10th sanskrit

bihar board class 10 sanskrit solution – भारतभूषा संस्कृत भाषा

भारतभूषा संस्कृत भाषा

bihar board class 10 sanskrit solution

class – 10

subject – sanskrit

lesson 21 – भारतभूषा संस्कृत भाषा

भारतभूषा संस्कृत भाषा

भारतभूषा संस्कृतभाषा विलसतु हृदये हृदये । संस्कृतिरक्षा राष्ट्रसमृद्धिः भवतु हि भारतदेशे ।
श्रद्धा महती निष्ठा सुदृढ़ा स्यान्नः कार्यरतानां
स्वच्छा वृत्तिर्नव उत्साहो यत्नो विना विरामम् ।
न हि विच्छत्तिश्चित्तविकारः पदं निधद्यस्ततम्
सत्यपि कष्टे विपदि कदापि वयं न यामो विरतिम् ।।1 ।।
वासेश्वासे रोमसु धमनिषु संस्कृतवीणाक्वणनम्
चेतो वाणी प्राणा : काय : संस्कृतहिताय नियतम् ।
वसिमि प्राणिमि संस्कृतवृद्धय नमानि संस्कृतवाणीम् पुष्टिस्तुष्टि संस्कृतवाक्तः तस्मादृते न किञ्चित् ।। 2 ।।

नाहं याचे हार मान न चापि गौरववृद्धिन्
नो सत्कारं वित्तं पदवीं भौतिकलाभ कञ्चित् ।
यस्मिन् दिवसे संस्कृतभाषा विलसेज्जगति समग्रे
भव्यं तन्महददभुतदृश्यं काङ्गे वीक्षितुमाक्षु ।। 3 ।।

अर्थ – संस्कृत भाषा भारत की शोभा बढ़ाने वाली है । यह हरेक भारतवासियों के हृदय में आनन्द प्रदान करता रहे । भारत देश में संस्कृति की रक्षा और राष्ट्र की समृद्धि हो । श्रेष्ठ श्रद्धा , सुदृढ़ निष्ठा हम सबों में हो , हमलोग कार्य में रत रहें । पवित्र हमारा पेशा हो , नवीन उत्साह हम सबों में हो । अविरल अपने कार्य में लगे रहें ।
हममें मनोविकार पैदा न ले , निदिन कार्य के तरफ हमारा पैर न बढ़े । कष्ट में अथवा विपत्ति काल में भी हम सब सत्य से विचलित नहीं होवें ।
हमारे प्रत्येक श्वास , प्रत्येक रोम और धमनियों में संस्कृतरूपी वीणा की झंकार होता रहे । हृदय , वाणी , प्राण शरीर सब प्रकार से हम संस्कृत के हित में सदैव लगे रहें । प्राण के श्वासों से प्रिय संस्कृत की वृद्धि के लिए लगा रहूँगा । संस्कृत वाणी को मैं प्रणाम करता हूँ । संस्कृत बोलने वालों की वृद्धि ही संतुष्टी हो । संस्कृत के जैसा कोई नहीं है ।
मैं न मान की इच्छा रखता हूँ , न गौरव वृद्धि की इच्छा करता हूँ । न ही सत्कार , न ही धन , न ही पदवी और न कोई भौतिक लाभ की इच्छा रखता हूँ । जिस दिन संस्कृत भाषा सम्पूर्ण संसार में दिखाई पड़ेगा उस दिन इस संसार में अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा जो कभी नहीं आँखों से देखा गया है ।

अभ्यास

प्रश्न : 1. अस्य पाठस्य भावार्थ लिखत ।
उत्तरम्- सम्पूर्ण पाठ के भावार्थ लिखे गये हैं देखें । प्रश्न : 2. अस्मिन् पाठे कवैः का आकांक्षा अस्ति ? उत्तरम् – भाषा भारतीय जनानां हृदये विलसतु । सम्पूर्ण च जगति संस्कृत भाषायाः प्रयोग भवतु ।
प्रश्न : 3. आधुनिकभारते संस्कृतस्य कीदृशी स्थिति अस्ति ?
उत्तरम् – आधुनिक भारते संस्कृतस्य स्थिति सामान्यं अस्ति । संस्कृतस्य पाठकः संस्कृतस्य च वक्तारः अल्पाः दृश्यन्ते ।
प्रश्न : 4. संस्कृतस्य उन्नतिः केनोपायेन भविष्यति ? उत्तरम् – यदा भारतीयाः संस्कृतवाणी वदन्तु तदा संस्कृतस्य उन्नतिः भविष्यति ।

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