऑपरेशन इराकी फ्रीडम’ के कूटनाम से इराक पर सैन्य-हमला किया। अमेरिकी अगुआई वाले ‘कॉअलिशन ऑव वीलिंग्स (आकांक्षियों के महाजोट)’ में 40 से अधिक देश शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इराक पर इस हमले की अनुमति नहीं दी थी। दिखावे के लिए कहा गया कि सामूहिक संहार के हथियार (वीपंस ऑव मास डेस्ट्रक्शन) बनाने से रोकने के लिए इराक पर हमला किया गया है। इराक में सामूहिक संहार के हथियारों की मौजूदगी के कोई प्रमाण नहीं मिले। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हमले के मकसद कुछ और ही थे, जैसे इराक के तेल-भंडार पर नियंत्रण और इराक में अमेरिका की मनपसंद सरकार कायम करना।
2. सद्दाम हुसैन की सरकार तो चंद रोज में ही जाती रही, लेकिन इराक को ‘शांत’ कर पाने में अमेरिका सफल नहीं हो सका है। इराक में अमेरिका के खिलाफ एक पूर्णव्यापी विद्रोह भड़क उठा। अमेरिका के 3000 सैनिक इस युद्ध में खड़े रहे जबकि इराक के सैनिक कहीं ज्यादा बड़ी संख्या में मारे गये। एक अनुमान के अनुसार अमेरिकी हमले के बाद से लगभग 50,000 नागरिक मारे गये हैं। अब यह बात बड़े व्यापक रूप में मानी जा रही है कि एक महत्त्वपूर्ण अर्थ में इराक पर अमेरिका हमला सैन्य और राजनीतिक धरातल पर असफल सिद्ध हुआ है।
प्रश्न 67. संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत (Principles of United Naitons)- संयुक्त राष्ट्र अपने उद्देश्यों की सिद्धि के लिए निम्नलिखित सिद्धांतों के अनुसार कार्य करता है-
- संयुक्त सभी सदस्यों की प्रभुसत्ता और समानता के सिद्धांत में विश्वास रखता है।
- सभी सदस्य राष्ट्रों का यह कर्तव्य है कि इस चार्टर के अनुसार उनकी जो जिम्मेदारियाँ हैं, वे ईमानदारी के साथ निभाएँ।
- सभी सदस्य राष्ट्र अपने विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीकों से करें।
- अन्य राष्ट्रों की अखण्डता और राजनीतिक स्वाधीनता का आदर करें।
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार कोई कार्यवाही करे तो सभी सदस्य राष्ट्रों को उसकी सहायता करनी चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र उन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा जो अनिवार्य रूप से किसी राज्य के आन्तरिक अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
प्रश्न 68. पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कब और कहाँ हुआ था? यह कौन-सी तीन बातों की परिणति (Culnination) था ?
उत्तर:
I. पहला गुट निरपेक्ष सम्मेलन 1961 ई. में बेलग्रेड में हुआ था।
II. पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कम-से-कम निम्नलिखित तीन बातों की परिणति था-
- पाँच देशों (भारत, मिस्र, यूगोस्लाविया, इण्डोनेशिया तथा घाना) के बीच सहयोग।
- शीतयुद्ध का प्रसार और इसके बढ़ते हुए दायरे को रोकना आदि।
- अंतर्राष्ट्रीय फलक (Arena) पर कई नव स्वतंत्र अफ्रीकी राष्ट्रों का नाटकीय उदय हो चुका था। सन् 1960 ई० तक 16 नये अफ्रीकी देश संयुक्त राष्ट्र (UNO) में सदस्यता ग्रहण कर चुके थे।
प्रश्न 69. भारत में नियोजन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: नियोजन अनिवार्यतः एक प्रयास है ताकि समस्याओं का विवेकशील समाधान किया जा सके। आर्थिक नियोजन का अर्थ है समुदाय के उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी तरीके एक उपयोग करना। तेजी से आर्थिक विकास करना तथा रोजगार का विस्तार करना, आय व धन की असमानता को कम करना, आर्थिक सत्ता के सकेन्द्रण को रोकना तथा एक स्वतंत्र व समान समाज के मूल्यों व रुझान की रचना ही हमारी योजनाओं के लक्ष्य रहे हैं।
प्रश्न 70. काँग्रेस सिंडिकेट का अर्थ बतलावें।
उत्तर: यह काँग्रेस के पुराने व वरिष्ठ नेताओं का गुट था जिसने इंदिरा गाँधी को सत्ता से वंचित करने हेतु उन्हें दल की प्राथमिक सदस्यता से वंचित कर दिया।
प्रश्न 71. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी एवं दक्षिणी अफ्रीका के अफ्रीकन नेशनल काँग्रेस पार्टी के समानताओं का वर्णन करें।
उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी एवं दक्षिणी अफ्रीका के अफ्रीकन नेशनल काँग्रेस पार्टी की समानताएँ-
- अखिल राष्ट्रीय स्तर का चरित्र
- राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत संगठन।
प्रश्न 72. निषेधाधिकार (Veto) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य होते हैं। इनमें 5 स्थायी सदस्य तथा 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। प्रक्रिया सम्बन्धी विषयों (Procedural matters) पर कोई निर्णय तभी लिया जाएगा जब 15 में से 9 सदस्यों के सकारात्मक मत होंगे परंतु अन्य महत्त्वपूर्ण मामलों में जिनमें आर्थिक या सैनिक कार्यवाही शामिल है, किसी निर्णय के लिए पाँचों स्थायी सदस्यों का मत भी अनिवार्य है। इस प्रकार किसी भी स्थायी सदस्य का नकारात्मक मत होने की स्थिति में सुरक्षा परिषद् कोई सक्षम कार्यवाही नहीं कर सकेगी। इसी को निषेधाधिकार (Veto) कहा गया है।
प्रश्न 73. संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रधान अंग बताइए।
उत्तर: संयुक्त राष्ट्र के प्रधान अंग (Main organs of U.N.)-
- संयुक्त राष्ट्र महासभा,
- सुरक्षा परिषद्,
- आर्थिक व सामाजिक परिषद्,
- न्यास-परिषद्,
- अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय,
- सचिवालय।
प्रश्न 74. संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना के प्रयासों में भारत के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारतीय सेना को शांति स्थापित करने एवं युद्ध विराम को सुनिश्चित बनाने के लिए कोरिया भेजा गया। भारतीय सेना ने प्राय: संयुक्त राष्ट्र की सभी प्रमुख कार्यवाहियों में भाग लिया। न केवल प्रारंभिक वर्षों में ही भारत ने कोरिया, मिस्र और कांगो जैसी शांति निर्माण कार्यवाहियों में भाग लिया अपितु पिछले वर्षों में भी भारत ने सोमालिया, अंगोला और रंवाडा में इसी प्रकार की कार्यवाहियों में भाग लिया।
भारत के ले० जनरल सतीश नाम्बियार ने बाल्कन युद्ध में संयुक्त राष्ट्र सेना की कमान सँभाली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की शांति निर्माण सेना में स्वेज नहर संकट, कांगो, अंगोला, नामीबिया, गाजा, कम्बोडियो, युगोस्लाविया, लेबनान में अपनी टुकड़ियाँ भेज कर अंतर्राष्ट्रीय शांति पुनःस्थापित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रश्न 75. रंगभेद क्या है ? संयुक्त राष्ट्र द्वारा रंगभेद के विरुद्ध किये गये दो उपायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: रंगभेद नस्ल आधारित भेद-भाव का निकृष्टतम रूप है। यह मानवता और लोकतंत्र विरोधी है-
- संयुक्त राष्ट्र ने 1954 में दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद समर्थक सरकार के विरुद्ध राजनीतिक प्रतिबंध लगाये।
- 1956 में संयुक्त राष्ट्र ने रोडेशिया के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाये।
प्रश्न 76. विश्व स्वास्थ्य संघ के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर: विश्व स्वास्थ्य संघ (W.H.O.) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है इसकी स्थापना 1948 ई० में की गई थी। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य सभी देशों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना है। इसका मुख्य कार्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-
- इसने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नई-नई औषधियों की खोज की है।
- इसने नशीली वस्तुओं के प्रयोग की रोकथाम के लिए अनेक उपाय किये हैं।
- इसने विश्व में हैजे को खत्म किया है।
- यह तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रयत्नशील है।
- इसने संसार के देशों को बी० सी० जी० सिलिन के टीके भिजवाये हैं।
प्रश्न 77. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O.) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है। इसकी स्थापना 1946 ई० में हुई। इसका प्रमुख उद्देश्य सामाजिक न्याय के लिए प्रयास करना और श्रमिकों की दशा में सुधार लाना है। इस संस्था के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
- विभिन्न राष्ट्रों के मजदूरों के वेतन तथा काम करने का समय आदि निश्चित करना।
- मजदूरों में प्रचलित बेकारी को रोकना।
- बच्चों तथा स्त्रियों को शोषण से बचाना।
- मिल मालिकों तथा मजदूरों के बीच हुए झगड़ों को सुलझाना।
- मजदूरों के जीवन-स्तर को उन्नत करना तथा मजदूरों की भलाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करना।
प्रश्न 78. सुरक्षा क्या है ?
उत्तर: सुरक्षा का बुनियादी अर्थ है खतरे से आजादी। मानव का अस्तित्व और किसी देश का जीवन खतरों से भरा होता है। तब क्या इसका मतलब यह है कि हर तरह के खतरे को सुरक्षा पर खतरा माना जाय ?
प्रश्न 79. युद्ध का क्या अर्थ है ? यह क्या देता है ?
उत्तर: युद्ध का अर्थ है- विनाश। युद्ध देता है-सभी को विध्वंस, मृत्यु, आपात जन धन, हानि पीछे छोड़ देता है विकलांग, विधवाएँ, अनाथ बच्चे, भय, भयंकर बीमारियाँ और कई बार तो शहरों, गाँवों और लोगों का नामोनिशान भी मिटा देता है। युद्ध वस्तुतः किसी को सुरक्षा नहीं देता।
प्रश्न 80. आचार्य नरेन्द्र देव कौन थे ? संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: आचार्य नरेन्द्र देव का जन्म 1889 ई० में हुआ। वह देश के स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्होंने सोशलिस्ट काँग्रेस की स्थापना की। स्वराज्य के लिए संघर्ष के आंदोलन के दौरान वह अनेक बार जेल गए। वह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। उन्होंने देश में किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया। वह बौद्ध धर्म के ज्ञाता और विद्वान थे। देश की आजादी मिलने के बाद पहले तो उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी और कालांतर में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को नेतृत्व प्रदान किया। 1956 ई० में उन्होंने अपना दिवंगत शरीर छोड़ दिया।
प्रश्न 81. बाबा साहब अबेंडकर पर अति संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: डॉ० भीमराव अंबेडकर (1891-1956)- इनका जन्म 1891 ई० में एक महर खानदान में हुआ था। इन्होंने इंग्लैंड एवं अमेरिका से वकालत की शिक्षा ग्रहण की थी। 1923 ई० में इन्होंने वकालत प्रारंभ की। 1926 से 1934 ई० तक ये बंबई विधान परिषद् के सदस्य रहे। इन्होंने गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लिया। 1942 ई० में यह वायसराय के कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य नियुक्त किए गए। इन्हें भारत की संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इन्हें आजाद भारत का न्यायमंत्री भी बनाया गया। इन्होंने हिंदू कोड बिल पास करवाया एवं संविधान में हरिजनों को आरक्षण दिलवाया। 1956 ई० में इनका निधन हो गया।
प्रश्न 82. सी. राजगोपालाचारी का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: सी० राजगोपालाचारी का जन्म 1878 ई० में हुआ। वे काँग्रेस के वरिष्ठ नेता और साहित्यकार थे। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के वह प्रिय करीबी कार्यकर्ता थे। वह देश के लिए निर्माण करने वाली संविधान सभा के सदस्य रहे। 1948 से 1950 ई० तक उन्हें स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल बनने का सौभाग्य मिला। देश की स्वंत्रता के बाद देश की आंतरिक सरकार में वह मद्रास के मुख्यमंत्री बने। वह भारत रत्न से सम्मानित पहले भारतीय थे। उन्होंने 1959 में स्वतंत्र पार्टी का गठन किया और 1972 ई० में उनका स्वर्गवास हो गया।