bihar board 10th Physics notes | प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
bihar board 10th Physics notes | प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
क्रियाकलाप 10.1
• एक बड़ी चमकदार चम्मच लीजिए। इसके वक्रित पृष्ठ में अपना चेहरा देखने का प्रयास
कीजिए।
प्रश्न 1. क्या आप प्रतिबिंब देख पाते हैं ? यह छोटा है या बड़ा ?
उत्तर-हाँ, प्रतिबिंब छोटा है।
प्रश्न 2. चम्मच को धीरे-धीरे अपने चेहरे से दूर ले जाइए। प्रतिबिंब को देखते रहिए।
यह कैसे परिवर्तित होता है ?
उत्तर-इसका आकार छोटा होता जा रहा है।
प्रश्न 3. चम्मच को उलटा कीजिए (पलटिए) तथा दूसरे पृष्ठ से क्रियाकलाप को
दोहराइए।
उत्तर-पहले, प्रतिबिंब उलटा था परंतु अब प्रतिबिंब सीधा है।
प्रश्न 4. दोनों पृष्ठों पर प्रतिबिंब के अभिलक्षणों की तुलना कीजिए।
क्रियाकलाप 10.2
चेतावनी:
• सूर्य की ओर या दर्पण द्वारा परावर्तित सूर्य के प्रकाश की ओर सीधा मत देखिए। यह
आपकी आँखों को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
• एक अवतल दर्पण को अपने हाथ से पकड़िए तथा इसके परावर्तक पृष्ठ को सूर्य की
ओर कीजिए।
• दर्पण द्वारा परावर्तित प्रकाश को दर्पण के पास रखी एक कागज की शीट पर डालिए।
• कागज की शीट को धीरे-धीरे आगे पीछे कीजिए जब तक कि आपको कागज की शीट
पर प्रकाश का एक चमकदार, तीक्ष्ण बिंदु प्राप्त न हो जाए।
• दर्पण तथा कागज को कुछ मिनट के लिए उसी स्थिति में पकड़े रखिए।
प्रश्न-आप क्या देखते हैं ? ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर-कागज जलना शुरू हो जाता है। सूर्य से आने वाला प्रकाश दर्पण के द्वारा एक तीक्ष्ण,
चमकदार बिंदु के रूप में अभिद्रत होता है जिससे ऊष्मा उत्पन्न होती है और कागज जलने लगता है।
क्रियाकलाप 10.3
• आप अवतल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करने की विधि पहले ही सीख चुके हैं।
क्रियाकलाप 10.2 में आपने देखा है कि आपको कागज पर मिला प्रकाश का तीक्ष्ण
चमकदार बिंदु वास्तव में सूर्य का प्रतिबिंब है। यह अत्यंत छोटा, वास्तविक तथा उलटा
है। दर्पण से इस प्रतिबिंब की दूरी माप कर आपने अवतल दर्पण की लगभग फोकस
दूरी ज्ञात की थी।
• एक अवतल दर्पण लीजिए। ऊपर वर्णित विधि से इसकी सन्निकट फोकस दूरी ज्ञात
कीजिए। फोकस दूरी का मान नोट कीजिए। (आप किसी दूरस्थ वस्तु का प्रतिबिंब एक
कागज की शीट पर प्राप्त करके भी फोकस दूरी ज्ञात कर सकते हैं)।
• मेज पर चॉक से एक लाइन बनाइए। अवतल दर्पण को एक स्टैंड पर रखिए। स्टैंड
को लाइन पर इस प्रकार रखिए कि दर्पण का ध्रुव इस लाइन पर स्थित हो।
• चॉक से पहली लाइन के समांतर और इसके आगे, दो लाइनें इस प्रकार खींचिए की
किन्हीं दो उत्तरोत्तर लाइनों के बीच की दूरी दर्पण की फोकस दूरी के बराबर हो। ये
लाइनें अब क्रमशः बिंदुओं P, F तथा C की स्थितियों के तदनुरूपी होंगी। याद
रखिए-छोटे द्वारक के गोलीय दर्पण के लिए मुख्य फोकस F, ध्रुव P तथा वक्रता केंद्र
C को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिंदु पर स्थित होता है।
• एक चमकीला बिंब, जैसे एक जलती हुई मोमबत्ती C से बहुत दूर किसी स्थिति पर
रखिए। एक कागज का परदा रखिए तथा इसको दर्पण के सामने आगे-पीछे तब तक
खिसकाइए जब तक कि आपको इस पर मोमबत्ती की लौ का तीक्ष्ण तथा चमकीला
प्रतिबिंब प्राप्त न हो जाए।
• प्रतिबिंब को ध्यानपूर्वक देखिए। इसकी प्रकृति, स्थिति तथा बिंब के साइज के सापेक्ष
इसका आपेक्षिक साइज नोट कीजिए।
(a) C से थोड़ी दूर, (b)C पर, (c)F तथा C के बीच, (d)F पर, तथा (e)P और F के बीच।
• इनमें से एक स्थिति में आप परदे पर प्रतिबिंब प्राप्त नहीं कर पाएंँगे। इस अवस्था में
बिंब की स्थिति को अभिनिर्धारित कीजिए। तब, इसके आभासी प्रतिबिंब को सीधे दर्पण
में देखिए।
प्रश्न 1. अपने प्रेक्षणों को नोट कीजिए तथा सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर-किसी अवतल दर्पण द्वारा बिंब की विभिन्न स्थितियों के लिए बने प्रतिबिंब :
क्रियाकलाप 10.4
प्रश्न 1. पृष्ठ 93 में दर्शायी गई बिंब की प्रत्येक स्थिति के लिए स्वच्छ किरण आरेण
खींचिए।
उत्तर-
बिंब की स्थिति
1. अनंत पर
प्रश्न 2. अपने चित्रों की तुलना चित्र ऊपर में दिए गए चित्रों से कीजिए।
उत्तर-दोनों बिलकुल एक जैसे हैं।
प्रश्न 3. प्रत्येक दशा में बनने वाले प्रतिबिंब की प्रकृति, स्थिति तथा आपेक्षिक साइज
का वर्णन कीजिए। अपने परिणामों को सुविधाजनक प्रारूप में सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
क्रियाकलाप 10.5
• कोई उत्तल दर्पण लीजिए। इसे एक हाथ में पकड़िए।
• दूसरे हाथ में एक सीधी खड़ी पेंसिल पकड़िए।
प्रश्न 1. दर्पण में पेंसिल का प्रतिबिंब देखिए। प्रतिबिंब सीधा है या उलटा ? क्या
यह छोटा है अथवा विवर्धित (बड़ा) है ?
उत्तर-सीधा तथा छोटा।
प्रश्न 2. पेंसिल को धीरे-धीरे दर्पण से दूर ले जाइए। क्या प्रतिबिंब छोटा होता जाता
है या बड़ा होता जाता है ?
उत्तर-छोटा।
प्रश्न 3. क्रियाकलाप को सावधानीपूर्वक दोहराइए। बताइए कि जब बिंब को दर्पण
से दूर ले जाते हैं तो प्रतिबिंब फोकस के निकट आता है अथवा उससे और दूर चला जाता
है ?
उत्तर-प्रतिबिंब फोकस के निकट आता है।
क्रियाकलाप 10.6
समतल दर्पण में किसी दूरस्थ बिंब, जैसे-कोई दूरस्थ पेड़ का प्रतिबिंब देखिए।
प्रश्न 1. क्या आप पूर्ण लम्बाई (full length) का प्रतिबिंब देख पाते हैं ?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 2. विभिन्न साइज़ के समतल दर्पण लेकर प्रयोग दोहराइए । क्या आप दर्पण
में बिंब का संपूर्ण प्रतिबिंब देख पाते हैं ?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 3. इस क्रियाकलाप को अवतल दर्पण लेकर दोहराइए। क्या यह दर्पण बिंब
की पूरी लंबाई का प्रतिबिंब बना पाता है ?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 4. अब एक उत्तल दर्पण लेकर इस प्रयोग को दोहराइए। क्या आपको सफलता
मिली ? अपने प्रेक्षणों की कारण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर-हाँ, अब मुझे बिंब का संपूर्ण प्रतिबिंब देख पाने में सफलता मिली। उत्तल दर्पण हमेशा
छोटा, सीधा तथा आभासी प्रतिबिंब बनाता है। इसलिए दूर का बिंब उत्तल दर्पण में साफ देखा
जा सकता है।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-अवतल दर्पण पर मुख्य अक्ष के समांतर आपतित किरणें परावर्तित होकर दर्पण की
मुख्य फोकस के जिस बिंदु पर मिलती है प्रतिच्छेदी है, वह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस
कहलाता है।
प्रश्न 2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेमी है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर-हम जानते हैं कि
R=2f
यहाँ, R= 20 सेमी.
20
f =——–=10 सेमी.
2
गोलीय दर्पण की फोकस दूरी = 10 सेमी.
प्रश्न 3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके।
उत्तर-अवतल दर्पण।
प्रश्न 4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों
देते हैं?
उत्तर-हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता देते हैं क्योंकि
ये सदैव सीधा व आभासी प्रतिबिंब बनाते हैं। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक होता है जिससे
ड्राइवर अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ होता है।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32
सेमी. है।
उत्तर-दिया है
R= 32 सेमी. R=2f
R 32
f =—— f =——
2 2
f =16 सेमी.
प्रश्न 2. कोई अवतल दर्पण आपके सामने 10 सेमी. दूरी पर रखे किसी बिंब का
तीन गुना आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी
पर है।
v v
उत्तर-m =― —- (वास्तविक) या -3 = – —–
u u
या 3u=v
u=-10 सेमी. (दिया है)
v=-30 सेमी. (v=3u)
क्रियाकलाप 10.7
• पानी से भरी एक बाल्टी की तली पर एक सिक्का रखिए।
प्रश्न 1. अपनी आँख को पानी के ऊपरी किसी पार्श्व (side) में रखकर सिक्के को
एक बार में उठाने का प्रयत्न कीजिए। क्या आप सिक्का उठाने में सफल हो पाते हैं ?
उत्तर-नहीं।
प्रश्न 2. इस क्रियाकलाप को दोहराइए। आप इसे एक बार में करने में क्यों सफल
नहीं हो पाए थे?
उत्तर-क्योंकि, सिक्का तली से उठा हुआ प्रतीत हो रहा था।
प्रश्न 3. अपने मित्रों को इसे करने के लिए कहिए। उनके साथ अपने अनुभव की
तुलना कीजिए।
उत्तर-विद्यार्थी स्वयं करें।
क्रियाकलाप 10.8
• किसी मेज पर एक बड़ा उथला कटोरा रख कर उसकी तली में एक सिक्का रखिए।
• कटोरे से धीरे-धीरे दूर हटिए।जब सिक्का ठीक दिखाई देना बंद हो जाए तो रूक जाइए।
प्रश्न― अपनी स्थिति से सिक्के को देखते रहिए। क्या सिक्का उसी स्थिति से पुनः
दिखाई देने लगता है? यह कैसे संभव हो पाता है ?
उत्तर-कटोरे में पानी डालने पर सिक्का पुनः उसी स्थिति में दिखाई देने लगता है क्योंकि
अपवर्तन के कारण सिक्के की स्थिति उसकी वास्तविक स्थिति से उठी हुई प्रतीत होती है, इसलिए सिक्का दिखाई देने लगता है।
क्रियाकलाप 10.9
• मेज पर रखे एक सफेद कागज को शीट पर एक मोटी सीधी रेखा खींचिए।
• इस रेखा के ऊपर एक कांँच का स्लैब इस प्रकार रखिए कि इसकी एक कोर इस रेखा
से कोई कोण बनाए।
प्रश्न 1. स्लैब के नीचे आए रेखा के भाग को पार्श्व (side) से देखिए। आप क्या देखते
हैं ? क्या कांँच के स्लैब के नीचे की रेखा कोरों (edges) के पास मुड़ी हुई प्रतीत होती है।
उत्तर-हाँ, ऐसा रोशनी के अपवर्तन के कारण हो रहा है।
प्रश्न 2. अब कांँच के स्लैब को इस प्रकार रखिए कि यह रेखा के अभिलंबवत
हो? अब आप क्या देखते हैं ? क्या कांच के स्लैब के नीचे रेखा का भाग मुड़ा हुआ
प्रतीत होता है?
उत्तर-अब, रेखा सीधी है और मुड़ी हुई प्रतीत नहीं हो रही क्योंकि रोशनी की सीधी किरण
में अपवर्तन नहीं होता है।
प्रश्न 3. रेखा को कांँच के स्लैब के ऊपर से देखिए। क्या स्लैब के नीचे रेखा का
भाग उठा हुआ प्रतीत होता है ? ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर-हाँ, ऐसा अपवर्तन के कारण होता है। इसकी वजह से बिंब की स्थिति वास्तविक
स्थिति से उठी हुई दिखाई देती है।
क्रियाकलाप 10.10
प्रश्न 1. क्या होता है जब प्रकाश की किरणें कांच के स्लैब में प्रवेश करती हैं?
उत्तर-प्रकाश का अपवर्तन होता है और यह अभिलंब की तरफ मुड़ जाती है। ऐसा प्रकाश
की चाल कांँच के स्लैब में अपेक्षाकृत कम होने के कारण होता है।
प्रश्न 2. क्या होता है जब प्रकाश की किरणें स्लैब से बाहर निकलती हैं?
उत्तर-वायु में प्रकाश की चाल अधिक होती है। अतः प्रकाश अभिलंब से दूर मुड़ जाता है।
प्रश्न 1 निर्गत किरण तथा आपतित किरण के बीच की लंबवत दूरी को क्या कहते हैं ?
उत्तर-पश्विक विस्थापन ।
प्रश्न 4. आपतित कोण तथा निर्गत कोण के बीच क्या संबंध होता है। अगर आपतित
किरण तथा निर्गत किरण दोनों का माध्यम समान हो?
उत्तर-आपतित कोण -निर्गत कोण ।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है।
क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों ?
उत्तर-यह अभिलंब की ओर झुकेगी क्योंकि जल में प्रवेश करने के बाद इसकी चाल में
कमी आएगी।
प्रश्न 2. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की कांँच की प्लेट में प्रवेश करता है । कांँच
प्रश्न 3. सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशित घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए ।
यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर-अधिकतम प्रकाशित घनत्व का माध्यम-हीरा ।
न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व का माध्यम-हवा (1.003)
प्रश्न 4. आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं । इनमें से किसमें
प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है ? सारणी 10.3 में दिए गए आंकड़ों का उपयोग
कीजिए।
उत्तर-प्रकाश जल में सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है क्योंकि जल का अपर्वतनांक
किरोसिन तथा तारपीन के तेल से कम है।
प्रश्न 5. हीरे का अपर्वतनांक 2.42 है । इस कथन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-हीरा अधिकतम प्रकाशिक घनत्व का माध्यम है और हीरे में प्रकाश के चाल का
मान काफी कम है।
क्रियाकलाप 10.11
चेतावनी-इस क्रियाकलाप को करते समय अथवा अन्यथा भी सूर्य की ओर सीधे या लेंस
से न देखें । यदि आप ऐसा करेंगे तो आपकी आँखों को क्षति हो सकती है।
• एक उत्तल लेंस को अपने हाथ में पकड़िए । इसे सूर्य की ओर निर्दिष्ट कीजिए ।
• सूर्य के प्रकाश को एक कागज की शीट पर फोकसित कीजिए । सूर्य का एक तीक्ष्ण
चमकदार प्रतिबिंब प्राप्त कीजिए ।
प्रश्न-कागज तथा लेंस को कुछ समय के लिए उसी स्थिति में पकड़े रखिए । कागज
को देखते रहिए । क्या होता है ? ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर-कागज पूरी तरह जल गया । लेंस की मदद से सूर्य के प्रकाश को एक बिन्दु पर
फोकसित किया गया सूर्य की किरणों में ऊर्जा होती है जिससे की ऊष्मा उत्पन्न हुई और कागज
जल गया।
क्रियाकलाप 10.12
• एक उत्तल लेंस लीजिए । क्रियाकलाप 10.11 में वर्णित विधि द्वारा इसकी सन्निकट
फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
• एक लंबी मेज पर चॉक का प्रयोग करके पाँच समांतर सीधी रेखाएँ इस प्रकार खींचिए
कि किन्हीं दो उत्तरोत्तर रेखाओं के बीच की दूरी लेंस की फोकस दूरी के बराबर हो।
• लेंस की एक लेंस-स्टैंड पर लगाइए । इसे मध्य रेखा पर इस प्रकार रखिए कि लेंस
का प्रकाशिक केन्द्र इस रेखा पर स्थित हो ।
• लेंस के दोनों ओर दो रेखाएँ क्रमशः लेंस के Fतथा 2F के तदनुरूपी होंगी । इन्हें उचित
अक्षरों द्वारा अंकित कीजिए, जैसे-क्रमश: 2F1, F1 F2 तथा 2F2 I
• एक जलती हुई मोमबत्ती को बाईं ओर, 2F1 से काफी दूरी रखिए । लेंस के विपरीत
दिशा में रखे एक परदे पर इसका स्पष्ट एवं तीक्ष्ण प्रतिबिंब बनाइए ।
• प्रतिबिंब की प्रकृति, स्थिति तथा आपेक्षिक साइज नोट कीजिए ।
इस क्रियाकलाप में बिंब को 2F1 से धोड़ा दूर, F1 तथा 2F1 के बीच, F1 पर तथा F1
और O के बीच रखकर दोहराइए । अपने प्रेक्षणों को नोट कीजिए तथा सारणीबद्ध
कीजिए।
क्रियाकलाप 10.13
◆ एक अवतल लेंस लीजिए । इसे एक लेंस स्टैंड पर रखिए ।
◆ लॅस के एक ओर एक जलती हुई मोमबत्ती को रखिए ।
◆ लेंस के दूसरी ओर से प्रतिबिंब का प्रेक्षण कीजिए । प्रतिबिंब को यदि संभव हो तो
परदे पर प्राप्त करने का प्रत्यन कीजिए । यदि ऐसा संभव न हो तो प्रतिबिंब को लेंस
में से सीधे ही देखिए ।
प्रश्न 1. प्रतिबिंब की प्रकृति, आपेक्षिक आकार तथा सन्निकट स्थिति नोट कीजिए।
उत्तर-प्रतिबिंब फोकस F1 तथा प्रकाशीय केन्द्र O के मध्य बना है। इसका आपेक्षिक साइज
छोटा, आभासी तथा सीधा है।
प्रश्न 2. मोमबत्ती को लेंस से दूर ले जाइए । प्रतिबिंब के साइज में परिवर्तन नोट
कीजिए । जब मोमबत्ती को लेंस से बहुत दूर रखा जाता है तो प्रतिबिंब के साइज पर क्या
प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-छोय हो जाता है।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर-जब एक लेंस को फोकस दूरी 1 मीटर हो तो लेंस की क्षमता 1 डाइऑप्टर कहलाती है।
प्रश्न 2. कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उलटा प्रतिबिंब उस लेंस से
50 सेमी. दूर बनता है । यह सूई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब
उसी साइज का बन रहा है जिस साइज का बिंब है । लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर-यहाँ, प्रतिबिंब दूरी = + 50 सेमी.
v=50 सेमी. m=1
लेंस द्वारा वास्तविक प्रतिबिंब के लिए,
v v
m=——- I =——-
u u
v = u
u = -50 सेसी.
बिंब दूरी = 50 सेमी.
1 1 1 1 1 1 1+1 1
अब,—– ― ——=—— या,—– ― ——-=——– या, ——-=——
v u f 50 ―50 f 50 f
f=25 सेमी.
1 1
इसलिए, P=——- इसलिए, P=——-
f 2
इसलिए, P=―0.5 डाइऑप्टर
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा
सकता है ?
(a) जल
(b) कांँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी उत्तर-(d) मिट्टी
प्रश्न 2. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब, आभासी, सीधा तथा बिंब
से बड़ा पाया गया । वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(b) वक्रता केन्द्र पर
(c) वक्रता केन्द्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर-(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच ।
प्रश्न 3. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिंब प्राप्त करने के
लिए, बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दो गुनी दूरी पर
(c) अन्नत पर
(d) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच ।
उत्तर-(c) अनंत पर ।
प्रश्न 4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ
-15 सेमी. हैं । दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल उत्तर-(a) दोनों अवतल
प्रश्न 5. किसी दर्पण से आप चाहें कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव
सीधा प्रतीत होता है । संभवतः दर्पण है-
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर-(d) या तो समतल अथवा उत्तल ।
प्रश्न 6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप
निम्न में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे?
(a) 50 सेमी. फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 सेमी. फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 सेमी. फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 सेमी. फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर-(c) 5cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस ।
प्रश्न 7. 15 सेमी. फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी
बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं । बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या
होना चाहिए ? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है ? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा ?
इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए ।
प्रश्न 8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए :
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी
अपने उत्तर का कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर-(a) अवतल दर्पण (b) उत्तल दर्पण (c) अवतल दर्पण
प्रश्न 9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या
लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा ? अपने उत्तर का प्रयोग द्वारा जांँच कीजिए।
अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-हाँ, यह लेंस बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा ।
सत्यापन-एक उत्तल लेंस जिसका आधा भाग काले कागज से ढका है, लिया जाता है।
एक बिंब को इसके सामने रखा जाता है तथा इसे व्यवस्थित कर इसका प्रतिबिंब परदे पर प्राप्त
किया जाता है । यह पाया जाता है कि बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना रहा है।
प्रश्न 10. 5 सेमी. लंबा कोई बिंब 10 सेमी. फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से
25 सेमी. दूरी पर-स्खा जाता है । प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की
स्थिति, साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर-यहाँ, बिंब की ऊँचाई h1 = 5 सेमी., बिंब दूरी u=-25 सेमी., फोकस दूरी f=+
10 सेमी.
तो प्रतिबिंब की दूरी v = ?, प्रतिबिंब की ऊंँचाई h2 = ?
v का धनात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिंब लेंस के दाईं ओर (अर्थात् लेंस के पीछे),
16.6 सेमी. पर बनता है। प्रतिबिंब वास्तविक तथा उलटा है।
अर्थात्, प्रतिबिंब की ऊंँचाई 3.33 सेमी है।
प्रश्न 11. 15 सेमी. फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस
से 10 सेमी. दूरी पर बनाता है । बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है ? किरण आरेख
खींचिए।
उत्तर-फोकस दूरी f=-15 सेमी., प्रतिबिंब की दूरी v=- 10 सेमी., बिंब दूरी u=?
अर्थात् बिंब अवतल लेंस से 30 सेमी. की दूरी पर है ।
प्रश्न 12. 15 सेमी. फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 सेमी. दूरी पर
रखा है । प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए ।
उत्तर-फोकस दूरी f = 15 सेमी.
बिंब दूरी u= -10 सेमी.
प्रतिबिंब की दूरी v= ?
हम जानते हैं कि,
अर्थात्, प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6 सेमी. की दूरी पर बनता है। प्रतिबिंब वास्तविक तथा
उलटा है।
प्रश्न 13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन + 1 है। इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-धनात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा समान आकार का
बना है।
प्रश्न 14.5.0 सेमी. लंबाई का कोई बिंब 30 सेमी. वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण
के सामने 20 सेमी, दूरी पर रखा गया है । प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात
कीजिए।
उत्तर-यहाँ,
बिंब की ऊंँचाई h1=5 सेमी.
वक्रता त्रिज्या R=30 सेमी.
R
—-= f
2
30
या, फोकस दूरी f=—— =+15 सेमी.
2
बिंब दूरी u=―20 सेमी.
तो प्रतिबिंब की दूरी V= ?
प्रतिबिंब की ऊंँचाई h2 = ?
हम जानते हैं कि,
1 1 1 1 1 1
——–+——–=—— या, ——+——-=——-
v u f v -20 +15
1 1 1 4+3
—–=——–+——-+——-
v 15 20 60
60
v=——— सेमी. = 8.57 सेमी.
7
प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 8.6 सेमी. की दूरी पर बना है
h2 ―v
पुनः m=——-=———
h1 u
h2 8.57 8.57×5
——–=———- या, h2 =—————
5सेमी. 20 20
अर्थात्, प्रतिबिंव का आकार = 2.175 (या 2.2 सेमी.) है।
प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा छोटी है।
प्रश्न 15. 7.0 cm साइज का कोई बिंब 18 सेमी. फोकस दूरी के अवतल दर्पण के
सामने 27 सेमी. दूरी पर रखा गया है.। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि
उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके । प्रतिबिंब का साइज तथा
प्रकृति ज्ञात कीजिए।
अर्थात् प्रतिबिंब की ऊँचाई 14 सेमी. है तथा यह वास्तविक और उलटा
प्रश्न 16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए, जिसकी क्षमता -2.0D है । यह किस
प्रकार का लेंस है?
अर्थात् लेंस की फोकस दूरी 0.50 मी. है तथा यह अवतल लेंस है।
प्रश्न 17. कोई डॉक्टर + 1.5D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है । लेंस
की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए । क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी ?
◆◆◆