10th english

bihar 10th class QUALITY

 QUALITY

bihar 10th class QUALITY

class – 10

subject – english

lesson 4 – QUALITY

QUALITY
Summary In English : The author recalls his memory of a German shoemaker Mr. Gessler. He had settled in London. The author knew him from his young age.
Gessler lived with his elder brother in his shop . The shop was in small by street in a fashionable part of London. Gessler’s shop had no sign upon it other than the name of Gessler Brothers’, and in the window a few pair of boots. He only made what was ordered , and whatever he made never failed to fit. His boots seemed the young author mysterious and wonderful.
The author had once asked Gessler that wasn’t it a hard job making boots. It  is an art, replied Gessler. And than onwards the author kept on making the artist in Gessler and the art in his work. He found his shop restfully , as one enters a church. And found Gessler always lost in some dreams of boots.
The boots made by Gessler lasted for a long time. So , even willing the author could not visit
Gessler frequently.
Lather, one day the said to Gessler that the last pair of boots created. Gessler after some time remembered the boot and accepted that some boots are bad from birth. He said if he could do nothing to them he would take he would take them off the author’s bill. Such was his honesty.
Some time ahead , the author had visited Gessler in hurry in a boot not of his shop. Gessler felt said, pointing a said that those big firms have no self respect. Soon Gessler sank in himself and spoke long and bitterly against the big firms and discussed the conditions and troubles of his trade.
He went on saying that these big firms get work not by hard work, but snatch if from them who love to work with boots and his hard- hearted work they do through advertisement. The impressed author ordered many pairs of boots which lasted longer then ever.
After many months when the author went to meet Gessler, he thought that he is meeting his elder brother. But soon he came to know that it was Gessler himself and his elder brother had died. Gessler had turned many years old in these some months.
The author was agin in London after a year. This time more old grown Gessler really could not recognise the author. He had grown from sixty to seventy -five as it was seemed. Gessler pleaded to the author that it was a slack time and if he wanted boots he could make them quickly. The author gave him orders of new boots.
A week later, passing the street, the author thought of entering Mr. Gessler’s shop He wanted to thank him for the new boots which had fitted him very well. But he noticed that the shop was the same but his name was gone.
In the shop , he met a young man new English face. Who had taken over the shop. He confirmed the author that Mr. Gessler was dead due to starvation. Because of not being quick in the rat – race of this advertisement and consumerism world , where quickness was needed and not quality , But that man also considered that yes, Gessler was the best boot – maker in whole of the Landon.
The young man said that Gessler never gave himself time to eat properly. Never had a penny in the house. All went in rent and leather. Doctor said that he died of starvation. He was a character. But he was a very good shoemaker. The author ended the talk in said tone, ” I knew him, he made good boots.”

पाठ का सारांश
प्रस्तुत कहानी का लेखक जर्मन मोची मि. गैसलर से जुड़ी स्मृतियों को याद कर रहा है, जो लंदन में बस गया था। लेखक उसके युवावस्था से भी ही जानता था ,चूँकि वह उससे अपने पिताजी के जूते बनवाता था।
गेसलर अपनी दुकान में अपने बड़े भाई के साथ रहता था , जो लंदन के फैशनेबल (फैशन के से भरपूर) इलाके की एक गली में स्थित थी। गैसलर की दुकान पर’ गैसलर ब्रदर्स’ के अलावा ना कोई निशान था ,ना ही कुछ और लिखा था । बस खिड़कियों से झाँकते  चंद जूते दिखते थे । वह सिर्फ ऑर्डर के जूते बनाता था, जो ग्राहकों के पैरों में बिल्कुल फिट  होते थे । युवा लेखक को उसके जूते रहस्यमय और आश्चर्यजनक प्रतीत होते थे।
लेखक ने एक बार गोसलर से कहा था कि क्या जूते बनाना बड़ा कठिन काम नहीं होता?  गोसलर ने जवाब दिया था , “यह एक कला है और उसके बाद लेखक ने गोसलर में कलाकार और उसके बाद कामों में कला के तत्व ढूंढने शुरू कर दिए थे । उसने पाया कि गोसलर की दुकान किसी चर्च की भांति शांत स्थान है और यह भी पाया कि गोसलर जैसे हमेशा जूतों के स्वप्न देखता उनींदा रहता था।
‘ गोसलर के बने जूते बहुत दिनों तक चला करते थे। इस वजह से चाहकर भी लेखक उससे जल्दी नहीं मिल पाता था
लेखक ने कुछ  दिनों बाद मि. गोसलर से कहा कि उसके द्वारा बनाया अंतिम जूता चरचर कर रहा है ।कुछ समय बाद गोसलर ने जैसे उन जूतों को याद किया और कहा कि कुछ जूते शुरू से ही गलत होते हैं । उसने लेखक से उन जूतों को लाने को कहते हुए आगे कहा कि वह वह उसे ठीक कर देगा और नहीं कर सका तो उसके पैसे बिल मैं कम कर देगा ।
एक दिन लेखक हड़बड़ी में वह जोड़ी जूते पहनकर गोसलर की दुकान से चला गया जो कि उसके द्वारा नहीं बनाई गई थी । उन जूतों को देखते ही गोसलर उदास हो गया,  बाएँ जूते के एक ओर इशारा करते हुए उसने कहा कि वह इस जगह जूते में आरामदायक महसूस नहीं करता होगा और गेसलर सही था। तब उसने कहा कि बड़ी दुकानों में आत्म सम्मान नहीं होता पेट गैस जैसे अपने में कहीं खो गया और देर तक कड़वाहट भरे शब्दों में बड़ी दुकानों के खिलाफ बोलता गया और साथ ही साथ वही अपने व्यापार से जुड़ी  हालात और कठिनाइयों पर प्रकाश डालता गया ।
वह बोलता ही गया कि यह बड़े  फर्म (कंपनियाँ) ठीक से काम नहीं हासिल करते हैं बल्कि वे विज्ञापनों के बल पर जूतों से प्यार करने वालों से उनका काम है ह्रदयहीनता  के साथ छीन लेते हैं ।उनकी बातों से प्रभावित लेखक ने उससे कई जोड़ी जूतों के आर्डर डे डाला जो कि बहुत दिनों तक टिकाऊ रहें।
लेखक गोसलर से मिलने गया तो उसे लगा कि वह गोसलर के  बड़े भाई से मिल रहा है। और जल्दी ही उसे ज्ञात हो गया कि गोसलर  का भाई हाल ही में मर चुका है और इन कुछ ही महीनों में गोसलर अपने से कई साल बड़ी उम्र का बूढ़ा लगने लगा था।
लेखक फिर लंदन में एक साल के बाद आ गया था।  इस वक्त भी बूढ़ा दिखता गोसलर वाकई लेखक को नहीं पहचान सका । वह अचानक 60 वर्ष से 75 वर्ष का लगने लगा था। गोसलर ने लेखक से निवेदन किया (अनजान व्यक्ति समझ )की अभी चूँकि मंदी का दौर है इसलिए वह उसे जल्दी से जूते बनाकर दे सकता है । लेखक ने उसे वाकई कई जोड़ी जूते बनाने को ऑर्डर दे दिया।
दुकान में उसकी मुलाकात उस युवा अंग्रेज से हुई। उसने लेखक को बताया कि भूख की लड़ाई लड़ते गोसलर ने दम तोड़ दिया।चूँकि वह जल्दी काम नहीं करता था जबकि इस भागमभाग वाले दौर में विज्ञापनों और उपभोक्तावाद वाली दुनिया में क्वालिटी के बजाए जल्दी पर ध्यान दिया जाता है। लेकिन उस आदमी ने यह भी स्वीकार किया कि पूरे लंदन में गोसलर जूते बनाने में सर्वश्रेष्ठ था।
उस युवा आदमी ने यह भी कहा कि गोसलर कभी खाना खाने का ध्यान नहीं रखता था। उसके घर में एक भी पैनी (छोटी विदेशी मुद्रा) नहीं रहती थी। उसके सभी पैसे दुकान का भाड़ा और चमड़ों को खरीदने पर खर्च हो जाते थे । डॉक्टर ने बताया था कि भूख से मारा था । वह एक अजूबा चरित्र था। किंतु गोसलर एक बहुत अच्छा मोची ( जूते बनाने वाला ) था। लेखक ने दूसरी स्वर में इस वार्ता का अंत किया,” हाँ, मैं उसे जानता था, वह अच्छे जूते बनाता था।”

Can a Shoemaker ….,…………his life to his art.

Word Meanings: Extreme youth (phr): चरम जवानी। By – street (n): उप गली, पर। Fashionable (Adj): बना – ठना , शौकीन ।

हिंदी अनुवाद — मैं उसे अपनी चढ़ती जवानी के दिनों से जानता था ,क्योंकि वह मेरे पिताजी के छुट्टे बनाता था  । वह अपने बड़े भाई के साथ अपनी दुकान में रहता था ,जो लंदन शहर के एक फैशन दार इलाके की उप- गली( मुख्य सड़क से जोड़ने वाली एक छोटी गली) में स्थित था।

The shop hand ………… mysterious and wonderful.

Word Meanings: Certain (Adj):  विशेष। Distinction (n): विशेषता । Sign(n): निशान। Mysterious (Adj): रहस्यमय। Wonderful (Adj): आश्चर्यजनक।

हिंदी अनुवाद —उस दुकान की एक विशेष खासियत थी। उस पर ‘गोसलर ब्रदर्स’ लिखा हो छोड़ किसी प्रकार का कोई निशान तक  न था और (बस ) खिड़की पर रखे थे चांद जोड़ी जूते । वह सिर्फ ऑर्डर (मांगे गई) जूते बनाता था और जो भी वह बनाता था उसकी नाप सही-सही बनाने में वह कभी भी असफल नहीं होता था  । जूते बनाने में— जैसे जूते वह बनाता था— तब मुझे लगता था और अब भी वैसा ही लगता है ,जैसे वह रहस्यमय और आश्चर्यजनक हो।

I remember well ……………” I’d is an ardt!”.

Word Meanings: Shy remarks (n): शर्मीली टिप्पणी।  Stretching (v): फैलते/ बढ़ाते हुए।

हिंदी अनुवाद —मुझे अच्छी तरह से याद है, वह अपनी वह शर्मीली टिप्पणी ,एक दिन, जब मैं अपने युवा पैर को उसकी और बढ़ा रहा था (नाप देने के लिए )।” क्या बहुत कठिन कार्ड नहीं है मि. गोसलर और उसका उत्तर, उसकी लाल दाढ़ी  से झाँकती एक अचानक चली आई मुस्कान के साथ : यह एक कला है। ”

It was not possible ………..at his interruption.

Word Meanings : Terribly (Adj): भयंकर रूप से। Lasted terribly (phr): बहुत दिनों तक चलते थे।  Beyond (prep): पार, ऊपर बढ़कर।  Essence (n): स्वत:, सार, सुगंध। Restfully (adv): बहुत आराम से। Guttural (Adj): कर्कश ध्वनि , गड़गड़ाहट करते हुए।

हिंदी अनुवाद — उसके पास बहुत जल्दी-जल्दी जाना संभव नहीं था। उसके जूते विकट (भयंकर) रूप से लंबे अर्से (समय) तक चला करते थे, उनमें जैसे अस्थायी तत्वों से पार, जूतों का सारा कुछ मिल दिया गया हो।
अन्य  दुकानों की तरह उसकी दुकान में जाने के बजाय, जैसे चर्च में  जाते हैं लोग, वैसे ही शांति से प्रवेश कर एकमात्र पड़ी लकड़ी की कुर्सी पर बैठकर इंतजार करते थे। फिर गड़गड़ाहट से भरपूर भराई- सी आवाज सुनाई देती और चप्पलों की खट खट का शोर उस सन्नाटे को चीरता ,वह  पतली लकड़ी की सीढ़ियाँ उतरता, आपके सामने खड़ा हो जाता, बिना कोट के ,थोड़ा झुका हुआ, चमड़े के ओवरकोटनुमा  ऊपरी लबादे को पहने, जिसकी आस्तीनें उल्टी होती थीं—  उनींदा-सा दिखता वह अपनी पलकें यूँ मानो जूतों के किसी स्वप्न को देखते अचानक उठ पड़ा हो।

And I would say, ………………” I will ask my brudder .”

Word Meanings: Retiring (v): इंतजार करने के लिए अकेला छोड़ते हुए। Whence (adv): कहाँ से। Other portion (phr): दुकान का दूसरा हिस्सा। Inhaling (v): साँस लेता रहता। Incense (n): सुगंधित धूप।Trade (n): व्यपार। Fixed (Adj): स्थिर।  Conveniently (Adj): सावधानीपूर्वक। Brudder(n): भाई।

हिंदी अनुवाद —और मैं कहता ,” कैसे हैं आप मी.गेसलर?” क्या  आप मेरे लिए रूसी चमड़ों की बनी एक जोड़ी जूते बना सकते हैं?”
बिना एक शब्द कहे वह मुझे वही अकेला छोड़, दुकान के दूसरे हिस्से में चला जाता और मैं अकेला बैठा आराम कर रहा होता उसी लकड़ी की कुर्सी पर और उसके दुकान में फैली चमड़ों की सुगंध का आनंद लेता (सूँघता) रहता ।शीघ्र ही वह अपने हाथ में सुनहरे- भूरे( चमड़े की) प्रशंसा कर  टुकड़ा लिए लौट आता। उसी पर  अपनी निगाहें जमाए बोलता,” कितना सुंदर टुकड़ा है  ।”जब मैं भी उसकी (चमड़े की ) प्रशंसा कर चुका होता तो वह फिर बोलता ।”आप इन्हें कब तक चाहते हैं ? और मैं जवाब देता, ” ओह!” जितनी जल्दी आप आराम से बना सके और वह कहता ,”अगले पखवाड़े (15 दिनों के बाद)? यदि उसका बड़ा भाई उसका उसकी जगह होता तो कहता:” मैं अपने भाई से पूछूँगा।”

Then I would murmur, ……………to this dream of boots.

Word Meanings: Murmur (v): बुदबुदाता, बड़बड़ाता।

हिंदी अनुवाद —तब मैं बुदबुदाता ,” धन्यवाद, सुप्रभात मि. गेसलर ।” वह जवाब देता “सुप्रभात” पूर्व की भांति अपने हाथ में चमड़े के उस टुकड़े पर अपनी नजरें जमाए हुए। और जैसे ही मैं दरवाजे की ओर बढ़ता, मुझे उसके चप्पलों की आवाज सुनाई देती जो सीढ़ियाँ चढ़ रही होतीं। मानो वह पुन: अपने जूतों के स्वप्न में जाने की तैयारी कर रहा हो।

I cannot forget that day …………..” I don’t think so.”

Word Meanings: Occasion (n): अवसर। Creaked (v): कर्कश। Expecting (v): आशा करते हुए। Withdraw (v): वापस लेना। Quality the statement (phr): अपनी बातों को सुधार लूँ।

हिंदी अनुवाद —मैं उस दिन को नहीं भूल सकता  जब मैंने उससे यह कहने का अवसर पाया था ,” मि. गेसलर , आप जानते हैं, वह पिछली जूतों की जोड़ी चूँ- चूँ कर रही है ,उनमें घबराहट का शोर होता है।”
बिना जवाब दिए वह कुछ पलों के लिए मुझे देखता रहा ,जैसे मुझसे आशा कर रहा हो कि मैं अपना कथन वापस ले लूँ या उन्हें सुधार लूँ, तब कहा,” उसे चरमराना नहीं चाहिए।”
” पर वह चरमराता तो है।”
” अपने उन्हें जरूर भिगो दिया होगा ,या आपको इस बात का पता भी नहीं होगा कि आप उन्हें भी हो चुके हैं।”
” मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ होगा।”

” At that he lowered ……………..dem off your bill.”

Word Meanings: Lowered (v): नीची किया। Hunting for memory (v): याद करने की कोशिश कर रहा हो। Grave (Adj):  गंभीर।

हिंदी अनुवाद —”इस बात पर उसने अपनी नज़रें नीची कर लीं जैसे वह उन जूतों को याद करने की कोशिश कर रहा होऔर मुझे दुख हुआ कि क्यों मैंने गड़े मुर्दे उखाड़ दिया।” उन्हें वापस लाके देना, मैं उनको देखूँगा।”
” कुछ जूते,” वह धीरे-धीरे बोलता रहा ,” जन्म से (शुरू से )ही खराब होते हैं ।अगर मैं उन्हें ठीक नहीं कर सका, तो आपके दिल में उनकी कीमत को घटा दूँगा।”

Once (once only) I want ……………nod my book.”

Word Meanings : Emergency (n): बहुत जरूरी होने पर। Large (Adj) firm(n): बड़ी दुकान। Penetrating (v): छेद करने वाली।

हिंदी अनुवाद — एक बार (सिर्फ एक बार )में उसकी दुकान में बहुत सख्त जरूरत पड़ने पर एक बड़ी कंपनी की दुकान से खरीदी एक जोड़ी जूते पहने हुए चला गया था। उसने तब बिना कोई चमड़े का टुकड़ा दिखाए हुए ही मेरा ऑर्डर (मांग) लिया था और मैं उसकी आँखों को अपने पैरों पर के तुच्छ आवरण (जूतों )को छोद कर आर-पार देखता- सा महसूस कर रहा था ।आखिर मैं उसने कहा,” ये जूते मेरे नहीं है।”

The tone was ……………. quite comfortable.

Word Meanings: Tone (n): स्वर । Sorrow (n): दु:ख। Contempt (n): तिरस्कार। Froze (v):  जमा दिया। Comfortable (Adj):  आरामदेह।

हिंदी अनुवाद —  उसका स्वर ना तो क्रोध का था, न  ही दुःख भरा और न  ही तिरस्कार या अनादर वाला, बल्कि उन शहरों में कुछ ऐसा सर्द (ठंडापन )था जिसने मेरे खून को लगभग जमा सा दिया था  । उसने अपने हाथ नीचे किया और एक उँगली मेरे बाएँ जूते के उस भाग हिस्से पर रखकर दवाया जहाँ कि मुझे आरामदेह नहीं लगता था।

“I’d urds you dere ……………..of his trade.

Word Meanings: Bitterly (Adj): कटुता भरे स्वरों में। Discuss (v): चर्चा। Conditions(n): हालात। Hardships (n): कठिनाइयाँ।

हिंदी अनुवाद — उसने कहा,” यह तुम्हें यहाँ पर तकलीफ देता है,” ” उन बड़ी कंपनियों में आत्मसम्मान नाम की चीज नहीं होती।” और जैसे किसी चीज ने उसके अंदर के गुबार (उबाल ,गुस्सा )को बाहर फट पड़ने को उकसा दिया हो । वह देर तक और कड़वाहट भरे स्वर में बोलता गया। यह सिर्फ एकमात्र अवसर था जबकि मैंने उसके मुँह से उसके व्यवहार व्यापार से जुड़ी हालातों और परेशानियों पर उसे गहराई से चर्चा करते सुना था।

” Dey get I’d all, ” ………………….his red beard !

Word Meanings: Advertisement (n): प्रचार। Presently (adv): वर्तमान। Noticed (v): सावधानी से देखा। Struggle (n): संघर्ष। Grey hairs (phr): सफेद बाल।

हिंदी अनुवाद —” वे सब पा लेते हैं,” उसने कहा , वे यह सब कुछ काम के कारण नहीं, प्रचार के बल पा लेते हैं। वे हमलोगों से काम छीन लेते हैं ,जो कि अपने बनाए जूतों से प्यार करते हैं। और नतीजा — वर्तमान में अभी मेरे पास कोई काम नहीं है ।प्रत्येक वर्ष हमारे पास काम घटता जा रहा है ।” और उसके झुर्रीदार रेखाओं से भरे चेहरे पर मैंने ऐसी चीजें देखी, जिनपर पहले कभी ध्यान नहीं दिया था , कड़वी बातें और कड़वे संघर्षों की छाप उनमें खुदी हुई थी और अचानक मुझे उसकी लाल दाढ़ी में अनेक पके बाल नजर आने लगे।

” Yes ” he answered ………….. “Id’s a beautiful piece.”

Word Meanings: Bood (n): जूता। Indicate (v): इशारा करना ।

हिंदी अनुवाद — “हाँ ” उसने उत्तर दिया , वह  अच्छा इंसान था , उसने अच्छे जूते बनाए थे। पर वह मर चुका है ।”और उसने अपने सिर के ऊपरी भाग को छुआ जहाँ उसके बाल बहुत पतले हो गए थे और मुझे लगा कि वह अपने भाई की मृत्यु का कारण बता रहा है (एकदम पतला बूढा हो जाना ) ” क्या आप को जूते बनवाने हैं ? ” और उसने अपने हाथ में चमड़ा उठाया ,”यह एक अच्छा टुकड़ा है।”

I ordered several………………that I went abroad.

Word Meanings : Several (Adj): कई।
Abroad (n): विदेश।

हिंदी अनुवाद — मैंने कई जोड़ी जूतों के ऑर्डर दिए। उनको आने में मिलने में बहुत समय लग गया —लेकिन वे हमेशा की मानिंद तरह अच्छे थे बहुत अच्छे। कोई उनको सरलता से उतार देना चाहे( पैरों से ) संभव नहीं था। और उसके फौरन (तुरंत) बाद मुझे विदेश जाना पड़ा।

It was over a year ……………. with my own hand.”

Word Meanings: Pinched (Adj): लुटा हुआ। Worn(Adj): थका हुआ। Genuinely (adv): सच में। Shape (n): आकार। Flew down stairs (phr): दौड़कर सीढ़ियों से नीचे जाना।

हिंदी अनुवाद — एक साल से ऊपर हो गया था जब मैं फिर से लंदन में था। और पहली दुकान जिसमें मैं गया था, मेरे मित्र का था। मैं साठ वर्ष के एक आदमी को पीछे छोड़ गया था, वापस आने पर पाया कि वह 75 वर्ष का हो चुका है, लुटा -पिटा और थका- माँदा, जो कि वाकई इस बार मुझे नहीं पहचान पाया।
”  क्या आप को जूते चाहिए?” उसने कहा।” मैं उन्हें शीघ्र बना सकता हूँ, अभी मंदी का समय है।
मैंने जवाब दिया,” कृपया,  मुझे बहुत सारे जूते चाहिए— हर प्रकार के।
” मैं तो उन जूतों को भूल ही गया था जब यह एक शाम मुझे मुझ तक पहुंचे। एक-एक कर मैं उन्हें पहना । आकार और फिटिंग  में, बनावट -बुनावट में और चमड़े के स्तर में हुए जूते सर्वश्रेष्ठ थे, अब तक जितने भी जूते उसने बनाए थे ,सबसे श्रेष्ठ ।मैं  जिने( सीढ़ियों के नीचे दौड़ पड़ा ,एक चेक काटा और तुरंत अपने हाथों से उन्हें पोस्ट( डाक से) कर दिया।

A week later, ………………….name was gone .

Word Meanings : Passing (v): गुजरते हुए।  Splendidly (adv): शानदार तरीके से।

हिंदी अनुवाद — एक सप्ताह बाद, उस छोटी गली से गुजरते हुए मैंने सोचा कि जाकर उसे बता दूँ  कि कितना शानदार फिटिंग था उन जूतों का। लेकिन जब मैं वहाँ पहुँचा जहाँ उसकी दुकान हुआ करती थी, पाया कि उसका नाम दुकान के ऊपर नहीं था।

I went in very much …………. Wednesday week ”

Word Meanings : Disturbed (Adj): परेशान। Pleasure (n): आनंद। Taken over (n): ले चुके हैं। Received (v): पाया।

हिंदी अनुवाद — मैं बहुत परेशानी में अंदर गया। दुकान में, एक युवाअंग्रेज चेहरे वाला था।
मि. गेसलर अंदर है? ” मैं पूछा “नहीं श्रीमान सर ,”उसने जवाब दिया।” नहीं ,लेकिन जो भी कुछ चाहिए आपको हम खुशी से देंगे ।हम यह दुकान खरीद चुके हैं ।
“ठीक है, ठीक है,”  मैंने कहा,” किंतु मि.  गेसलर?”” ओह,”  उसने जवाब दिया ,”मर चुके।” ” मर गये! लेकिन पिछले बुधवार को ही तो मैंने ये जूते उनसे प्राप्त किए है।”

” But starvation !” ” That ……..made good boots !”

Word Meanings: Saying (n): वचन, लोकोक्ति। Penny (n): एक अंग्रेजी छोटी मुद्रा। Character (n): चरित्र।

हिंदी अनुवाद — “ऐसा कहना अतिशयोक्ति या आलकारिक  हो सकता है ,जैसा कहते हैं कहावत है— लेकिन मैं स्वयं जानता हूँ कि वह अपने जूतों के काम पर दिन-रात लगा रहता था, आखिरी दम तक लगा रहा आप जानते हो ही होंगे मैं उसे देखता रहता था । कभी खाने पर समय खर्च नहीं किया ,घर में कभी एक पेनी( छोटी अंग्रेजी मुद्रा) तक नहीं रखा उसका सब पैसा किराए पर और जमरोक पर खर्च हो जाता । कैसे वह इतने दिनों तक जिंदा रह गया, मैं नहीं जानता। उसने लगातार अपना चूल्हा बुझे ही रहने दिया। वह एक अजूबा चरित्र का इंसान था। पर उसने जूते अच्छे बनाए ।” “हाँ मैंने कहा,” वह अच्छे जूते बनाता था।”

EXERCISE
Let’s Discuss :

Q.1. Who was Mr. Gessler? How did the author know him ?
Ans. Mr. Gessler was a shoemaker. The author’s father made his boots from Mr. Gessler. The author used to go to Mr. Gessler’s shop , in the days of his extreme youth, with his father. So, the author know Gessler since his childhood.
Q.2. What was the author’s opinion about Mr. Gessler as a shoe maker ?
Ans. The author’s opinion about Mr. Gessler as a shoe maker was, that he was an artist of his work. He had the same skill and pride in his trade as any other artists, and the same respect for it too. The author says that Mr. Gessler had devoted his life completely to his art. He never compromised with his quality of work and work was worship for him.

Q.3. The work style of Mr. Gessler was unique. Explain.
Ans. Mr. Gessler never compromised with his work. Apart to other shoemakers he considered his work an art.He never advertised terribly of the lather or the time taken in completing the boots. He never advertised his work . He used best lather for the boots made by him. So, boots made by him lasted terribly. Thus , we see that the work style of Mr. Gessler was unique.
Q.4. Mr. Gessler was not successful in his trade. Why ?
Ans. Mr. Gessler was respected as the best bootmaker of London. But he was he was not successful in his trade as he was not a practical mam and didn’t change with the phas of time. So, he went on loosing his customers. Finally he became unsuccessful and started to death.

Q.5. Big firms are selling their products and making hold on the market through advertisement, offers and big shows. Low scaled and skilled artists are being out of trade. How? Give your own opinion with the reference to the lesson. ” Quality”.

Ans. Mr. Gessler rightly said in the lesson” Quality” that big firms don’t have self-respect. They get work or business not through their good work, or hard labour, or quality, but they do it all by advertisement. This way they snatch work from good workers as Mr. Gessler who love their work. It comes to a result that good workers or small shops get every year less work and they are thus forced to close their shops or to face starvation which lead to death. And thus had died Mr. Gessler. So , we see that big firms are against quality and only concerned to bag anyhow money; just a matter of greed …… It’s crime.

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