bihar board 10th class history solutions – शहरीकरण
शहरीकरण एवं शहरी जीवन
bihar board 10th class history solutions
class – 10
subject – history
lesson 6 – शहरीकरण एवं शहरी जीवन
शहरीकरण एवं शहरी जीवन
अध्याय की मुख्य बातें :-
शहरीकरण का अर्थ है किसी गाँव के शहर या कस्बे के रूप में विकसित होने की प्रक्रिया । गाँव और शहर के बीच काफी भिन्नताएँ है । गाँव की आबादी कम होती है और नगर की ज्यादा । समाजशास्त्री के अनुसार नगरीय जीवन तथा आधुनिकता एक दूसरे के पूरक है । शहर व्यक्ति को सन्तुष्ट करने के लिए अंतहीन संभावनाएँ प्रदान करता है । आधुनिक काल से पूर्व व्यापार एवं धर्म शहरों की स्थापना के महत्त्वपूर्ण आधार थे । शहरीकरण की प्रक्रिया बहुत लम्बी रही है लेकिन आधुनिक शहर के उदय का इतिहास लगभग दो सौ वर्ष पुराना है । तीन ऐतिहासकि प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई । पहला , औद्योगिक पूंजीवाद का उदय , दूसरा विश्व के विशाल भूभाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास ।
आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो मुख्य आधार है । जनसंख्या का घनत्व तथा कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात । अतः शहरों तथा नगरों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है । अधिकांश वस्तुएँ कृषि उत्पाद ही होती है जो आय का प्रमुख सोत होता है । अत कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था मूलतः जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था की अवधारणा पर आधारित थी । आधुनिक काल में औद्योगीकरण ने शहरीकरण के स्वरूप को गहन रूप से प्रभावित किया तथा औद्योगिक क्रांति की शुरुआत होने के कई दशक बाद तक भी अधिकतर पश्चिमी शहर मोटे तौर पर ग्रामीण किस्म के शहर ही थे । अठारहवीं शताब्दी में राजनीतिक तथा व्यापारिक पुनर्गठन के साथ पुराने नगर पतोन्मुख हुए और नये नगरों का विकास होने लगा । बहुत सारे शहरों में खैराती संस्थाओं और स्थानीय शासन की ओर से जाड़ों में रैन बसेरे और अजनबी घरों की व्यवस्था की जाती थी । गरीब व्यक्ति इन स्थानों पर बड़ी संख्या में एकत्रित होते थे ।
विश्वयुद्धों के दौरान 1919–39 में मजदूर वर्ग के लिए आवास का इन्तजाम कर्ने का उत्तरदायित्व ब्रिटिश राज्य ने लिया और स्थानीय शासन के द्वारा 10 लाख मकान बनाये गये , जो छोटे परिवारों को ध्यान में रखते हुए निर्मित हुए।शहरों के उद्भव ने मध्यम वर्ग को भी शक्तिशाली बनाया । एक नये शिक्षित वर्ग का अभ्युदये जहाँ विभिन्न देशों में रहकर भी औसतनु एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभर कर आए एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किये गये । आधुनिक शहरों में जहाँ एक ओर पूँजीपति वर्ग का अभ्युदय हुआ तो दूसरी ओर अमिक वर्ग । सामंती व्यवस्था के अनुरूप विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के द्वारा सर्वहारा वर्ग का शोषण प्रारंभ हुआ जिसके परिणामस्वरूप शहरों में दो परस्पर विरोधी वर्ग उभर कर आये । श्रमिक वर्ग ने अपने हितों की सुरक्षा के लिए श्रमिक संघ कायम किये । बाद में संसद् के द्वारा कुछ फैक्टरी नियम बनाये गये । इंग्लैंड में 1825 में सरकार को मजदूरों के वेतन बढ़ाने तथा काम के घंटे कम करवाने के लिए तथा संगठित ढंग से काम करने का अधिकार स्वीकार करना पड़ा ।
हमारे राज्य में पटना नगर का विकास शहरीकरण की इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है । प्राचीनकाल में पाटलीपुत्र नामक विख्यात यह एक महानगर था जिसकी तुलना विश्व के समकालीन सुप्रसिद्ध नगरौं से की जाती थी । इसकी स्थापना छठी शताब्दी ई ० पू ० में मगध के शासक अजातशत्रु के द्वारा एक सैनिक शिविर के रूप में की गई थी । कालान्तर में यह मगध साम्राज्य की राजधानी बना । मौर्य शासनकाल के कंधार से कर्नाटक तक विस्तृत साम्राज्य की राजधानी इसी पाटलीपुत्र नगर का गौरव बना रहा ।
शहरीकरण की प्रक्रिया बहुत लम्बी रही है । ग्रामीण एवं सामंती व्यवस्था से हटकर कृषि व्यवस्था से आगे बढ़ते हुए एक नई आर्थिक व्यवस्था लागू हुई जिसने व्यपार , वाणिज्य उद्योग के विकास पर बल दिया । शहरों के इस विकासक्रम से लोगों की नई चेतना प्रदान की और सुविधाएँ दी , तो दूसरी ओर नई समस्याओं को भी जन्म दिया जिनके निदान की आवश्यकता आज है । एक संतुलित सामाजिक व्यवस्था का निर्माण आधुनिकीकरण के साथ उन आदर्शों के संश्लेषण के साथ ही संभव है , जिन्हें हम . शहरी व्यस्तता के अन्तर्गत छोड़ते जा रहे है ।
प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
1 . सामती व्यवस्था से हटकर किस प्रकार की शहरी व्यवस्था की प्रवृत्ति बढ़ी ?
( क ) प्रगतिशील प्रवृत्ति ( ख ) आक्रमक प्रवृत्ति ( ग ) रूढ़िवादी प्रवृत्ति ( घ ) शोषणकारी प्रवृत्ति
उत्तर– ( क ) प्रगतिशील प्रवृत्ति
2.शहर को आधुनिक व्यक्ति का किस प्रकार का क्षेत्र माना जाता है ?
( क ) सीमित क्षेत्र ( ख ) प्रभाव क्षेत्र ( ग ) विस्तृत क्षेत्र ( 4 ) अथवा सभी
उत्तर– ( ख ) प्रभाव क्षेत्र
3.स्थायी कृषि के प्रभाव से कैसा जमाव संभव हुआ ? ( क ) संपति ( ख ) ज्ञान ( ग ) शाति ( घ ) . बहुमूल्य बस्तु
उत्तर– ( क ) संपत्ति
4. एक प्रतियोगी एवं उद्यमी प्रवृत्ति से प्रेरित किस प्रकार की अर्थव्यवस्था लागू की गई ?
( क ) जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था ( ख ) मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था ( ग ) शिथिल अर्थव्यवस्था ( घ ) एवं सभी
उत्तर– ( ख ) मुदा प्रधान अर्थव्यवस्था
5. आधुनिक काल में औद्योगीकरण ने किसके स्वरूप को गहन रूप से प्रभावित किया ?
( क ) ग्रामीणकरण ( ख ) शहरीकरण
( ग ) करबो ( ए ) बन्दरगाहों
उत्तर– ( ख ) शहरीकरण
6. जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक कहाँ होता है ? ( क ) ग्राम (ख) कस्बा ( ग ) नगर ( घ ) महानगर
उत्तर – (घ ) महानगर
7. 1810 से 1800 तक लंदन की आबादी 10 लाख से बढ़कर कहाँ तक पहुँची ?
( क ) 20 लाख ( ख ) 30 लाख ( ग ) 40 लाख ( घ ) 50 लाख
उत्तर– ( ग ) 40 लाख
8 लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कब लागू हुई ? ( क ) 1850 ( ख ) -1855 ( ग ) 1860 ( घ) 1870 उत्तर– ( घ ) 1870
9.कौन – सा सामाजिक वर्ग बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में उभर कर आया ?
( क ) उद्योगपति वर्ग ( ख ) पूंजीपति वर्ग
( ग ) श्रमिक वर्ग ( घ ) मध्यम वर्ग
उत्तर– ( घ ) मध्यम वर्ग
10. पूजीपति वर्ग के द्वारा किस वर्ग का शोषण हुआ ?
( क ) अमिक वर्ग ( ख ) मध्यम वर्ग
( ग ) कृषक वर्ग ( घ ) एवं सभी
उत्तर– ( घ ) एवं सभी
रिक्त स्थानों को भरें :
1 . शहरों के विस्तार में भव्य परकोटों का निर्माण हुआ ।
2. लंदन भारी संख्या में प्रवासियों को आकर्षित करने में सफल हुआ ।
3 . शहरों में रहने वाले बाध्यताओं से सीमित थे ।
4.पश्चिमी देशों में नगरों के प्रति रूझान देखा जाता है।
5.संगठन एवं प्रबंधन के द्वारा निवास तथा आवासीय पद्धति , जन यातायात के साधन , जन स्वास्थ्य इत्यादि के उपाय किये गये ।
समूहों का मिलान :
1 मैनचेस्टर लंकाशायर शेफिल्ड 1. नगर
2. चिकित्सक
3. प्रतियोगी मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था 3. बेरॉन हाँसमान
4.बम्बई.
5. पेरिस
उत्तर-
1. मैनचेस्टर लंकाशायर शेफिल्ड — 5. औद्योगिक नगर
2. चिकित्सक — 4. मध्यम वर्ग
3. प्रतियोगी मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था –1. नगर
4.बम्बई–2. वाणिज्यिक राजधानी
5.पेरिस –3. बेरॉन हाँसमान
लघु उत्तरीय प्रश्न :
1. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ?
उत्तर – पहला , औद्योगिक पूंजीवाद का उदय , दूसरा विश्व के विशाल भूभाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास , इन्हीं तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ।
2. समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है ?
उत्तर – समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में गाँव की आबादी , खेती , व्यापार और उत्पादन , शिक्षा इत्यादि क्रियाओं के अनुपात के आधार पर किया जाता है ।
3. आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या हैं ?
उत्तर – आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो मुख्य आधार है ।
(i)जनसंख्या का घनत्व तथा
(ii) कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात ।
4. गांव के कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शायें ।
उत्तर – गाँवों की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि संबंधी व्यवसाय से जुड़ा है । अधिकांश वस्तुएँ कृषि उत्पाद ही होती है जो इनकी आय का प्रमुख सोत होता है । अत एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था मूलत जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था की अवधारणा पर आधारित थी ।
5 . शहर किस प्रकार की क्रियाओं का केन्द्र होते हैं ?
उत्तर – शहर राजनीतिक प्राधिकार के केन्द्र होते हैं जहाँ दस्तकार , व्यापारी और अधिकारी बसते है ।
6. नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक – दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं ?
उत्तर – शहरों का सामाजिक जीवन आधुनिकता के साथ अभिन्न रूप से जोड़ा जा सकता है । वास्तव में यह एक दूसरे की अनभिव्यक्ति है । शहरों को आधुनिक व्यक्ति का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है ।
7. नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक हैं ऐसी मान्यता क्यों बनी है ?
उत्तर – लंदन अगर एक ओर मनीषियों और धनी लोगों का शहर था तो दूसरा सूत्य यूह भी था कि ये अवसर केवल , कुछ व्यक्तियों को ही प्राप्त थे जो सामाजिक तथा आर्थिक विशेषाधिकार प्राप्त अल्पसंख्यक वर्ग थे जो पूर्णरूपेण उन्मुक्त तथा संतुष्ट जीवन जी सकते थे । चूंकि अधिकतर व्यक्ति जो शहरों में रहते थे , बाध्यताओं में ही सीमित थे तथा उन्हें सापेक्षिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी ।
8. नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार के आंदोलन या प्रयास से बने ?
उत्तर – डेविड थॉम्सन के अनुसार , इस औद्योगीकरण का सबसे बड़ा प्रभाव सामाजिक नैतिक मूल्यों में बदलाव लाया और इसके कारण एक नई चेतना जागृत हुई ।
9. व्यावसायिक पूंजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया ?
उत्तर – शहरों की बढ़ती आबादी के साथ उन्नीसवीं शताब्दी में अधिकतर आंदोलन जैसे – चार्टिडिग दस घंटे का आंदोलन में पुरुष भी बड़ी संख्या में एकजुट हुए . व्यवसायी वर्ग – नगरों के उदभव का एक प्रमुख कारण व्यावसायिक पूँजीवाद के उदय के साथ संभव हुआ ।
10. शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही ?
उत्तर – शहरों के उद्भव ने मध्यम वर्ग को भी शक्तिशाली बनाया । एक नये शिक्षित वर्ग का अभ्युद्य जहाँ विभिन्न पेशों में रहकर भी औसतन एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभर कर आये एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किये गये ।
11. अमिक वर्ग का आगमन शहरों में किस परिस्थितियों के अन्तर्गत हुआ ?
उत्तर – आधुनिक शहरों में जहाँ एक ओर पूँजीपति वर्ग का अभ्युदय हुआ तो दूसरी और अमिक वर्ग । सामती व्यवस्था के अनुरूप विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के द्वारा सर्वहारा वर्ग का शोषण प्रारम्भ हुआ , जिसके परिणामस्वरूप शहरों में श्रमिक वर्ग का आगमन हुआ ।
12. शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया ?
उत्तर– शहरो ने आवास और जलापूर्ति की समस्याओं को जन्म दिया क्योंकि शहर के अनियोजित विस्तार के कारण 1850 तक शहर में आवास और जलापूर्ति की समस्या बढ़ चुकी थी ।
परियोजना कार्य :
1. अपने शहर में पांच तरह की इमारतों को चुनिए । प्रत्येक के विषय में जानकारी प्राप्त करें । उन्हें बनाने का निर्णय क्यों लिया गया ? उनके लिए संसाधनों की व्यवस्था केसे की गई , उनके निर्माण का उत्तरदायित्व किसे सौंपा गया । इन इमारतों के स्थापत्य संबंधी आयामों का वर्णन करें और औपनिवेशिक स्थापत्य से उनकी समानताओं या भिन्नताओं को चिन्हित कीजिए ।
उत्तर – छात्र शिक्षक की मदद से स्यय करें ।
2.जानकारी प्राप्त करें कि आपके शहर में स्थानीय प्रशासन कौन – सी सेवाएँ प्रदान करता है क्या जलापूर्ति , आवास , यातायात , और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि सेवाएँ भी उन्हीं के द्वारा प्रदान की जाती है । इन सेवाओं के लिए संसाधनों की व्यवस्था कैसे की जाती है ?
उत्तर – छात्र शिक्षक की मदद से स्वयं करें ।