9th hindi

bihar board class 9th hindi notes | निबंध

bihar board class 9th hindi notes | निबंध

bihar board class 9th hindi notes

वर्ग – 9

विषय – हिंदी

पाठ 10 – निबंध

                                                                                             निबंध 
                                                                                                                        -डॉ ० जगदीश नारायण चौबे     

                                                                                       लेखक – परिचय
डॉ . जगदीश नारायण चौबे का जन्म 1936 ई . में पटना जिला के मोर गाँव में हुआ । प्रारंभिक शिक्षा गाँव में ही हुई । इसके बाद उच्च शिक्षा में एम . ए . , डी . लिट् की डिग्री पटना विश्वविद्यालय से ली । तत्पश्चात् अध्यापन को वृत्ति बनाकर पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक के रूप में सेवाएँ दी । इनकी पहली कृति के रूप में कहानी राष्ट्रवाणी पत्रिका में छपी । 1953 ई . में पहली कविता पुस्तक ‘ एकांकी ‘ सुदर्शन प्रकाशन आगरे से छपी । तदंतर कई पुस्तकें प्रकाशित हुई । बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् से ‘ उपन्यास की भाषा ‘ का प्रकाशन 1983 ई . हुई । इनकी कहानियों , निबंधों एवं कविताओं का प्रसारण दूरदर्शन के विभिन्न केन्द्रों में हुआ । पटना विश्वविद्यालय का ‘ गीत ‘ रचने का श्रेय भी इन्हीं को है । 1962 ई . में बिहार राष्ट्रभाषा का उदीयमान साहित्यकार पुरस्कार प्राप्त हुआ । 2004 ई . में विहार राष्ट्रभाषा का साहित्यकार सम्मान प्राप्त हुआ । संप्रति : अवकाश प्राप्त ।
कहानी का सारांश
‘ निबंध ‘ जगदीश नारायण चौबे की प्रतिनिधि रचना है । जगदीश नारायण चौबे एक एक ख्यातिलब्ध गद्यकार हैं । इस रचना में उन्होंने निबंध लेखन की कला पर प्रकाश डाला है ।
प्रायः छात्र निबंध लेखन की कला से परिचित नहीं होते हैं । वे परीक्षा के दिनों में इस कारण परेशान होते रहते हैं । संसार की सभी वस्तुएँ निबंध का विषय हो सकती हैं । निबंध के लिए कोई निर्धारित या निश्चित पृष्ठ संख्या नहीं होती है ।
निबंध विचारों की सुनियोजित अभिव्यक्ति है , इसमें कसाव होना चाहिए । इसमें निरंतर प्रवाह का ध्यान रखना चाहिए । फैसिस बेकन तथा रामचंद्र शुक्ल के निबंध अच्छे निबंध के उदाहरण हैं । छात्र प्रायः निबंध को बड़ा बनाते हैं । इसमें उनकी अज्ञानता या स्पर्धा का भाव रहता है अच्छे निबंध के लिए कल्पनाशीलता की जरूरत होती है । कल्पना कलाकारों के साथ – साथ वैज्ञानिक के लिए भी आवश्यक होती है ।
सही जानकारी के अभाव में महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र भी ‘ गाय ‘ पर लिखे निबंध में वही बात लिखते हैं जो चौथी – पाँचवीं का छात्र लिखता है । चौथी – पाँचवीं का छात्र गाय पर लिखे निबंध में परिचय , आकार – प्रकार , खान – पान , लाभ – हानि और उपसंहार लिखता है । जबकि महाविद्यालय के छात्र को गाय पर निबंध लिखते समय कृषि , कृषक , डेरी फार्म , चर्मोद्योग संस्कृति , राजनीति , गोशाला , गोरक्षिणी , काँजीघर , चारागाह , दुग्धोत्पादन , मूल्यवृद्धि जैसे मुद्दसों के विचार करना चाहिए ।
निबंध में कल्पना के साथ व्यक्तिगत अनुभव का महत्व होता है । कल्पना के विषय से परिचित होकर उस आधार पर अपना अनुभव गढ़ा जा सकता है । कल्पना , अनुभूति के द्वारा किसीसाथ – साथ विषय से संबंधित आंकड़ों , पुस्तकीय , पत्र – पत्रिकाओं की सूचनाओं का निबंध लेखन में बड़ा महत्त्व है ।
पाठ के साथ
प्रश्न 1. निबंध – लेखन का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर – निबंध – लेखन का मूल उद्देश्य छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को विकसित करना है । निबंध – लेखन का सही ज्ञान नहीं होने के कारण छात्र परीक्षा के दिनों में संभावित प्रश्नों के लिए शिक्षक ज्योतिषियों की तलाश में भटकते रहते हैं । ऐसा आत्मविश्वास की कमी के कारण तथा निबंध – संबंधी प्रचारित धारणाओं की वजह से होता है ।
प्रश्न 2. निबंध – लेखन के समय किस बात का ध्यान रखना जरूरी है ?
उत्तर – निबंध – लेखन के समय उसे पढ़नेवाले का ध्यान रखा जाए तो बहुत सारी गड़बड़ियाँ दूर हो सकती हैं । निबंध लेखक को यह स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए कि संसार में जितनी वस्तुएँ हैं , सभी निबंध का विषय बन सकती हैं । भ्रांत और निर्मूल धारणाओं को भी दूर करने का प्रयत्न किया जाना चाहिए क्योंकि अबतक हिन्दी निबंध पर छात्र लेखकों द्वारा इतना अत्याचार किया गया है जितना और किसी लेखन पर नहीं । परिणामस्वरूप परीक्षक , पाठक ऐसे निबंधों को न तो आद्योपांत पढ़ पाते हैं और न छात्र – लेखकों को अच्छे अंक ही मिल पाते हैं ।
प्रश्न 3. हिंदी निबंध नीरस और बोझिल तथा ऊबाऊ क्यों हो जाता है ?
उत्तर – निबंध विचारों की सुनियोजित अभिव्यक्ति है , इसलिए उसमें कसाव होगा , ढीलापन नहीं । आकस्मिक लेकिन निरंतर प्रवाह निबंध के लिए अनिवार्य है । लेकिन निबंधों को खींचकर . उनपर अत्याचार किया जाता है । विषय प्रतिपादन के साथ , विचारों के पल्लवन के साथ , भाषा और शैली के साथ सही न्याय नहीं करने के कारण हिन्दी निबंध नीरस , बोझिल और उबाऊ हो जाता है ।
प्रश्न 4. हिंदी निबंध की दुर्दशा का क्या कारण है ?
उत्तर – हिन्दी निबंध की दुर्दशा का कारण है छात्र उसे रखर समझकर मनमानी खींचतान करते जिससे एक पृष्ठवाला निबंध कम से कम दो – तीन पृष्ठों तक खिंच ही जाता है । उसमें सभी उटपटांग – उलूलजलूल बातें रख देने के कारण हिंदी – निबंध की दुर्दशा हो जाती है ।
प्रश्न 5. अच्छे निबंध के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर – अच्छे निबंध के लिए कल्पनाशक्ति की आवश्यकता होती है । किसी भी चीज को सुंदर और सुरुचिपूर्ण बनाने के लिए कल्पना से काम लेना आवश्यक हो जाता है । कल्पना अज्ञातलोक का प्रवेशद्वार है । इसका सहारा लेकर एक ही विषय पर हजारों प्रकार के निबंध लिखें जा सकते हैं । इनमें नवीनता की आवश्यकता होती है ।
प्रश्न 6. आचार्य शुक्ल और डॉ . हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध किस कोटि के आते हैं ?
उत्तर – आचार्य शुक्ल के निबंध विचारात्मक निबंधों की कोटि में आते हैं जिनमें विचारों की सुनियोजित अभिव्यक्ति होती है , जिसमें कसाव होता है । इसके लिए निरंतर प्रवाह की आवश्यकता होती है जो शुक्ल के निबंधों में है । आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध ललित – निबंधों की कोटि में आते हैं । शास्त्रीय संगीत के गाढ़ेपन को जिस प्रकार थोड़ा घोलकर सुगम संगीत बना दिया जाता है उसी तरह निबंध को लोकप्रिय बनाने के लिए उसकी प्राचीन शास्त्रीयता को एक  ना मढ़ दिया जाता है । इनके निबंधों में मनोविनोद , हास्य तत्त्वअधिक होते हैं । वे जिस किसी विषय को उठाते हैं उसकं सांस्कृतिक – ऐतिहासिक सभी परिक को गहराई तक छानबीन कर उसे पुनः उसी बिन्दु पर लाते हैं ।
प्रश्न 7. निबंध को सुरुचिपूर्ण बनाने की दिशा में भाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाले । या , निबंध – लेखन में भाषा प्रयोग की आवश्यकता का विवेचन कीजिए ।
उत्तर – निबंध लेखन में छात्र को सही भाषा प्रयोग संबंधी उदाहरण अपने लेखन के द्वारा हो देना चाहिए क्योंकि एक अवस्था तक छात्रों की धारणा रहती है कि हिंदी जितनी ही अलंकृत और अस्वाभाविक होगी , अंक उतने ही अधिक मिलेंगे । भाषा सहज हो । लिखने के समय भी वह उतनी ही सहज रहे , जितनी सोचने के समय रहती है । बीच – बीच में मोहवश ऐसे शब्द न खोसे जिन्हें निमर्मतापूर्वक दूसरा आदमी उखाड़ या नोच दें । वाक्य छोटे हों । बड़े – बड़े वाक्यों तभी लिखे जब भाषा की गति को संभालने और नियंत्रित करने के गुण आ जाएँ ।
भाषा की दात :-
प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखिए ।
उत्तर – रोब गालिब करना – अत्यधिक बढ़ा – चढ़ाकर कहना ।
भानुमती का पिटाना – जिससे अप्रत्याशित लाभ हो ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का संधि – विच्छेद करें ।
उत्तर – आद्योपांत -आदि + उपांत
उपसंहार- उप + संहार
उद्घोषक-उत् + घोषक
अत्याचार -अति + आचार ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित पाठ से विदेशज – देशज शब्द चुनें ।
उत्तर – उलजलूल
ऊटपटांग
वेवकूफी
अंग्रेजी
डेयरी फार्म ।

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