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bihar board 12 geography | भारत के संदर्भ में नियोजन

bihar board 12 geography | भारत के संदर्भ में नियोजन

        [ Planning and Sustainable Development in Indian Context]
                                     भौगोलिक शब्द तथा परिभाषाएँ
◆भारत में नियोजन (Planning in India)-भारत में नियोजन के उद्देश्य और सामाजिक
वायदे संविधान में उल्लेखित नीति निर्देशक सिद्धान्तों के आधार पर निश्चित किए जाते हैं।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को एक-दूसरे के पूरक समझा जाता है ।
◆विकास का अर्थ (Meaning of the Development) विकास परिवर्तन की वह प्रक्रिया
है जो जनसंख्या के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाती है।
◆प्रादेशिक विषमता (Regional Disparity)-भारत में प्राचीनकाल से ही प्रादेशिक
विषमताएँ मौजूद हैं।
◆सतत (टिकाऊ) विकास (Sustainable Development)-यह विकास की नई संकल्पना
है जिसमें वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रावधान होता है।
◆क्षेत्रीय विकास (Regional Development) –क्षेत्रीय विकास के अंतर्गत भारत के
विभिन्न भाग जो आर्थिक दृष्टि से समान रूप से विकसित नहीं हैं, का विकास किया
जाता है।
                                          पाठ के कुछ तथ्य
◆नियोजित अवधि में औद्योगिक उत्पादन में प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर-5.5%
◆पिछले 5 वर्षों में कृषि उत्पादन में प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर-3.0%
◆2000-01 में सकल घरेलू उत्पाद में प्राथमिक क्षेत्र की प्रतिशत भागीदारी -26.6%
◆1973-74 में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों का प्रतिशत भाग -55%
◆भारत में कृषि और ग्रामीण उद्योग का विकास करने के लिए तैयार की गई एक महत्त्वपूर्ण
योजना और योजनाकार का नाम-गाँधी योजना, एस. एन. अग्रवाल ।
◆2000 ई० में सम्पूर्ण भारत में प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आय -15000 रु. प्रति वर्ष ।
◆1996-97 में बेरोजगार लोगों की कुल संख्या जो रोजगार दफ्तरों में पंजीकृत थे-3.7 करोड़
◆1972-78 की अवधि में समग्र रोजगार की औसत वार्षिक वृद्धि दर -1.03%
                  एन, सी. ई. आर. टी. पाठ्यपुस्तक एवं कुछ अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
                  अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Question)
प्रश्न 1. दूसरी पंचवर्षीय योजना के क्या उद्देश्य थे?
(What were the aim of the second five year plan ?)
उत्तर-दूसरी पंचवर्षीय योजना 1956 से 1961 की अवधि के लिए बनाई गई थी। इसके
निम्न उद्देश्य धे-
1 राष्ट्रीय आय में 25% की वृद्धि करना ।
2. आधारभूत तथा भारी उद्योगों के विकास पर विशेष जोर देते हुए तीव्र औद्योगीकरण ।
3. रोजगार के अवसग को बढ़ाना ।
4. असमानताओं में कमी लाना ।
प्रश्न 2. नियोजन किसे कहते हैं ? तीन बिन्दुओं में स्पष्ट कीजिए ।
(What is planning ? Give the meaning in three points.)
उत्तर-नियोजन क्रियाओं के क्रय-अनुक्रम को विकसित करने की प्रक्रिया है जिसे भविष्य
की समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।
1. आर्थिक नियोजन के अतिरिक्त नियोजन सामाजिक स्तर पर भी किया जा सकता है ।
2. नियोजन के प्रकार और स्तर के अनुसार नियोजन की अवधि में भी अन्तर होता है ।
3. सभी प्रकार के नियोजन में एक क्रमिक प्रक्रिया होती है जिसकी कुछ व्यवस्थाओं के रूप
में संकल्पना की जाती है।
प्रश्न 3. उन क्षेत्रों के नाम बताएँ जहाँ जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरू किये गये हैं।
(Mention the areas where tribal development programmes were started.)
उत्तर-जनजातीय क्षेत्र जहाँ विकास कार्यक्रम शुरू किये गये हैं, निम्नलिखित हैं-
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, झारखण्ड और राजस्थान ।
प्रश्न 4. प्रदेश क्या है ?
(What is the region ?)
उत्तर-भूगोल एक दिक स्थान विज्ञान होने के कारण स्थानों में क्षेत्रीय विभिन्नताओं का
अध्ययन करता है । भौगोलिक अध्ययन के लिए किसी भू-भाग को इकाइयों में बाँट लिया जाता है । एक इकाई या किसी विशिष्ट क्षेत्र को सीमांकित किया जाता है । इस प्रकार उस इकाई को प्रदेश की संज्ञा दी जाती है । किसी प्रदेश से अभिप्राय एक ऐसे क्षेत्र से है जिसमें सामान्य दशाओं की समानता अथवा समग्रता हो । इन क्षेत्रों में भौगालिक तत्त्वों तथा विकासीय समस्याओं की समरूपता देखने में आती है।
प्रश्न 5. गहन कृषि विकास कार्यक्रम कब लागू किया गया ?
(When was the intensive agricultural development programme
adopted ?)
उत्तर-इसे तीसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान लागू किया गया ।
                  लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Question)
प्रश्न 1. सतत् पोषणीय विकास की संकल्पना को पारिभाषित करें ।
(Define the concept of sustainable development.)
उत्तर-विकास की यह नई संकल्पना है । इसे सतत् विकास अथवा धारणीय विकास भी
कहा जाता है । सतत् विकास में वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने
का प्रावधान होता है इसका अर्थ है मृदा या वन जैसे मूल्यवान साधनों का उपयोग इस गति से
करें ताकि उनका उसी गति से प्राकृतिक रूप से पुनरूस्थापन या पुनश्चक्रण हो सके । पृथ्वी के
पारितंत्र को संरक्षित करने के लिये हमें प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर कार्य करने होंगे।
प्रश्न 2. इन्दिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र का सिंचाई पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा?
(What are the Positive impacts of irrigation on India Gandhi Canal
Command Area?)
उत्तर-नहर निकलने से सिंचाई से प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था से दृष्टिगोचर परिवर्तन हुआ
है । क्षेत्र में मृदा आर्द्रता बढ़ी है । कृषि सिंचाई से कृषि योग्य क्षेत्र में वृद्धि हुई है । पारम्परिक
फसलें बाजरा, गुआर, चना के स्थान पर गेहूँ का उत्पादन किया जाने लगा है । इसके साथ कपास, मूंगफली और चावल की कृषि की जाने लगी है । यह गहन कृषि सिंचाई का परिणाम है ।
प्रश्न 3. भरमौर जनजातीय क्षेत्र में समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम के सामाजिक
लाभ क्या हैं ?
(What are the social benifits of ITDP in the Bharmaur Tribal Region ?)
उत्तर-भारमौर आदिवासी क्षेत्र में गद्दी आदिवासी रहते हैं । इस क्षेत्र की जलवायु कठोर होने
के कारण इन आदिवासियों का विकास नहीं हो पाया । लेकिन समन्वित आदिवासी विकास
कार्यक्रम के आरम्भ हो जाने से इस क्षेत्र को सामाजिक लाभ हुए । इस क्षेत्र में संसाधनों का
विकास हुआ । स्कूल, अस्पताल, पीने याग्य पानी सड़क तथा संचार व्यवस्था और विद्युत आदि का निर्माण हुआ इसके साथ अन्य साधनों का विकास हुआ, साक्षरता दर बढ़ी, लिंग अनुपात में सुधार हुआ । स्त्री साक्षरता 1.88% से बढ़कर 2001 में 42.33% हो गई ।
प्रश्न 4. चौथी पंचवर्षीय योजना में आरम्भ की गई क्षेत्र विकास विधि का वर्णन करें।
(Discuss the approaches of area development initiated during fourth five year plan.)
उत्तर-चौथी पंचवर्षीय योजना में इस प्रकार की योजनाओं को आरम्भ किया गया जो सीमांत
किसानों के विकास की योजनायें थी तथा छोटे किसानों के लिए विकास संस्था, सूखा प्रवण क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा पायलट गहन ग्रामीण रोजगार योजना थी । इन कार्यक्रम का सम्बन्ध टारगैट क्षेत्र से था । इनका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक विकास था ।
प्रश्न 5. किसी देश के विकास के लिये नियोजन क्यों आवश्यक है ?
(Why is planning required for the development of country?)
उत्तर-1. भारत जैसे विकासशील देश में यह टिकाऊ विकास का महत्त्वपूर्ण भाग है । इसका
उद्देश्य बहुमुखी विकास है जिसमें कृषि, उद्योग परिवहन, जनस्वास्थ्य, शिक्षा आदि की उन्नति का विशेष महत्व है।
2. नियोजन का उद्देश्य संविधान में घोषित सामाजिक दायित्वों के उद्देश्यों की कृमिक रूप
में कुछ अवस्थाओं के रूप में संकल्पना की जाती है ।
3. नियोजन की आवश्यकता प्रादेशिक तथा सामाजिक विषमताओं और असन्तुलन को घटाने
के उद्देश्य से होती है । नियोजन क्रमिक अवस्थाओं में सीमित संसाधनों तथा प्रौधोगिकी के साथ किए जाने वाला प्रयास है जिससे देश का क्रमिक रूप में आर्थिक विकास होता है।
प्रश्न 6. 1966-69 के समय वार्षिक योजनाओं के विशिष्ट लक्षण कौन-कौन से थे?
(What were the special features of the annual plans during 1966-69 ?)
उत्तर-तीसरी पंचवर्षीय योजनाओं को क्रियान्वित करने में अनेक बाधायें आईं जिनमें 1962
का भारत-चीन युद्ध, सूखा तथा 1965 का भारत-पाक युद्ध आदि मुख्य कारण थे । इसलिये
1966-69 के लिये वार्षिक योजनायें बनाई गईं। इन योजनाओं के विशिष्ट लक्षण इस प्रकार थे- 1. इन योजनाओं में पैकेज कार्यक्रम अपनाये गये । इनमें गहन कृषि कार्यक्रम तैयार किए गए।
2. इन कार्यक्रमों में वर्षा और सिंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले बीजों, उर्वरक,
कीटनाशक और ऋण सम्बन्धी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई ।
3. किसानों को बीज व उपकरण खरीदने के लिये ऋण सुविधाएँ दी गई।
4. इन योजनाओं द्वारा औद्योगिक विकास में भी परिवर्तन हुआ ।
5. इन योजनाओं के कार्यान्वयन द्वारा कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई ।
प्रश्न 7. भारत में रोजगार की क्या स्थिति है ?
(What is the employment situation in India ?)
उत्तर-रोजगार-जनन भी नियोजन की आवश्यकताओं में से एक रहा है। 1983 में भारत
में रोजगार की कुल संख्या लगभग 3.03 करोड़ आंकी गई थी जो 2000 में बढ़कर 3.97 करोड़ हो गई । इससे स्पष्ट है कि रोजगार के अवसरों में लगातार वृद्धि तो हुई परन्तु जनसंख्या वृद्धि दर की तुलना में यह धीमी गति से बढ़ी ।
1972-78 की अवधि में रोजगार की औसत वार्षिक वृद्धि दर 2.72% थी जो 1983-88
में घटकर 1.54% और 1993-2000 की अवधि में 1.03% रह गई ।
वर्तमान समय में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
1996-97 में रोजगार की तलाश में युवकों की संख्या 3.7 करोड़ तक बढ़ गई ।
प्रश्न 8. सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रमों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
(Mention the salient features of the Drought prone Area Programme.)
उत्तर-विशेषतायें (Features)-
1. सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम के द्वारा अभावग्रस्त लोगों के लिए कार्यक्रम बनाए गए ।
2. इस कार्यक्रम में भूमि और मजदूरों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकासात्मक कार्य शुरू
किए गए।
3. इन कार्यक्रमों में क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया ।
4. भूमि विकास तथा लघु सिंचाई कार्यक्रमों द्वारा उत्पादकता बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों में
विकासात्मक कार्य शुरू किए गए ।
5. भूमि विकास कार्यक्रम में सिंचाई परियोजनाओं के अतिरिक्त वनरोपण, वनीकरण, ग्राम
विद्युतीकरण तथा अन्य संरचनात्मक विकास कार्यक्रम भी सम्मिलित किए गए ।
प्रश्न 9. निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें-
(Write short notes on following 🙂
1. चौथी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य
(Aims of the fourth five year plan.)
उत्तर-चौथी पंचवर्षीय योजनाओं के निम्न उद्देश्य थे-1. स्थायी विकास । 2. यथासम्भव
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना तथा विदेशी सहायता की अनिश्चितता को कम करना । 3. सामाजिक न्याय तथा समानता को बढ़ाना । 4. साधनहीन और कमजोर वर्गों की दशा सुधारने तथा जीवन स्तर को ऊँची उठाने के लिए शिक्षा और रोजगार की व्याख्या करना । 5. प्रादेशिक असन्तुलन को कम करना । 6. आय में असमानता को घटाना । 7. विकास की प्रक्रिया में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका को बढ़ाना ।
प्रश्न 10. सतत विकास की आवश्यकता क्यों होती है?
(Why need of sustainable development.)
उत्तर-विकास का उद्देश्य है कि लाभ का समान वितरण, आर्थिक प्रगति तथा पारितंत्र की
कम-से-कम हानि । इस उद्देश्य को सतत विकास की विधि से प्राप्त किया जा सकता है । सतत दिवास संकल्पना का सिद्धान्त है पर्यावरण संसाधनों का उनकी पुनर्भरण की क्षमता के अनुसार उपयोग ताकि उनकी निरन्तर अपूर्ति सुनिश्चत की जा सके । विकास के अनेक प्रकार पर्यावर के उन्हीं संसाधनों का ह्रास करते हैं जिन पर वे आधारित होते हैं । परिणामस्वरूप आर्थिक विकास में बाधा पड़ती है । इसलिये सतत विकास से पारितंत्र के स्थायित्व का सदैव ध्यान रखा जा सकता है।
प्रश्न 11. भारत में समन्वित क्षेत्र विधि तथा स्थानीय नियोजन प्रादेशिक विशेषताओं
को किस प्रकार कम कर सकते हैं ? तीन उपयुक्त उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए ।
(How can integrated area approach and local planning reduce regionai
disparities in India ? Explain with three suitable examples.)
उत्तर-प्रादेशिक विषमताएँ घटाने के लिए तैयार किए गए कार्यक्रमों को दो वर्गों में विभाजित
किया जा सकता है-1. समन्वित क्षेत्र विधि तथा 2. स्थानीय नियोजन
योजनाओं में समन्वित क्षेत्र विधि तथा स्थानीय नियोजन (Integrated area approach
and local planning)-भारत में महत्त्वपूर्ण उपाय चुने हुए क्षेत्रों के लिए समन्वित योजना
तैयार करके तथा जिलों के लिये योजना बनाने से जुड़े हैं । इनमें से प्रादेशिक विषमता घटाने के महत्त्वपूण उपाय सूखा प्रवण क्षेत्र, जन-जातीय क्षेत्रों तथा सीमान्त और समन्वित योजनाएँ उल्लेख करने के योग्य हैं।
पहाड़ी विकास कार्यक्रम उत्तरांचल, असम, पश्चिम बंगाल के दर्जिलिंग के जिले में शुरू किए
गए थे । इनमें पहाड़ी क्षेत्रों के स्थानीय संसाधनों के दोहन पर विशेष बल दिया गया । संसाधनों के दोहन के लिए कार्यक्रम शुरू किये गये -उद्यान कृषि, रोपण कृषि, पशुपालन
आदि ।
इसी प्रकार जनजातीय सूखा प्रवण क्षेत्र के लिए कार्यक्रम बनाए गए ।
प्रश्न 12. नियोजन क्या है ? सम्यक विकास के लिए किस प्रकार की नीति को
अपनाना चाहिए ? नियोजन की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिये ।
(What is planning ? What policy should be adopted to development ?
Explain the process of planning.)
उत्तर-नियोजन क्रियाओं के अनुक्रम को विकसित करने की प्रक्रिया है । दूसरे शब्दों में
समस्या सुलझाने के लिए कार्यों का क्रम है ।
सम्यक् विकास के लिए बहुस्तरीय नियोजन नीति को अपनाया जाता है । क्षेत्रीय योजना का
प्रादेशिक विभाजन राज्य स्तर पर किया जाता है । संविधान के संशोधन द्वारा नियोजन को स्थानीय स्तर के विकास का अनिवार्य अंग बना लिया गया है । अब विभिन्न अभिकरण जिलों, खण्डों, नगरों और गाँवों के लिये योजनायें बनाते हैं।
नियोजन की प्रक्रिया इस प्रकार है-नियोजन दो स्तरों पर किया जाता है-केन्द्रीय स्तर तथा
राज्य स्तर पर । केन्द्रीय स्तर पर नियोजन के लिये राष्ट्रीय विकास परिषद योजना बनाती है।
राज्य स्तर पर नियोजन और क्रियान्वयन राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है। ग्राम स्तर
पर गाँव की समस्याओं को सुलझाने के लिए नियोजन किया जाता है । इसी तरह खण्ड (ब्लॉक) और जिले की योजनाएं बनाई जाती हैं ।
संसद सदस्य स्थानिक क्षेत्र विकास योजना पर भी क्षेत्रीय समस्याओं को नियोजन द्वारा
सुलझाया जाता है । यह 1993 में आरम्भ की गई । प्रत्येक संसद सदस्य को 2 करोड़ रुपये के लागत कार्य का अधिकार दिया गया। जिला अधिकारी सांसदों की सिफारिशों पर यह विकास कार्य पूरे कराता है।
प्रश्न 13. भारत की दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-2007) के किन्हीं तीन उद्देश्यों की
व्याख्या कीजिए जिनका सम्बन्ध मानव विकास से है।
(Explain any three objectives of the tenth five year plan of India which
are relcted to the human development.)
उत्तर-दसवीं पंचवर्षीय योजना के निम्न उद्देश्य हैं-
1. 8% औसत वार्षिक दर का लक्ष्य प्राप्त करना ।
2. भौतिक ढाँचे में तेजी से सुधार करना तथा 2007 तक 5% तक गरीबी का अनुपात
कम करना।
3. योजना अवधि तक सभी को रोजगार प्रदान करना तथा सभी बच्चों को स्कूली शिक्षा
देना ।
4. प्रति व्यक्ति आय को 10 वर्षों में दुगुना करना ।
5. निर्धनता के अनुपात को 26 प्रतिशत से घटाकर 21% करना ।
6. जनसंख्या में वृद्धि दर घटाना ।
7. साक्षरता दर को 65 से 75% करना ।
8. शिशु मृत्यु दर को 45 प्रति हजार से घटाकर 28 प्रति हजार करना ।
9. सभी के लिए पेयजल की व्यवस्था करना । 10. मातृ मृत्यु दर को 4 से घटाकर एक प्रति हजार करना ।
                        दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Question)
प्रश्न 1. इन्दिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए
उपाय सुझाएँ।
(Suggest in measures of promotion of sustainability in Indira Gandhi
Canal Command Area.)
उत्तर-इन्दिरा गाँधी नहर कमान में पारितंत्र टिकाऊ विकास आवश्यक है । सतत् विकास
के निम्नलिखित उपाय हैं-
1. प्रथम आवश्यकता जल प्रबन्धन नीति को लागू करने की है।
2. साधारणतया फसल प्रारूप में जलगहन फसलें सम्मिलित नहीं होनी चाहिये ।
3. कमान कार्यक्रम जैसे जल मार्ग बनाना भूमि विकास तथा वार वन्दी कार्यक्रम बनाये जायें।
4. जल भराव से प्रभावित तथा मृदा लवणीकरण को दूर किया जाये ।
5. पर्यावरण विकास वनारोपण, वृक्ष पट्टी तथा चरागाह विकास के द्वारा किया जाये ।
6.सामाजिक टिकाऊपन प्रदेश में तभी संभव है जब आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को पर्याप्त
वित्तीय सहायता दी जाए जिससे वे कृषि कर सकें।
प्रश्न 2. सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम और कृषि-जलवायु नियोजन पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ
लिखें । ये कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायता करते हैं ?
(Write shortnotes on drought prone area programme and agro climatic
planning. How do there programmes help Indian development of dry
land agriculture in India.)
उत्तर-प्रादेशिक विषमताओं को घटाने के लिये तैयार कार्यक्रमों में सुखाप्रवण क्षेत्रों के लिये
भी ऐसे कार्यक्रम तैयार किये जिनके द्वारा उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आय में वृद्धि हो और रोजगार के अवसर प्राप्त हों । यह कार्यक्रम शुष्क भूमि कृषि में निम्न प्रकार से सहायक हो सकता है।
1. जिन सूखाप्रवण क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधन अपर्याप्त है वहाँ गरीबी को कम करने में
रोजगार देकर ये सहायक हो सकते हैं।
2. अभावग्रस्त लोगों के लिये काम के अवसर निकाले जा सकते हैं।
कृषि जलवायुविक नियोजन (Agro-Climatic Planning) भारत के योजना आयोग
में कृषि सम्बन्धित विकास के लिये कृषि क्षेत्र के कार्यक्रम बनाये गये । सातवीं योजना के मध्यवर्ती मूल्यांकन ने कृषि प्रबन्धन और जल नियोजन की सक्षमता पर बल दिया तथा बीज की नई नीति पर बल दिया । इसने सुझाव दिया कि किसी प्रेदश की कृषि सम्भाव्यता उसके प्रादेशिक कृषि जलवायुविक दशाओं के अनुसार हो सकता है । इस सम्बन्ध में 1988 में विशेष खाद्यान्न उत्पादन कार्यक्रम आरम्भ किया गया । यह देश के 169 जिलों में लागू किया गया । इसके पश्चात् कृषि के विकास के लिए अन्य कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये इन्हें कृषि जलवायुविक कार्यक्रम कहते हैं।
इस कार्यक्रम से भी शुष्क भूमि कृषि में सहायता मिली । विभिन्न प्रदेशों में फसल और
गैर फसल आधारित विकास हुआ । टिकाऊ कृषि विकास के लिये जल उपयोग और भूमि विकास तैयार किये गये।
प्रश्न 3. भारत की पंचवर्षीय योजनाओं की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन कीजिए ।
(Describe the main achievements of the five year plans in India.)
उत्तर-पंचवर्षीय योजनाओं की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं-
1. राष्ट्रीय आय में वृद्धि (Increase in the National Income)-अंग्रेजी शासन में
0.5% की आय वृद्धि दर रही थी। पंचवर्षीय योजना की अवधि में राष्ट्रीय आय की वृद्धि दर
4.15% प्रति वर्ष रही है।
2. प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि (Increase in per Capita Income) स्वतंत्रता से पहले
प्रति व्यक्ति आय में होने वाली वृद्धि दर लगभग शून्य थी लेकिन योजना की अवधि में 2.1%
हो गई।
3.पूँजी निर्माण की दर में वृद्धि (Increase in the Rate of Capital Formation)-
पंचवर्षीय योजना की अवधि में पूँजी निर्माण की दर में बहुत वृद्धि हुई है। पूँजी निर्माण की दर
बचत तथा निवेश की दर पर निर्भर करती है। यह 2000-01 तक 23.4% रही ।
4. कृषि में संस्थागत सुधार तथा हरित क्रांति (Institutional Reforms and Green
Revolution)-कृषि के विकास में योजनाओं का योगदान दो प्रकार का है । एक तो कृषि में
भूमि सुधार किए गए हैं । दूसरे 1996 से कृषि के तकनीकी विकास पर जोर दिया गया है ।
इसी कारण हरित क्रांति सम्पन्न हो सकी है।
5. उद्योगों का विकास (Development of Industry) योजनाओं के फलस्वरूप औद्योगिक क्षेत्र में भी काफी वृद्धि हुई है। देश के आधारभूत तथा पूँजीगत उद्योग जैसे लोहा-इस्पात, मशीनरी आदि उद्योगों का काफी विकास हुआ है । सार्वजनिक क्षेत्र का विकास किया गया है । योजनाओं के फलस्वरूप औद्योगिक क्षेत्र में बहुत अधिक विकास हुआ है। पहली पंवर्षीय योजना में 7.5% की वृद्धि हुई लेकिन आठवों योजना की विकास दर 6.8% रही ।
6. बुनियादी ढाँचे का विकास (Development of Infrastructure)-बुनियादी आर्थिक
ढाँचे का मुख्य रूप से यातायात, संचार के साधन, सिंचाई, बिजली आदि क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है।
7.सामाजिक सुविधाएँ (Social Facilities)—सामाजिक सुविधाएँ जैसे शिक्षा, चिकित्सा,
स्वास्थ्य आदि का व्यापक विकास हुआ है । देश में विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 244 हो
गई है। अस्पताल और डिस्पेंसरियों की संख्या 44000 हो गई है। अब 1900 व्यक्तियों के पीछे एक डॉक्टर है।
8.रोजगार के अवसरों में वृद्धि (Increase in the Employment Opportunities)-
योजनाओं का अवधि में रोजगार के अवसर बढ़ाने के काफी प्रयत्न किये गए हैं । आठवीं योजना में 36.7 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया गया । 2000-01 तक कुल श्रम शक्ति 40.60 करोड़ थी । नौंवीं योजना में प्रति वर्ष 80 से 90 लाख लोगों को रोजगार दिलाया
गया ।
9. आधुनिकीकरण में वृद्धि (Increase in Modernisation) आधुनिक तकनीक
प्रयोग करने वाले उद्योगों की संख्या में वृद्धि हुई तथा कृषि के क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग
आरम्भ हो गया।
10. आत्मनिर्भरता (Self-sufficiency) —योजनाओं के दौरान आत्मनिर्भरता के सम्बन्ध
में निश्चित रूप से सफलता मिलती है। देश खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर हो गया है । विदेशी योगदान कम होता चला गया है । आयात कम हुआ है।
प्रश्न 4. भारतीय अर्थव्यवस्था के भिन्न क्षेत्रों में हुए विकास का वर्णन कीजिए ।
(Describe the growth in different sectors of Indian economy.)
उत्तर-भिन्न योजनाओं के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के भिन्न क्षेत्रों में विकास हुआ है।
ये इस प्रकार हैं-
1. कृषि क्षेत्र (Agricultural area)-1950-51, 2000-01 की अवधि में कृषि
उत्पादन में वृद्धि दर 3% थी जबकि जनसंख्या वृद्धि दर 2.2% थी । इस कारण कृषि में कम
वृद्धि हुई।
2. औद्योगिक क्षेत्र (Industrial area)-इस अवधि में औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर
निरन्तर ऊँची बनी रही । यह वृद्धि दर 5.5% रही। 1950-51 में औद्योगिक उत्पादन में भागीदारी 13.3% थी जो 2001 में बढ़कर 25% हो गई । इसके अतिरिक्त विनिर्माण उद्योगों, बिजली, गैस और जलापूर्ति में भी विस्तार हुआ इस क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय में पर्याप्त वृद्धि हुई ।
3. तृतीयक और चतुर्थक क्षेत्र (Tertiary and Quaternary areas)-पिछले पचास
वर्षों में इन क्षेत्रों के उत्पादन में बहुत तीव्र वृद्धि हुई । उदाहरण के लिए वित्तीय व्यापार एवं परिवहन सेवाओं में से प्रत्येक का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 16 गुना बढ़ा । सार्वजनिक प्रशासन और सेवाओं के योगदान में 12 गुना वृद्धि हुई ।
प्रश्न 5. भारत के विकास में प्रादेशिक विषमताओं की प्रमुख विशेषताओं का विवरण
दीजिये।
(Write salient features of regional disparities in the development of India.)
उत्तर-देश के विकास में प्रादेशिक विषमता स्पष्ट दिखाई देती है। यह विभिन्न आर्थिक
संकेतकों से ज्ञात हो जाता है।
1.आय में अन्तर-विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय में
भारी अन्तर पाया जाता है । एक ओर बिहार राज्य है जहाँ प्रति व्यक्ति आय 6328 रु. तथा दूसरे छोर पर दिल्ली है जहाँ पर प्रति व्यक्ति आय 37705 रु. है । प्रति व्यक्ति आय में उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम की दशा अच्छी नहीं है।
2. गरीबी रेखा का स्तर-1999-2000 में उड़ीसा राज्य में सबसे अधिक लोग अर्थात्
47.15% गरीबी की रेखा के नीचे थे जबकि जम्मू-कश्मीर राज्य में गरीबी रेखा के नीचे कुल
3.48% लोग ही थे । उड़ीसा के बाद गरीबी-रेखा के नीचे जीवन जीने वाले अधिकांश लोगों
की संख्या बिहार, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैण्ड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम और अरुणाचल प्रदेश में हैं।
3. नगरीकरण-सामान्यतया जिन क्षेत्रों में नगरीकरण अधिक हुआ है वहाँ प्रति व्यक्ति आय
और खुशहाली अपेक्षाकृत अधिक है । अरुणाचल प्रदेश में 5.5% जनसंख्या तथा गोवा में
49.77% जनसंख्या नगरीय है।
4. साक्षरता-साक्षर व्यक्तियों की आमदनी सामान्यतया अधिक होती है। जो राज्य गरीबी
की दृष्टि से उल्लेखनीय हैं वहाँ साक्षरता की दर भी कम है । भारत की एक-तिहाई जनसंख्या
निरक्षर है । साक्षरता की दृष्टि से स्त्रियों की दशा तो और भी खराब है । 2001 में भारत में
कुल 54.2% स्त्रियाँ साक्षर थीं । बिहार में केवल 33.1% स्त्रियाँ साक्षर हैं जबकि केरल में
87.7% ।
5. मानव विकास सूचकांक-जिन राज्यों में मानव विकास सूचकांक अधिक होता है वे
खुशहाल होते हैं । देश में निम्नतम मानव विकास सूचकांक (0.638) बिहार का है ।
विशेषताएँ (Features)-
1. आन्तरिक भागों की तुलना में तटीय प्रदेश अधिक निर्धन हैं ।
2. व्यापारिक कृषि के क्षेत्र में विकास अधिक व्यापक है। पंजाब और केरल के ग्रामीण
और नगरीय क्षेत्रों में विषमता कम है।
3. जनजातीय क्षेत्र अभी भी कम विकसित हैं।
4. भौतिक बाधाओं जैसे शुष्क जलवायु, ऊबड़-खाबड़ पर्वतीय व पठारी भूमि औरा बाढ़
से पीड़ित क्षेत्र आदि पिछड़े रह गये हैं।
प्रश्न 6. विकास तथा सतत पोषणीय विकास में अन्तर बताएँ ।
(Mention the difference between development and sustainable
development.)
उत्तर-विकास (Development)
(i) इसमें वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाता है।
(ii) इसमें नवीकरण योग्य साधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।
(iii) इसमें पर्यावरण प्रदूषण के नियंत्रण पर विशेष बल नहीं दिया जाता ।
(iv) यह एक पुरानी संकल्पना है ।
(v) इसमें संसाधनों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता ।
सतत पोषणीय विकास (Sustainable Development)
(i) इसमें भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता है।
(ii) इसमें नवीकरण योग्य संसाधनों जैसे वन, मछली आदि के प्राकृतिक रूप में पुनरुत्पादन
और संवर्धन पर पूरा-पूरा ध्यान दिया जाता है।
(iii) इसमें पर्यावरण को एक संसाधन माना जाता है और उसे प्रदूषण मुक्त तथा स्वच्छ
रखने के सभी उपाय किए जाते हैं ।
(iv) यह अपेक्षाकृत एक नई संकल्पना है।
(v) इसमें संसाधनों की निरंतरता बनाये रखने के लिए उनके वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष बल दिया जाता है।
प्रश्न 7. भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के क्या उद्देश्य थे?
(What were the objectives of five year plans in India)
उत्तर-1. राष्ट्रीय आय में वृद्धि तथा आर्थिक विकास (Increase in National
Income and Economic Development)-भारत की प्रत्येक योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय आय में वृद्धि और आर्थिक विकास में वृद्धि करना है । ये वृद्धि देश के आर्थिक विकास में सहायक होती है।
2. जीवन स्तर में वृद्धि (Increase in Standard of Living)-पंचवर्षीय योजनाओं का
दूसरा उद्देश्य लोगों की आर्थिक संपन्नता में वृद्धि करके जीवन स्तर को ऊँचा उठाना है । जीवन स्तर में वृद्धि अनेक बातों पर निर्भर करती है। जैसे प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय, कीमत स्थिरता, आय का समान वितरण आदि ।
3. आर्थिक असमानताओं को घटाना (To Reduce Economic Inequalities)-
प्रत्येक पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रदेशों और समाज के विभिन्न वर्गों में
असमानताओं को कम करना है । आर्थिक असमानताएँ देश में अन्याय व शोषण को बढ़ाती हैं
जिससे धनी अधिक धनी व निर्धन अधिक निर्धन होता जाता है । इस असमानता को समाप्त करने के लिए पर्चवर्षीय योजनाओं में बहुत से कार्य किए गए हैं ।
4. सर्वांगीण विकास (Comprehensive Development)-पंचवर्षीय योजनाओं का
उद्देश्य देश का सर्वांगीण विकास करना है परन्तु प्रत्येक योजना में इन क्षेत्रों के विकास को एक
समान महत्त्व नहीं दिया है। पहली योजना में कृषि को, दूसरी में उद्योग को तथा पाँचवीं में दोनों को महत्त्व दिया गया है । छठी, सातवी, आठवीं योजना में बिजली व ऊर्जा के विकास को अधिक महत्त्व दिया गया ।
5. क्षेत्रीय विकास (Regional Development) भारत के विभिन्न भाग आर्थिक दृष्टि
से समान रूप से विकसित नहीं हैं । पंजाब, गोआ, हरियाणा आदि कुछ राज्य अपेक्षाकृत विकसित हैं लेकिन बिहार, उड़ीसा, मेघालय जैसे राज्य अविकसित रह गए हैं ।
6. आर्थिक स्थिरता (Economic Stability)-आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने
के लिए आर्थिक स्थिरता का उद्देश्य प्राप्त करना आवश्यक होता है। भारत की प्रत्येक पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश में आर्थिक स्थिरता को कायम रखना रहा है ।
7.आत्मनिर्भरता तथा स्वपोषित सतत् विकास (Selfsufficiency and self sustained
growth)—पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य देश के कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों को उत्पादन के
सम्बन्ध में उपलब्य साधनों के अनुसार आत्मनिर्भर बनाना है। योजनाओं का उद्देश्य बचत व
निवेश की दर को बढ़ाकर स्वयं-स्फूर्ति की अवस्था प्राप्त करना है।
8. सार्वजनिक न्याय (Social Justice)-भारत की प्रत्येक योजना का उद्देश्य सामाजिक
न्याय को बढ़ावा देना है । आठवीं योजना का मुख्य उद्देश्य ‘गरीबी हटाओ’ था । इसके लिए
न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम को अपनाया गया था । देश में 26% जनसंख्या निर्धनता रेखा से नीचे है।
9.रोजागार में वृद्धि (Increase in Employment)-योजनाओं का मुख्य उद्देश्य मानव
शक्ति का उचित उपयोग तथा रोजगार में वृद्धि करना है । नौवीं-दसवीं, योजनाओं में रोजगार
के अवसर जुटाने पर बल दिया गया है ।
10. निवेश व बचत में वृद्धि (Increasing Saving and Investment)-योजनाओं का
उद्देश्य राष्ट्रीय आय में बचत व निवेश के अनुपात को बढ़ावा देना है । इसके फलस्वरूप देश
की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।
                  वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Answer Type Question)
                       नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-
प्रश्न 1. प्रदेशीय नियोजन का संबंध हैं-
(क) आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों का विकास
(ख) क्षेत्र विशेष के विकास का उपागम
(ग) परिवहन जल तंत्र में क्षेत्रीय अन्तर
(घ) ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
प्रश्न 2. आई. टी. डी. पी. निम्नलिखित में से किस संदर्भ में वर्णित हैं-
(क) समन्वित पर्यटन विकास प्रोग्राम
(ख) समन्वित यात्रा विकास प्रोग्राम
(ग) समन्वित यात्रा विकास प्रोग्राम
(घ) समन्वित परिवहन विकास प्रोग्राम
प्रश्न 3. इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत पोषणीय विकास के लिए इनमें से
कौन-सा सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है ?
(क) कृषि विकास
(ख) पारितंत्र विकास
(ग) परिवहन विकास
(घ) भूमि उपनिवेशन
प्रश्न 4. ‘लिमिटस टू ग्रोथ’ पुस्तक का अधिकृत लेखक कौन है ?
(क) ब्रन्डटलैंड
(ख) मीडोरू तथा अन्य
(ग) एलियोट और अन्य
(घ) वाकर तथा अन्य
प्रश्न 5. कौन-सी पंचवर्षीय योजना स्पष्ट रूप से विकास विचारधारा पर बल देती है।
(क) द्वितीय
(ख) चौथी
(ग) पांचवी
(घ) आठवीं
प्रश्न 6. किस वर्ष में कृषि जलवायु नियोजन को आरम्भ किया गया ?
(क) 1988
(ख) 1974
(ग) 1966
(घ) 1992
प्रश्न 7. टाटा और बिड़ला ने मुम्बई योजना कब बनाई ?
(क) 1944 में
(ख) 1952 में
(ग) 1956 में
(घ) 1936 में
प्रश्न 8. एम. विश्वेश्वरैया ने दस वर्षों की योजना कब प्रकाशित की ?
(क) 1836 में
(ख) 1936 में
(ग) 1944 में
(घ) 1926 में
प्रश्न 9. क्रियाओं को विकसित करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
(क) नियोजन
(ख) योजन
(ग) विकास
(घ) योजना
प्रश्न 10. किस पंचवर्षीय योजना में भारत में समाजवादी समाज की स्थापना का
प्रतिरूप प्रस्तुत किया गया ?
(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना
(ख) द्वितीय पंचवर्षीय योजना
(ग) चौथी पंववर्षीय योजना
(घ). छठी पंचवर्षीय योजना
प्रश्न 11. उन क्षेत्रों में कौन सा विकास कार्यक्रम शुरू किया गया जहाँ 50% से अधिक
जनजाति के लोग रहते हैं ?
(क) जनजातीय विकास कार्यक्रम
(ख) पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम
(ग) गहन कृषि विकास कार्यक्रम
(घ) सामुदायिक विकास कार्यक्रम
प्रश्न 12. शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि मुख्य रूप से किस पर
आधारित थी?
(क) उद्योग
(ख) कृषि
(ग) योजना
(घ) राष्ट्रीय आय
प्रश्न 13. ‘गहन कृषि विकास कार्यक्रम’ किस पंचवर्षीय योजना में शुरू किया गया ?
(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना
(ख) चौथी पंचवर्षीय योजना
(ग) तीसरी पंचवर्षीय योजना
(घ) छठी पंचवर्षीय योजना
प्रश्न 14. सतत विकास की आवश्यकता का उद्देश्य किस योजना में रखा गया ?
(क) नौवीं पंचवर्षीय योजना
(ख) चौथी पंचवर्षीय योजना
(ग) तृतीय पंचवर्षीय योजना
(घ) प्रथम पचवर्षीय योजना
प्रश्न 15. सामुदायिक विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में शुरू किया गया ?
(क) प्रथम पंचवर्षीय योजना
(ख) द्वितीय पंचवर्षीय योजना
(ग) पाँचवीं पंचवर्षीय योजना
(घ) नौवीं पंचवर्षीय योजना
प्रश्न 16. रोजगारों की संख्या 2000 में कितनी हो गई ?
(क) 30.3 करोड़
(ख) 33.3 करोड़
(ग) 39.7 करोड़
(घ) 37.9 करोड़
                                                उत्तर:-
1. (क) 2. (ग) 3. (ख) 4. (घ) 5. (ख) 6. (क) 7. (क) 8. (ख) 9.(क) 10. (ख)
11. (क) 12. (घ) 13. (ग) 14.(क) 15. (क) 16. (घ)

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