Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 1 in Hindi
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 1 in Hindi
Bihar Board 12th Entrepreneurship Important Questions Short Answer Type Part 1 in Hindi
प्रश्न 1. नियोजन की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: नियोजन की तीन विशेषताएँ ये हैं-
- नियोजन विभिन्न वैकल्पिक क्रियाओं में से सर्वोत्तम का चयन है।
- नियोजन एक निरंतर एवं लोचयुक्त प्रक्रिया है।
- नियोजन का एक महत्वपूर्ण विशेषता इसकी पारम्परिक निर्भरता का होना है।
प्रश्न 2. उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप क्यों समझा जाता है ?
उत्तर: उद्यमिता को सृजनशील क्रियाकलाप कहा जाता है, क्योंकि उद्यमिता अतिरिक्त धन सृजित करने की गतिशील प्रक्रिया है। यह धन व्यक्तियों द्वारा सृजित किया जाता है, जो पूँजी, समय तथा वृत्ति की वचनबद्धता द्वारा किसी उत्पादन अथवा सेवा में मूल्य प्रदान करते हैं। उद्यमिता विशेष रूप से एक व्यापार का एक नया विचार वाला कार्य है। इस क्रिया में निम्न गतिविधियाँ आती हैं-
- किसी नए उत्पादन को शुरू करना।
- किसी उत्पादन की नई विधि का उपयोग करना।
- किसी नए बाजार क्षेत्र में प्रविष्ट होना।
- सामग्री को किसी नए स्रोत से प्राप्त करना।
- एक नए ढंग का संगठन बनाना। अतः कहा जा सकता है कि उद्यमिता एक सृजनशील क्रियाकलाप है।
प्रश्न 3. क्या प्रबंध एक पेशा है ?
उत्तर: प्रबंध पेशे की विशेषताओं (विशिष्ट ज्ञान एवं तकनीकी चातुर्य, प्रशिक्षण एवं अनुभव प्राप्त करने की औपचारिक व्यवसाय, सेवा भावना को (प्राथमिकता) को तो पूरा करता है तथा कुछ अन्य विशेषताओं (प्रतिनिधि पेशेवर संघ का होना, आचार संहिता) का इसमें अभी पूरा विकास नहीं हुआ है। भारत में अभी प्रबंध का पेशे के रूप में विकास अपनी शैशवास्था में है तथा धीमी गति से चल रहा है। जैसे-जैसे विकास की गति में तेजी आएगी वैसे-वैसे प्रबंध को पेशे के रूप में स्वीकृति मिलती जाएगी।
प्रश्न 4. प्रबंध के विभिन्न स्तरों का वर्णन करें।
उत्तर: सामान्यतः प्रबंध के तीन स्तर होते हैं-
(i) उच्च स्तरीय प्रबंध (Top level management) – इसके अंतर्गत संचालक मण्डल, अध्यक्ष, प्रबंधकीय संचालक, जनरल मैनेजर आदि आते हैं, ये शक्ति का अंतिम स्रोत है। ये उद्देश्यों को निर्धारित करके परिणामों की जाँच करते हैं।
(ii) मध्य स्तरीय प्रबंध (Middle level management) – मध्यम प्रबंधक, विभागीय, अध्यक्षों, सुपरिटेंडेंट आदि अधिकारियों से बनता है। इसके अंतर्गत उप-प्रबंधक, उत्पादन प्रबंधक, शाखा प्रबंधक तथा श्रम अधिकारी आते हैं। ये प्रबंधक प्रतिदिन के कार्य की जाँच करके अपने उच्च प्रबंधकों को बतलाते रहते हैं।
(iii) निम्न स्तरीय प्रबंध (Lower level management) – इसके अंदर कार्यालय, फैक्टरी, व्यापार आदि के कार्यों में निरीक्षण करने वाले व्यक्तियों का अध्ययन किया जाता है। निरीक्षण वर्ग में फोरमैन, इंस्पेक्टर तथा सुपरवाइजर्स आते हैं। इनका कार्य श्रमिकों की देखभाल करना, प्रत्येक श्रमिक को कार्य सौंपना, कार्य की योजना बनाना इत्यादि है।
प्रश्न 5. उद्यमिता की परिभाषा दें। अथवा, उद्यमिता क्या है ?
उत्तर: नए विचार का सृजन करने की प्रक्रिया और नए उद्यम की स्थापना करने की क्रिया को उद्यमिता कहा जाता है। उद्यमिता की प्रक्रिया उद्यमि द्वारा संचालित होती है। उद्यमिता के अंतर्गत उद्यमी या साहसी द्वारा साधनों का एकत्रीकरण, निपुणता का संयोजन तथा व्यवसाय को सफल बनाने के लिए नेतृत्व प्रदान करना इत्यादि बातें शामिल रहती हैं।
प्रश्न 6. साहसी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: वाणिज्य, व्यवसाय और उद्योग-धन्धों के क्षेत्र में जो व्यक्ति या व्यापारी जोखिम उठाते हुए साहस करके व्यवसाय को चलाता है उसे ही साहसी कहा जाता है। उद्योगों में साहसी अनिश्चिताओं और जोखिमों को वहन करके उत्पादन कार्य करता है। इस कार्य से वे लाभ रूप में आय प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 7. साहसी के कार्यों को लिखें।
उत्तर: साहसी के कार्य निम्नलिखित हैं- (i) जोखिम उठाना (ii) व्यापार प्रबंध तथा निर्णय लेना (iii) व्यवसाय चयन (iv) उत्पादन का चयन (v) संयंत्र के आकार का चयन (vi) उत्पादन के स्थान का चयन (vii) विक्रय संगठन (viii) नवीन प्रवर्तन विधि को चलाना (ix) समन्वय स्थापित करना (x) साहसी द्वारा कच्चे उत्पाद का प्रबंध।
प्रश्न 8. साहस का क्या अर्थ है ?
उत्तर: साहस शब्द फ्रेंच शब्द से बना है जिसे फ्रेंच मापन में एन्ट्रीप्रीन्डर (Entreprendre) कहा जाता है जिसका अर्थ होता है किसी कार्य को हाथ में लेना।
प्रश्न 9. वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: व्यवसाय और उद्योगों के क्षेत्र में साहसी द्वारा किए गए वातावरण का बारीकी से अध्ययन करना ही वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन कहलाता है। इसके अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अन्य सहायक तत्त्वों का अध्ययन उद्यमी या साहसी द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 10. वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन किन कारणों से करना आवश्यक है ?
उत्तर: कुछ ऐसे कारण है जिनके चलते वातावरण को सूक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक है। ये कारण हैं- (i) संसाधनों का प्रभावशाली प्रयोग (ii) वातावरण का लगातार अध्ययन (iii) व्यूह-रचना बनाने में सहायक (iv) खतरों और अवसरों की पहचान (v) प्रबंधकों के लिए सहायक (vi) भविष्य का अवलोकन करने में सहायक, इत्यादि।
प्रश्न 11. विचार का जन्म किस प्रकार हो सकता है ?
उत्तर: विचार विभिन्न प्रकार से आ सकते हैं, जैसे-दिमागी हलचल, विपणन अनुसंधान, विभिन्न प्रकाशनों से सूचनाएँ प्राप्त करना, दूसरे साहसियों से सहायता लेना, प्रिय व्यापार द्वारा विचार प्राप्त करना, मनुष्यों से बात करना और उन्हें सुनना तथा दिवास्वप्न इत्यादि।
प्रश्न 12. नियोजन की परिभाषा दें।
उत्तर: नियोजन का अर्थ निर्धारित करना है कि क्या करना है, कैसे और कब करना है, किसे करना है तथा परिणामों का मूल्यांकन कैसे किया जाना है।
प्रश्न 13. व्यवसाय का प्रवर्तन क्या है ?
उत्तर: व्यवसाय के प्रवर्तन का तात्पर्य व्यवसाय का अधिक-से-अधिक विकास करने से है। वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री और व्यवसाय का विकास करने के लिए विज्ञापन, नमूने, मेले, नुमाइशें प्रतिस्पर्धा और प्रदर्शन का सहारा लिया जाता है । इसी से व्यवसाय का प्रवर्तन होता है। परिणामस्वरूप व्यवसाय अपने लक्ष्य को प्राप्त करती है।
प्रश्न 14. वातावरण का क्या महत्व है ?
उत्तर: वातावरण का महत्व निम्न से है-
- अवसर की खोज में
- अस्तित्व बनाए रखने में
- सफलता प्राप्त करने में।
प्रश्न 15. विक्रय के बाद सेवा क्या है ?
उत्तर: उपभोक्ता को संतुष्ट रखने के लिए वस्तु के विक्रय के बाद सेवा प्रदान की जाती है, जैसे-वस्तु पसंद न आने पर बदलने की सुविधा, मुफ्त मरम्मत, गारंटी देना आदि को विपणन के क्षेत्र के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 16. संयत्र विन्यास क्या है ?
उत्तर: संयत्र विन्यास का मुख्य उद्देश्य कार्यक्षमता में वृद्धि करना एवं उत्पादन प्रक्रिया को मितव्ययी बनाना होता है। एक सफल संयंत्र विन्यास वह है जिसमें कम-से-कम समय में सामग्री को विभिन्न संचालन चरणों में से होकर गुजरने की गति उत्पन्न करता है। संयंत्र विन्यास ऐसा होना चाहिए जो, श्रमिकों, मशीन, औजार एवं स्थान का सर्वोतम उपयोग निश्चित कर सके।
प्रश्न 17. परियोजना पहचान क्या है ?
उत्तर: एक साहसी के लिए परियोजना को पहचान करना एक कठिन कार्य है साहसी के पास अनेक विकल्प विद्यमान हैं उन विकल्पों के आधार पर ही साहसी परियोजना की पहचान करता है। दूसरे शब्दों में साहसी स्थान, वातावरण, तकनीक, कच्चा माल, संयंत्र और बाजार के आधार पर परियोजना की पहचान करता है।
प्रश्न 18. गर्भावधि क्या है ?
उत्तर: सामान्य बोलचाल की भाषा में गर्भावधि का अर्थ होता है वह समय जो प्रकट रूप में सामने नहीं रहती है, बल्कि समय गर्भ में रहता है। उद्यमवृत्ति में कारोबार के सिलसिले में कुल अवधि गर्भ में भी हो सकती है जिसकी जानकारी प्रकट रूप में सामने आती है।
प्रश्न 19. अल्पकालीन पूर्वानुमान क्या है ?
उत्तर: वैसा पूर्वानुमान जो बहुत कम समय में तथा बहुत कम समय के लिए लगाई जाती है, उसे अल्पकालीन पूर्वानुमान कहा जाता है। उद्यम या व्यवसाय वर्तमान में भविष्य के लिए पूर्वानुमान लगाकर उसी के अनुसार व्यापार या उद्यम की योजना बनाई जाती है उसी योजना के अनुसार व्यापार को संचालित किया जाता है और लाभ कमाने का उद्देश्य पूरा किया जाता है।
प्रश्न 20. विस्तार परियोजना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: विस्तार संबंधी परियोजनाओं के अन्तर्गत नवीन वस्तुओं का उत्पादन, नवीन उत्पादन की इकाइयों की स्थापना करना, वस्तुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना आदि परियोजनाओं को सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 21. शुद्ध कार्यशील पूँजी कैसे ज्ञात की जाती है ?
उत्तर: कार्यशील पूँजी से आशय शुद्ध कार्यशील पूँजी से है। यदि चालू सम्पत्तियों के योग से चालू दायित्व के योग को घटा दिया जाये तो जो शेष बचेगा वह शुद्ध कार्यशील पूँजी होगी।
शुद्ध कार्यशील पूँजी = चालू संपत्तियाँ – चालू दायित्व।
प्रश्न 22. कोष प्रवाह विवरण क्या है ?
उत्तर: कोष प्रवाह विवरण एक ऐसा विवरण है जिसमें धन के प्रवाह के स्रोतों को दिखाया जाता है। यह स्रोत कहाँ से आए और एक निश्चित अवधि में कहाँ उपयोग किए गए इसके बारे में जानकारी प्राप्त होती है। वास्तव में यह ऐसा विवरण है जो संपत्तियों और दायित्वों में परिवर्तन को स्पष्ट करता है।
प्रश्न 23. शोधन क्षमता अनुपात क्या व्यक्त करता है ?
उत्तर: शोधन क्षमता अनुपात से आशय किसी फर्म की उस क्षमता से है जिससे दीर्घकालीन ऋणों का भुगतान किया जाता है। सरल शब्दों में, संपत्ति में से दायित्वों के भुगतान करने की क्षमता को ही संस्था की शोधन क्षमता अनुपात कहते हैं।
प्रश्न 24. विपणन की आधुनिक विचारधारा की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: आधुनिक बाजार विचारधारा की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- इसमें ग्राहकों की संतुष्टि पर अधिक बल दिया गया है।
- विपणन में सम्पूर्ण व्यावसायिक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 25. परियोजना चक्र के तत्व क्या हैं ?
उत्तर: परियोजना चक्र के तत्व या अंग इस प्रकार हैं- (i) प्रवर्तकों का विवरण (ii) उद्यम का विवरण, (iii) आर्थिक जीवन योग्यता, (iv) तकनीकी सुविधाएँ, (v) वित्तीय सुविधाएँ, (vi) लाभदायकता विश्लेषण और (vii) संबंधित प्रपत्र, इत्यादि।
प्रश्न 26. स्थायी और कार्यशील पूँजी में अंतर बताएँ।
उत्तर: कार्यशील पूँजी एक ऐसी पूँजी है जिससे कच्चा माल को खरीदा जाता है और उत्पादन-कार्य में होने वाले खर्चों को पूरा किया जाता है। यह व्यवसाय के कार्यों को करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है जबकि स्थायी पूँजी एक ऐसी पूँजी है जिससे भवन, फर्नीचर, मशीन, औजार तथा यातायात के साधन खरीदे जाते हैं जिन्हें लम्बी अवधि के लिए व्यवसाय में प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 27. साहसिक पूँजी का क्या महत्व है ?
उत्तर: जो व्यक्ति किसी नए व्यवसाय को शुरू करने का जोखिम उठाता है या साहस करता है उसे उद्यमी या साहसी कहते हैं। जब उस व्यवसाय को प्रारंभ करने में जो उद्यमी के द्वारा विनियोग के रूप में उद्योग या व्यापार में लगाया जाता है तो उसे उद्यमी या साहसिक पूँजी कहा जाता है।
प्रश्न 28. परियोजना क्या है ?
उत्तर: परियोजना अथवा प्रोजेक्ट से आशय पूँजी का विनियोग किसी ऐसे व्यावसायिक अवसरों में करने से है जिसमें लाभ की संभावनाएँ अधिक मात्रा में नजर आती है।
प्रश्न 29. चालू अनुपात क्या है ?
उत्तर: यह अनुपात चालू सम्पत्तियों एवं चालू दायित्वों के सम्बन्ध को बताता है। व्यवसाय को उस अनुपात में होना चाहिए कि वह चालू दायित्वों का भुगतान चालू-सम्पत्तियों से कर सके। इन चालू -दायित्वों का भुगतान करने के लिए स्थायी स्रोतों पर आश्रित नहीं होना चाहिए। इसे कार्यशील अनुपात भी कहते हैं।
Current Ratio = Current Assets / Current Liabilities
प्रश्न 30. पूँजी गहन प्रौद्योगिकी क्या है ?
उत्तर: पूँजी गहन तकनीक को ऐसी तकनीक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें अपेक्षाकृत अधिक पूँजी मात्रा प्रयोग की जाती है जबकि श्रम की अल्प मात्रा प्रयुक्त होती है।
प्रश्न 31. कोष क्या है ?
उत्तर: कोष शब्द का आशय चालू सम्पत्तियों एवं चालू दायित्वों का अन्तर है
कोष = चालू-सम्पत्तियाँ – चालू दायित्व
प्रश्न 32. तरलता अनुपात क्या है ?
उत्तर: ये अनुपात किसी भी संस्था की शोधन क्षमता का पता लगाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। ये व्यवसाय की तरलता के मापदण्ड होते हैं। इन अनुपातों में प्रमुख अनुपात हैं- (i) चालू अनुपात अथवा कार्यशील पूँजी अनुपात तथा (ii) शीघ्र अनुपात।
प्रश्न 33. विक्रय संवर्द्धन की परिभाषा दें।
उत्तर: विक्रय संवर्द्धन का अभिप्राय उन सभी क्रियाओं से है जो विक्रय वृद्धि के लिए विज्ञापन, वैयक्तिक विक्रय एवं प्रचार के अतिरिक्त की जाती है।
अमरीकन विपणन परिवाद के वाक्यों में “व्यक्तिगत विक्रय, विज्ञापन एवं प्रसारण को छोड़ सभी विपणन क्रियाओं तथा प्रस्तुति एवं प्रदर्शनी एवं अन्य विक्रय प्रयास जो साधारतया न किए जाएँ जिनका उद्देश्य उपभोक्ता क्रम एवं दुकानदार प्रभाविकता को बढ़ावा देना हो, को विक्रय संर्वन कहते हैं।
प्रश्न 34. क्या विक्रय एवं विपणन में अन्तर है ? ।
उत्तर: हाँ, विक्रय और विपणन में अंतर है। विपणन बाजार का अभिन्न अंग है। बाजार वह स्थान है जहाँ विक्रेता एवं क्रेता अपने उत्पाद को मुद्रा (उसके विपरीत भी) के बदले विनिमय करने हेतु एकत्रित होते हैं। विपणन के अंतर्गत उत्पादन से. उपभोग तक की सभी क्रियाएँ सम्मिलित हैं। जबकि विक्रय का संबंध केवल वस्तु एवं सेवाओं की खरीद-बिक्री से है।
प्रश्न 35. आधारभूत सेवाएँ क्या है ?
उत्तर: आधारभूत सेवाओं से आशय शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, संचार आदि से है। इसमें सुधार कर मानवीय संसाधन की गुणवत्ता को सुधारा जाता है। मानवीय संसाधन उत्पादन का सक्रिय साधन है।
प्रश्न 36. सूक्ष्म वातावरण क्या है ?
उत्तर: सूक्ष्म वातावरण में उन शक्तियों का वर्णन होता है जिनसे कम्पनी के ग्राहकों को प्रभावित किया जाता है। यह शक्ति बाध्य होती है, लेकिन कम्पनी के बाजार व्यवस्था इसे प्रभावित करती है। इन शक्तियों से माल की पूर्ति देने वाले मध्यस्थ, प्रतियोगी, ग्राहक तथा जनता इत्यादि आते हैं।
प्रश्न 37. एक उद्यम का चुनाव से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: जब एक उद्यमी या साहसी किसी नए उपक्रम की स्थापना करने के लिए जो विचार रखता है और उसी के अनुसार उपक्रम का चयन करता है तो उसको एक उद्यम का चुनाव करना कहा जाता है।
प्रश्न 38. अवसर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर: अवसर प्रमुख रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं- (i) आदत संबंधी अवसर (ii) पूरक अवसर (iii) रुकावट वाले अवसर।
प्रश्न 39. विचार का चुनाव से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: जब साहसी या उद्यमी किसी नए उपक्रम को स्थापित करने का विचार मन में लाता है और इसके संबंध में चयन की प्रक्रिया अपनाता है तो इसे विचार का चुनाव कहा जाता है। उचित विचार का चयन करने से साहसी एक अच्छे नए उपक्रम की स्थापना कर सकता है और उसमें अधिक-से-अधिक लाभ अर्जित कर सकता है।
प्रश्न 40. व्यावसायिक संगठन के तीन प्रमुख स्वरूप कौन-कौन हैं ?
उत्तर: व्यावसायिक संगठन के तीन प्रमुख स्वरूप इस प्रकार हैं-
- एकाकी व्यापार,
- साझेदारी व्यवसाय,
- संयुक्त पूँजी कम्पनी।
प्रश्न 41. एकाकी व्यापार क्या है ?
उत्तर: एकाकी व्यापार व्यावसायिक संगठन का एक ऐसा स्वरूप है जिसकी स्थापना एक ही व्यक्ति द्वारा पूँजी लगाकर की जाती है। एकाकी व्यापारी ही अपने व्यापार का अकेला मालिक होता है और वह अपने व्यवसाय का प्रबंध और संचालन करता है। वह स्वयं ही अपने व्यापार के लाभ-हानियों को ग्रहण करता है।
प्रश्न 42. साहसी के दो मुख्य कार्य बताएँ।
उत्तर: साहसी के दो कार्य निम्नलिखित हैं- (i) व्यावसायिक अवसरों की पहचान तथा (ii) नवप्रवर्तन।
प्रश्न 43. साझेदारी क्या है ?
उत्तर: जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में मिलकर समझौता करके जिस व्यवसाय की स्थापना करते हैं उसे साझेदारी व्यवसाय कहा जाता है। यह व्यक्तियों का एक संघ है। साझेदार आपस में मिलकर ही व्यवसाय का संचालन करते हैं। वे आपस में मिलकर लाभालाभ अनुपात में लाभ-हानियों को बाँटते हैं।
प्रश्न 44. संयुक्त पूँजी कम्पनी क्या है ?
उत्तर: संयुक्त पूँजी कम्पनी विधान द्वारा निर्मित एक कृत्रिम व्यक्ति है जिसकी पूँजी अंशों के विभाजित रहती है। अंशधारी कम्पनी के सदस्य होते हैं। लेकिन कम्पनी का अस्तित्व अंशधारियों से अलग रहता है। कम्पनी अपने अंशधारियों के बीच लाभांश के वितरण करती है। कम्पनी का एक सार्वमुद्रा भी होती है।
प्रश्न 45. परियोजना प्रतिवेदन के विभिन्न तत्व या अंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर: परियोजना प्रतिवेदन के विभिन्न तत्व या अंग इस प्रकार हैं-
- प्रवर्तकों का विवरण,
- उद्यम का विवरण,
- आर्थिक जीवन योग्यता,
- तकनीकी सुविधाएँ,
- वित्तीय सुविधाएँ,
- लाभदायकता विश्लेषण और
- संबंधित प्रपत्र इत्यादि।
प्रश्न 46. कार्यशील पूँजी क्या है ?
उत्तर: कार्यशील पूँजी एक ऐसी पूँजी है जिससे कच्चा माल को खरीदा जाता है और उत्पादन कार्य में होने वाले खर्चों को पूरा किया जाता है। यह व्यवसाय के कार्यों को करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
प्रश्न 47. परियोजना प्रतिवेदन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर: परियोजना प्रतिवेदन उपक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत आवश्यक है। इसके विभिन्न लाभ हैं, जैसे-यह उद्यमों के साथ-साथ वित्तीय संस्थाओं और सरकार के लिए लाभदायक होती है।
प्रश्न 48. वित्तीय नियोजन क्या है ?
उत्तर: वित्तीय नियोजन किसी संगठन की पूँजी की आवश्यकता को निर्धारित करता है। यह निश्चित नीतियाँ बनाती हैं जिससे पूँजी का उपयोग और प्रशासन एक निश्चित योजना के द्वारा होता है।
प्रश्न 49. वित्तीय नियोजन के कौन-कौन उद्देश्य हैं ?
उत्तर: वित्तीय नियोजन के उद्देश्य इस प्रकार हैं-
- वित्तीय साधनों का निर्धारण करना,
- पूँजी के स्रोतों का निर्धारण,
- वित्तीय नीतियों का निर्धारण,
- वित्तीय नियंत्रण का निर्धारण,
- उच्च प्रबंध को प्रतिवेदन करना,
- लोचपूर्ण,
- सरलता का तत्त्व।
प्रश्न 50. अदृश्य सम्पत्ति के उदाहरण दीजिए।
उत्तर: अदृश्य सम्पत्तियों के उदाहरण इस प्रकार हैं-परावर्तन व्यय, कानूनी धर्म, वित्तीय निर्गमन व्यय, ख्याति और पेटेंस इत्यादि।
प्रश्न 51. स्थायी पूँजी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: स्थायी पूँजी किसी कम्पनी या उपक्रम की स्थायी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। यह वैसी पूँजी होती है जो स्थायी सम्पत्तियों में लगी होती है। यह व्यावसायिक संस्था के लिए लाभ अर्जित करती है।
प्रश्न 52. सम-सीमान्त बिंदु क्या है ?
उत्तर: सम-सीमान्त बिंदु एक ऐसा बिंदु होता है जहाँ आय और व्यय बराबर होते हैं। साथ ही लाभ और हानि भी नहीं होगा। बिक्री और उत्पादन की मात्रा सम-सीमान्त बिन्दु से अधिक होने पर लाभ होता है। दूसरी ओर सम-सीमान्त बिन्दु से नीचं बिक्री की मात्रा तथा उत्पादन की मात्रा की स्थिति में सदा हानि होती है।
प्रश्न 53. एक नया उद्यम स्थापित करते समय किन-किन बातों पर ध्यान दिया जाता है ?
उत्तर: एक नया उद्यम या उपक्रम को स्थापित करने के लिए विभिन्न बातों पर ध्यान दिया जाता है। इन तत्त्वों को ध्यान में रखकर ही उद्यम को स्थापित किया जा सकता है और संचालन किया जाता है।
उद्यम स्थापित करना- एक उद्यमी को निम्नलिखित अवस्थाओं में से गुजरना पड़ता है-
- उत्पाद/उद्योग का चयन,
- पंजीकरण,
- भूमि/आवास व्यवस्था,
- वित्तीय सहायता,
- तकनीकी जानकारी,
- विपणन सहायता,
- आयात व निर्यात। इस प्रकार इन सभी अवस्थाओं से गुजर कर एक उद्यमी नया उपक्रम स्थापित करके उसका प्रबंध और संचालन करता है।
प्रश्न 54. राज्य वित्त निगम क्या है ?
उत्तर: राज्य वित्त निगम उद्योग-धंधों को वित्त प्रदान करने वाली एक प्रमुख संस्था है। यह भूमि खरीदने, फैक्ट्री के उत्पाद कार्य करने और मशीनों और यंत्रों को खरीदने के लिए ऋण प्रदान करता है। यह निगम नए उद्योगों को स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता देता है। साथ ही विद्यमान उद्योगों का विस्तार और उसका आधुनिकीकरण करने के लिए भी यह ऋण देता है।
प्रश्न 55. प्रबंध का क्या अर्थ है ?
उत्तर: प्रबंध शब्द को कई अर्थों में प्रयोग किया जाता है। कभी-कभी एक संगठन में कार्यरत प्रबंधकीय कर्मियों के समूह का प्रबंध करने के लिए किया जाता है। अन्य समयों में प्रबंध का तात्पर्य नियोजन, संगठन, कार्मिकता, निर्देशन, समन्वयन एवं नियंत्रण प्रक्रिया के रूप में लिया जाता है। इसे ज्ञान के स्वरूप, व्यवहार एवं अनुशासन में जाना जाता है। अनेक लोग हमें इसे नेतृत्व एवं निर्णयन का तकनीक मानते हैं अथवा समन्वयन का साधन तथा कुछ लोग प्रबंध को एक आर्थिक साधन, उत्पादन का एक घटक अथवा अधिग्रहण की व्यवस्था मानते हैं।
प्रश्न 56. हेनरी फियोल द्वारा दी गयी प्रबंध की परिभाषा को लिखें।
उत्तर: हेनरी फियोल ने प्रबंध की परिभाषा देते हुए कहा है कि प्रबंध ने एक योजना होती है। संगठन होता है आज्ञा होती है, समन्वय होता है, नियंत्रण होता है, वित्तीय साधनों को एकत्र करना होता है, आगे देखना होता है तथा भविष्य की परीक्षा और कार्य करने के लिए योजना बनायी जाती है।
प्रश्न 57. उद्यमशीलता क्या है ?
उत्तर: उद्यमशीलता एक ऐसी व्यवस्थित नवीनता है जो परिवर्तनों के लिए की गयी उद्देश्यपूर्ण एवं संगठित खोज में अंतर्निहित होती है और सुअवसरों के प्रणालीबद्ध विश्लेषण में ऐसे परिवर्तन कम खर्च वाली और सामाजिक नवीनताएँ प्रदान कर सकती हैं।
प्रश्न 58. संगठन क्या है ?
उत्तर: संगठन किसी उद्यम के सदस्यों के बीच संबंध स्थापित करने की प्रक्रिया है। यह संबंध अधिकार और कर्तव्यों के हिसाब से बनाए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक विशेष कार्य सौंपा जाता है। साथ ही उस कार्य को करने का अधिकार भी दिया जाता है।
प्रश्न 59. संचार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: संचार शब्द लैटिन भाषा के शब्द Communis से निकला है जिसका अर्थ होता है-सामान्य। अत: Communication अर्थात् संचार का मतलब हुआ कि सामान्य रूप से विचारों में भागीदारी। अर्थात् दो या दो से अधिक लोगों के बीच तथ्यों, विचारों, मतों और भावनाओं को समझने के लिए साझी भूमिका निभाना संचार है।
प्रश्न 60. उत्पादन का क्या अर्थ है ?
उत्तर: माल और सेवाओं का निर्माण करना ही उत्पादन कहलाता है। उत्पादन के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण होता है। जबकि अर्थशास्त्र के अनुसार किसी पदार्थ की उपयोगिता को बढ़ाना, उत्पादन कहलाता है।
प्रश्न 61. स्कंध नियंत्रण से आप क्या समझते हैं ? .
उत्तर: स्कंध नियंत्रण उस प्रणाली को कहा जाता है जो उत्पादन के उपयुक्त समय उचित मूल्य पर आवश्यकता के अनुसार तालिकाएँ उपलब्ध कराता है। प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना है कि स्कंद की मात्रा न तो बहुत कम हो जिससे उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़े और न ही इतनी अधिक हो कि पूँजी ब्लॉक हो जाए।
प्रश्न 62. ABC विश्लेषण क्या है ?
अथवा, ABC विश्लेषण की परिभाषा बताइए।
उत्तर: विभिन्न वर्गों में माल का विश्लेषण ही ABC विश्लेषण कहलाता है। मालं पर नियंत्रण की ABC तकनीक को सदा उत्तम नियंत्रण तरीका माना जाता है। A श्रेणी में अधिक उपयोग वाली वस्तुओं को रखा जाता है। जबकि । श्रेणी में मध्यम उपयोग वाली वस्तुओं को रखा जाता है और C श्रेणी में कम उपयोग वाली वस्तुओं को रखा जाता है।
प्रश्न 63. विपणन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: जिस प्रक्रिया से माल उपभोक्ता तक पहुँचता है, उसे विपणन कहा जाता है। यह वैसी प्रणाली है जिससे व्यापार की गतिविधियाँ आपस में चलती हैं और योजना, मूल्य, बिक्री में वृद्धि और माल के वितरण को उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है। वास्तव में, विपणन के आधार पर माल की क्रय-विक्रय की सारी क्रियाएँ पूरी की जाती हैं।
प्रश्न 64. विपणन प्रबंधन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर: विपणन प्रबंधन प्रबंध के विशाल क्षेत्र की एक शाखा होती है। इसका संबंध उद्देश्यपूर्ण कार्य से है जिससे विपणन लक्ष्य की प्राप्ति होती है। इसके अंतर्गत उपभोक्ता संतुष्टि, लाभ में वृद्धि और बिक्री के मूल्य में वृद्धि इत्यादि बातें शामिल रहती हैं।
प्रश्न 65. थोक व्यापारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: थोक व्यापारी एक ऐसा व्यापारी है जो उत्पादकों से माल खरीदकर उन्हें थोक रूप में फुटकर व्यापारियों के हाथ में बेचता है।
प्रश्न 66. फुटकर व्यापारी क्या है ?
उत्तर: फुटकर व्यापारी एक ऐसा व्यापारी है जो थोक व्यापारियों से माल खरीदकर अपने दुकान में रखता है और उन्हें ग्राहकों को खुदरा रूप में बेचता है।
प्रश्न 67. विज्ञापन क्या है ?
उत्तर: विज्ञापन एक ऐसी विधि है जिसके अनुसार लोगों का ध्यान किसी वस्तु की ओर आकृष्ट करना है। लोग विज्ञापन पढ़ या सुनकर अपनी मनपसंद की वस्तुएँ खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं। अत: विज्ञापन के द्वारा बिक्री में वृद्धि होती है।
प्रश्न 68. विज्ञापन के दो उद्देश्यों को लिखें।
उत्तर: विज्ञापन के दो उद्देश्य इस प्रकार हैं-
- नये उत्पादों की जानकारी-विज्ञापन के माध्यम से लोगों को नये उत्पादों की जानकारी प्राप्त होती है। लोग विज्ञापन देखकर किसी नई वस्तु को खरीदने के लिये तैयार हो जाते हैं।
- माँग उत्पन्न होना-विज्ञापन के माध्यम से किसी विशेष वस्तु के सम्बन्ध में माँग उत्पन्न की जाती है। वस्तु के गुणों के बारे में जानकारी देकर विज्ञापन उस वस्तु के लिये नया ग्राहक तैयार करते हैं। माँग में वृद्धि होने से बिक्री में वृद्धि होती है।
प्रश्न 69. विज्ञापन के साधनों के नाम लिखें।
उत्तर: विज्ञापन के विभिन्न साधन हैं जो ये हैं-
- समाचार पत्र द्वारा विज्ञापन,
- पत्रपत्रिकाओं द्वारा विज्ञापन,
- प्रसारण विज्ञापन,
- सिनेमा विज्ञापन,
- विज्ञापन बोर्ड द्वारा विज्ञापन,
- सिनेमा स्लाइड द्वारा विज्ञापन,
- मेले प्रदर्शनी द्वारा विज्ञापन,
- पम्पलेट या हैण्डबिल द्वारा विज्ञापन एवं लाउडस्पीकर द्वारा विज्ञापन इत्यादि।
प्रश्न 70. संवर्धन क्या है ?
उत्तर: संवर्धन का अर्थ उत्पादन और सेवा के प्रति ग्राहक की रुचि बढ़ाना है और उत्पादन के विषय में जानकारी देना है।
प्रश्न 71. विक्रय कला का क्या अर्थ है ?
उत्तर: विक्रय कला एक ऐसी कला है जिसके आधार पर विक्रेता वस्तुओं की बिक्री करते हैं। इस कला के माध्यम से विक्रेता ग्राहकों को. वस्तुएँ खरीदने के लिए तैयार कर लेते हैं। इसमें ग्राहकों का दिल और विश्वास जीता जाता है।
प्रश्न 72. वित्त की परिभाषा दीजिए।
उत्तर: पूँजी या धन को वित्त कहा जाता है। वित्त को धन का विज्ञान माना जाता है। वित्त को प्रशासनिक क्षेत्र या प्रशासनिक क्रियाओं जिनका संबंध नगद और साख को संगठित करने से है जिससे संगठन के कार्यों को किया जा सके और वांछित उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके। वास्तव में वित्त किसी संस्था के लिए रक्त की तरह होती है, क्योंकि इसके माध्यम से ही उपक्रम का कार्य सुचारू रूप से चलाया जाता है।
प्रश्न 73. पूर्वाधिकार अंश क्या है ?
उत्तर: पूर्वाधिकार अंश कम्पनी द्वारा पूँजी प्राप्त करने का एक साधन है। इस प्रकार के अंशों . पर कुछ प्राथमिकता होती है जो दूसरे अंशधारियों को नहीं मिलती है, जैसे-कम्पनी के समापन के समय इनका भुगतान समता अंशों से पहले मिलता है तथा निश्चित दर से लाभांश अवश्य दिया जाता है। भले ही कम्पनी को लाभ न हो, लेकिन इस प्रकार के अंशधारियों को मताधिकार नहीं होता है।
प्रश्न 74. समता अंश से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: यह भी कम्पनी द्वारा पूँजी प्राप्त करने का एक साधन है। समता अंशधारी ही कम्पनी के वास्तविक स्वामी होते हैं जिन्हें मताधिकार भी प्राप्त रहता है। यह कम्पनी के कार्यकलापों पर नियंत्रण रखते हैं। इन्हें लाभांश पूर्वाधिकार अंशों के लाभांश के बाद ही दिया जाता है। प्रत्येक वर्ष की लाभांश पर बदलती रहती है। यानी कभी कम और कभी अधिक भी हो सकती है। कम्पनी का समापन होने पर पूर्वाधिकार अंशधारियों के बाद ही इन्हें पूँजी वापस की जाती है।
प्रश्न 75. कुल लागत क्या है ?
उत्तर: किसी भी वस्तु के उत्पादन कार्य में लागत विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनके कुल योग को कुल लागत कहा जाता है। इसमें प्रारंभिक लागत, कारखाना लागत, कार्यालय लागत इत्यादि शामिल रहते हैं।
प्रश्न 76. कारखाना लागत क्या है ?
उत्तर: कारखाना लागत का अर्थ उस लागत से है जो मूल लागत में कारखने के खर्च जोड़ने से प्राप्त होती है। इसे Work cost या Factory cost भी कहा जाता है।
प्रश्न 77. कार्यालय लागत क्या है ?
उत्तर: कार्यालय के खर्चों को कारखाने की लागत में जोड़कर कार्यालय लागत प्राप्त की जाती है। इसमें बिक्री और वितर। के व्यय शामिल नहीं किए जाते हैं। इसे Office cost या Production cost भी कहा जाता है।
प्रश्न 78. कोहलर और आर्मस्ट्रांग द्वारा विपणन वातावरण की परिभाषा को लिखें।
उत्तर: विपणन वातावरण की परिभाषा देते हुए कोहलर और आर्मस्ट्रांग ने यह कहा है कि किसी कंपनी के विपणन वातावरण के उन सब घटकों और शक्तियों से है जिनका विपणन प्रबंध की क्षमता को विकसित करने तथा वांछित उपभोक्ताओं को सफलतापूर्वक विपणन क्रियाओं को करने से होता है।
प्रश्न 79. सूक्ष्म वातावरण क्या है ?
उत्तर: सूक्ष्म वातावरण में उन शक्तियों का वर्णन होता है जिनसे कंपनी के ग्राहकों को प्रभावित किया जाता है। यह शक्ति बाध्य होती है। लेकिन कंपनी के बाजार व्यवस्था इसे प्रभावित करती है। इन शक्तियों में माल की पूर्ति देने वाले मध्यस्थ, ग्राहक तथा जनता इत्यादि आते हैं।
प्रश्न 80. बिक्री मूल्य से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: यदि कुल लागत में एक निश्चित प्रतिशत लाभ जोड़ दिया जाता है, तब उसे बिक्री मूल्य कहते हैं। इस प्रकार बिक्री मूल्य में लाभ सम्मिलित कर लिया जाता है।
प्रश्न 81. सीमान्त लागत से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: सीमान्त लागत ऐसी लागत होती है जो एक अतिरिक्त इकाई के उत्पादन करने पर कुल लागत को प्रभावित करती है। कुल लागत में वृद्धि या कमी केवल चल लागत के कारण होती है।
प्रश्न 82. वितरण व्यय (Distribution expenses) क्या है ?
उत्तर: वितरण व्ययों में वे व्यय आते हैं जहाँ उत्पादन क्रिया पूरी हो जाती है वहाँ से लेकर जब तक उत्पाद उपभोक्ता तक पहुँचता है तब तक के व्यय आते हैं। जैसे-गोदाम के खर्चे, माल ढोने वाली गाड़ी के व्यय, बैंकिंग के व्यय, भेजने के व्यय आदि।
प्रश्न 83. सतत् विकास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: व्यवसाय, उपक्रमों और उद्योग-धंधों की प्रगति को निरंतर बनाए रखना ही सतत् विकास कहलाता है। संसाधनों का पूर्ण उपयोग करके सतत् विकास की गति को बनाए रखा जाता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था का समुचित विकास होता है।
प्रश्न 84. उदारीकरण क्या है ?
उत्तर: उदारीकरण एक ऐसी नीति है जिसके अनुसार साहसी कोई भी उद्योग-धंधे स्थापित कर सकता है। कोई उत्पाद बना सकता है और लाभ कमा सकता है। इस संबंध में सरकार उदार बनी रहती है और अपना हस्तक्षेप नहीं करती है।
प्रश्न 85. निजीकरण क्या है ?
उत्तर: जब निजी क्षेत्र में उपक्रमों और उद्योगों को लगाया जाता है और उत्पादन-कार्य किया जाता है तो इसे निजीकरण कहा जाता है। इसमें कोई भी उद्यमिता या उद्योगपति अपना निजी उद्योग लगा सकता है। ऐसे उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं होते हैं बल्कि निजी क्षेत्र में रहते हैं।
प्रश्न 86. वैश्वीकरण क्या है ?
उत्तर: वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अनुसार विश्व स्तर पर विभिन्न देशों का आपस में व्यापारिक और औद्योगिक संबंध बना रहता है। इसमें विश्वस्तर पर विभिन्न देश एक-दूसरे से निकट बने रहते हैं। इसमें विदेशी व्यापार अधिक होता है। विभिन्न देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंध स्थापित रहता है।
प्रश्न 87. विविधीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर: विविधीकरण का अर्थ है विभिन्न प्रकार के नए उत्पाद बनाना। उदाहरण के लिए टाटा समुदाय मुख्य रूप से लोहा एवं इस्पात उद्योग, रसायन, चाय, खाद, शक्ति, कपड़ा और ट्रक इत्यादि के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन इस समुदाय ने अब नए क्षेत्रों में भी कदम रखा है, जैसे मोटरकार, कम्प्यूटर, गृह-निर्माण, वित्त और बीमा इत्यादि।
प्रश्न 88. संगठन क्या है ?
उत्तर: संगठन (Organisation) शब्द की उत्पत्ति ‘Organism’ से हुई है जिसका अर्थ शरीर के ऐसे टुकड़ों से है जो आपस में इस प्रकार संबंधित हैं कि एक पूर्ण इकाई के रूप में कार्य करते हैं। उदाहरणार्थ, मानव शरीर की रचना शरीर के विभिन्न अंगों (हाथ, पैर, मुँह, नाक, आँख, मस्तिष्क आदि) से हुई है। इन अंगों के निश्चित कार्य है। जैसे–हाथों का कार्य काम करना, मुँह का खाना, पेट का पचाना, आँखों का देखना, नाक का सूंघना, कान का सुनना।
ये सभी क्रियाएँ पारस्परिक रूप से एक-दूसरे अंग की क्रियाओं पर आश्रित रहती हैं। किन्तु इन विभिन्न अवयवों के अलावा मानव शरीर के मस्तिष्क में एक केन्द्रीय विभाग भी होता है, जो समस्त अंगों, की क्रियाओं को नियंत्रित करता है। इस प्रकार विभिन्न विभागों में प्रभावपूर्ण समन्वय स्थापित करने की कला को ही संगठन कहा जाता है।
प्रश्न 89. प्रबन्ध के महत्त्व के क्या कारण हैं ?
अथवा, प्रबन्ध क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर: प्रबन्ध प्रत्येक संगठन के लिए एक महत्त्वपूर्ण क्रियाकलाप है। निम्नलिखित कारणों से यह महत्त्वपूर्ण है-
- सामूहिक लक्ष्यों की प्राप्ति में यह सहायक है।
- यह क्षमता में वृद्धि करता है।
- यह गतिशील संगठन का निर्माण करता है।
- यह व्यक्तिगत उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
- यह समाज के विकास में सहायक होता है।
प्रश्न 90. स्कन्ध विनिमय बाजार के क्या कार्य हैं ?
अथवा, स्कन्ध विनिमय बाजार के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर: स्कन्ध विनिमय बाजार के निम्नलिखित कार्य हैं-
- प्रतिभूतियों में लेन-देन हेतु विपणन सुविधाएँ प्रदान करना।
- पूँजी बाजार में तरलता एवं गतिशीलता प्रदान करना।
- प्रतिभूतियों का उचित मूल्यांकन करना।
- व्यवहारों की सुरक्षा एवं उनमें समता प्रदान करना।
- पूँजी निर्माण में सहायता।
- बचतों को गतिशीलता प्रदान करना।
- मध्यस्थ के रूप में कार्य करना।
- सूचीयन द्वारा प्रतिभूतियों को सुदृढ़ता प्रदान करना।
प्रश्न 91. विपणन मिश्रण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: विपणन मिश्रण उत्पादन, इसके वितरण के तरीके को बढ़ाना और इसका मूल्य निर्धारण के मिश्रण को कहा जाता है। यह कुछ ऐसे सोचे-समझे उपकरणों का समूह है जिनसे एक लक्षित मण्डी की आवश्यकताएँ पूरी की जाती हैं।
प्रश्न 92. वित्तीय नियोजन के दो मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर: वित्त किसी भी व्यवसाय का जीवन-रक्त है। इसके बिना किसी व्यवसाय का संचालन नहीं हो सकता है। किसी भी व्यवसाय के वित्त का नियोजन ही वित्तीय नियोजन कहलाता है। इसके दो मुख्य उद्देश्य निम्नवत् हैं-
1. लाभों को अधिकतम करना- इसका मुख्य उद्देश्य व्यवसाय के लाभों को अधिकतम करना होता है। लाभों के अधिकतम होने के व्यवसाय का जीवन काल लम्बे समय तक बना रहता है। इससे व्यवसाय के स्वामियों को लाभ होता है। साथ-ही-साथ उसके एजेंटों को भी लाभ होता है।
2. जोखिमों को कम-से-कम करना- जोखिमों को कम करना भी इसका उद्देश्य है। जोखिम कम होने से व्यवसाय के स्वामी को व्यवसाय के संचालन में सुविधा होगी। साथ ही व्यवसाय का भी विकास होगा।
प्रश्न 93. अवसर लागत तथा संयुक्त लागत क्या है ?
उत्तर: अवसर लागत- अवसर लागत ऐसी लागत है जो किसी अन्य स्थान पर व्यय करने से भी प्राप्त हो सकती है। उदाहरण के लिए, अपनी इमारत (Building) को व्यवसाय में उपयोग कर लिया जाए तो किराया जो प्राप्त हो सकता था, यह अवसर लागत है। इस प्रकार की लागत को तभी ध्यान में रखा जाता है जब किसी परियोजना की लाभदायकता निकाली जाती है।
संयक्त लागत जब कभी सामग्री से दो या अधिक उत्पाद बनते हों, ऐसी लागत को सभी उत्पादों में बाँट देने को संयुक्त लागत कहा जाता है। उदाहरण के लिए, मिट्टी का तेल, ईंधन, गैस आदि कच्चे तेल से निकाले जाते हों तो संयुक्त लागत उस बिंदु तक होती है जहाँ से वे अलग अलग होती है। सामान्य लागत (common cost) और संयुक्त लागते (joint cost) एक-दूसरे के . साथ अदलती–बदलती रहती हैं।
प्रश्न 94. नियंत्रण की प्रक्रिया में सम्मिलित विभिन्न कदमों को बताएं।
उत्तर: नियंत्रण की प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं-
- प्रमापों का निर्धारण करना।
- वास्तविक निष्पादन का मापन करना।
- वास्तविक निष्पादन की तुलना प्रमापों से करना और विचलन का पता लगाना।
- आवश्यकतानुसार उचित सुधारात्मक कार्यवाही करना।
प्रश्न 95. अवसर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर: सामान्य तौर पर अवसर दो तरह के होते हैं-
(i) पर्यावरण में विद्यमान अवसर (Existing Opportunities in the Environment)- कुछ अवसर ऐसे होते हैं जो पहले से ही मौजूद होते हैं; जैसे-कागज, कपड़ा, जूता आदि का कारखाना स्थापित करके इसी पुरातनता में कुछ नवीनता लाना। यहाँ साहसी को कुछ नयापन (Something -new) लाने का प्रयास करते रहना है। इसी में वह ऐसे अवसर ढूँढता है कि विद्यमान किस कमी को कैसे दूर करके कुछ नई चीज बाजार में पेश की जाय ?
(ii) निर्मित अवसर (Created Opportunities)- ऐसे अवसर पहले से मौजूद नहीं होते बल्कि ये उपभोक्ताओं की रुचि, फैशन, तकनीकी परिवर्तन, परिस्थिति के अनुसार नित्य नये-नये रूप में जन्म लेते रहते हैं। जैसे-सूचना तकनीक में विकास के चलते टेलीविजन, कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर आदि के क्षेत्र में नये-नये उपकरणों का कारोबार, बायोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में विकास के चलते नई बीमारियों की जाँच उपकरण, दवाओं आदि की आवश्यकतायें आदि नये-नये अवसर निर्मित करती हैं।
प्रश्न 96. उद्यमिता के लिए बाजार मूल्यांकन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर: वस्तुत: बाजार में उन वस्तुओं को प्रस्तुत किया जाता है जिनकी माँग ग्राहक करते है। किन्तु यह निर्धारित करना कि ग्राहक क्या चाहते हैं, एक जटिल काम है। बाजार में विविध प्रकार के ग्राहक होते हैं। उनकी पृष्ठमा शिक्षा, आय, चाहत, पसन्द आदि के सम्बन्ध में अलग-अलग होती है। ये विजातीय प्राक. उपक्रम के निकट एवं दूरस्थ में होते हैं जिसके परिणामस्वरूप उनकी माँगें भी भिन्न भिन्न होती हैं।
किसी भी उत्पादक के लिए असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है कि इन विविध प्रकार के ग्राहकों के लिए विविध कोटि की वस्तुओं का उत्पादन करें। अतः एक उद्यमी को यह तय कर लेना चाहिए कि किस कोटि के ग्राहकों के लिए वह वस्तुओं का उत्पादन करना च.: इस बात का निर्धारण कर लेने के बाद सम्बन्धित समूह के ग्राहकों की माँग का अनुमान लगाया जा सकता है। इसलिए उद्यमिता के लिए बाजार मूल्यांकन आवश्यक है।
प्रश्न 97. पैकेजिंग के चार कार्य बताइए।
उत्तर: अधिकांश व्यक्ति उत्पाद सुरक्षा को ही पैकेजिंग का एकमात्र कार्य समझते हैं। वास्तव में ऐसा सोचना उचित नहीं है। बाटा इण्डिया अपने पैकेज से तीन कार्यों की अपेक्षा करता है- (i) उत्पाद सुरक्षा (Product Protection), (ii) उत्पाद की मूल्य वृद्धि (Increase in the Value of the Product) एवं (iii) उत्पाद का विज्ञापन (Product Advertisement)।
प्रश्न 98. पर्यावरण के प्रति उद्यमी का दायित्व बताइए।
उत्तर: उद्यमी वातावरण के सभी घटकों के प्रति उत्तरदायी है। यह नागरिक समुदाय, उपभोक्ताओं, कर्मचारियों, विनियोजकों, प्रतिस्पर्धी संस्थाओं, राजनीतिक या सरकारी व्यवस्था, अर्थव्यवस्था (राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय) आदि सभी वातावरण के घटकों के प्रति उत्तरदायी है। दूसरे शब्दों में, सभी उद्यमशील क्रियाओं के निर्णयों में इनके हितों को ध्यान में रखना जरूरी होता है।
प्रश्न 98. सम-विच्छेद बिन्दु क्या है ?
उत्तर: उद्यमी जो व्यवसाय में नया प्रविष्ट होता है, उसे तुरन्त लाभ नहीं होने लगता बल्कि कुछ दिनों तक उसे ‘न लाभ न हानि’ की नीति पर भी व्यवसाय चलाना पड़ता है। इसी नीति से सम्बन्धित आगणन (calculation) सम-विच्छेद विश्लेषण’ होता है जिसकी जानकारी रखना एक उद्यमी के लिये आवश्यक होता है।
बिक्री का वह बिन्दु जहाँ व्यवसाय को न लाभ न हानि, ‘सम-विच्छेद बिन्दु’ कहलाती है। यहाँ विक्रय मूल्य कुल लागत के बराबर होता है। कुल लागत में स्थायी (Fixed) तथा परिवर्तनशील (Variable) दोनों शामिल होते हैं। उद्यमी कोई भी बिक्री करते समय इस बिन्दु का ध्यान रखता . है क्योंकि इस बिन्दु से अधिक बिक्री लाभ प्रदान करेगी और इससे नीचे की बिक्री से हानि होगी।
प्रश्न 100. उत्पाद मिश्रण क्या है ?
उत्तर: उत्पाद से आशय किसी भौतिक वस्तु अथवा सेवा से है जिससे क्रेता की आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है। यह विपणन व्यूहरचना है जिसमें उत्पाद के अंगों का विवेचन एवं निर्णयन होता है। फिलिप कोटलर (Philip Kotler) के अनुसार, “उत्पाद क्रेता को संतुष्टियाँ अवकाश प्रदान करने की क्षमता वाले भौतिक सेवा एवं चिह्नात्मक विवरण का पुलिन्दा है।”
प्रत्येक व्यावसायिक फर्म उत्पाद विक्रय का कार्य करती है, भले ही कोई दिखाई दे या नहीं। उदाहरण के लिए, एक लॉण्डी जो कि धोने की सेवा का विक्रय करती है, उसी प्रकार उत्पाद में है जिस प्रकार एक फुटकर विक्रेता उन धुलाई वह लॉण्ड्री कर रही है। कोई भी उत्पाद का विक्रय करती है, वास्तव में, उस उत्पाद के सेवाओं का भी विक्रय करती है। एक उपभोक्ता इसलिए करता हैं क्योंकि उसको उस उत्पाद से एवं भौतिक संतोष प्राप्त होते हैं। अतः एक विक्रेता वास्तव में किसी उत्पाद का विपणन नहीं करता बल्कि उसके माध्यम से इन भौतिक एवं मनोवैज्ञानिक संतोषों , का विपणन करता है।
प्रश्न 101. नवप्रवर्तन क्या है ?
उत्तर: नवप्रवर्तन का आशय है-
- विद्यमान स्थिति का विश्लेषण
- उपलब्ध संसाधनों का नया संयोजन
- सृजनात्मक विचार एवं चतुराई
- नई वस्तु व सेवाएँ प्रदान करनः।
- उत्पादन की नई विधि का उपयाग करना।
- उत्पादों के लिये नये बाजार खोलना।
- कच्चे माल की पूर्ति के. नये स्रोत को प्राप्त करना।
- औद्योगिक क्रियाओं का पुनर्गठन।
प्रश्न 102. एक उद्यमी को अपने पदार्थों के विपणन हेतु क्यों उचित ध्यान देना चाहिए?
उत्तर: विपणन आधुनिक व्यवसाय का एक आवश्यक कार्य है। इसमें विस्तृत प्रतिस्पर्धा, अत्यधिक विविधीकरण तथा अन्तर्राष्ट्रीय वितरण है।
विपणन पर उचित ध्यान देने की आवश्यकता निम्न लाभों के कारण है-
- यह उपभोक्ताओं की संतुष्टि हेतु संसाधनों का उपयोग करने में व्यावसायिक इकाई को मदद करता है।
- उपभोक्ता क्या चाहता है, उसके अनुसार उत्पादन करने में यह सहायता प्रदान करता है और लाभदायकता में वृद्धि करता है।
- यह इकाई के दीर्घकालीन विकास, ख्याति, उत्कर्ष तथा जीवित रहने के लिए पथ प्रदर्शन करता है।
- यह उत्पादन के विविधीकरण, जोखिम को न्यूनतम करने, उत्पाद-विशिष्टीकरण तथा ग्राहक समर्थन के अवसरों को प्रदान करता है।
प्रश्न 103. कोष-प्रवाह विवरण व आय विवरण के एक अन्तर बताएँ।
उत्तर: कोष-प्रवाह विवरण एक विशेष लेखांकन अवधि में चालू वर्ष व गत वर्ष के स्थिति विवरणों की तुलना करके शुद्ध कार्यशील पूँजी में होने वाले परिवर्तन की व्याख्या करता है जबकि आय विवरण एक अवधि विशेष की क्रियाओं का परिणाम प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 104. गैस्-चालू सम्पत्तियाँ क्या होती हैं ? इनके उदाहरण दें।
उत्तर: ऐसी-सम्पत्तियाँ जो व्यापार चलाने के उद्देश्य से खरीदी जाती है, बेचने के लिए नहीं, गैर चालू सम्पत्तियाँ कहलाती है। जैसे-ख्याति, भूमि, मशीनरी आदि।